नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा ने नरेंद्र मोदी सरकार की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि ‘जामातलाशी नहीं’ होने वाले लोगों की सूची से उनके नाम को हटाने का वह इंतजार ही कर रहे थे. वाड्रा ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है. आपको बता दें कि हवाई अड्डों पर उनकी जामातलाशी नहीं की जाती थी. इस सुविधा को सरकार ने वापस ले लिया है.
वाड्रा ने कहा कि वह इस कदम का इंतजार कर ही रहे थे क्योंकि वह कोई ‘अति विशिष्ट व्यक्ति ’नहीं हैं. उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘आखिरकार मैं प्रसन्न हूं और इस तथाकथित सुरक्षा छूट विशेषाधिकार को खत्म किये जाने का इंतजार करता रहा हूं.’’ यह विशेषाधिकार, जिसका कभी इस्तेमाल नहीं किया गया.’’
वाड्रा ने कहा, ‘‘मैं इस वीवीआईपी सूची से अपना नाम हटाने के लिए लिखित सहमति देने के लिए पूरी तरह से तैयार रहा हूं। मैं वीआईपी नहीं हूं और पहले भी इस पर अपना नजरिया व्यक्त कर चुका है. कृपया, कुछ-कुछ दिनों में इस खबर से लोगों के समय की बर्बादी बंद हो.’’ उनकी प्रतिक्रिया सरकार द्वारा उनका विशेषाधिकार खत्म करने के कदम की पृष्ठभूमि में आयी है. गृह मंत्रालय ने नागर विमानन मंत्रलय से दलाई लामा और वाड्रा सहित लोगों की 33 श्रेणियों की सूची की समीक्षा की उसकी योजना पर आगे बढने को कहा है जिन्हें देश के हवाईअड्डों पर जामातलाशी से छूट मिली हुयी है.
गृह मंत्रालय ने कहा है कि वह नहीं समझता कि वाड्रा को ऐसा कोई विशेष गंभीर खतरा है कि उन्हें ‘जामातलाशी नहीं’ सूची में शामिल किया जाए लेकिन उसने नागर विमानन मंत्रालय को स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप से मशविरा के बाद ही अंतिम निर्णय लेने को कहा, जो उनकी पत्नी प्रियंका गांधी की सुरक्षा करता है. इस समय, अगर वाड्रा अपनी एसपीजी सुरक्षा के साथ यात्रा करते हैं तो हवाईअड्डे पर उनकी जामातलाशी नहीं होती है. अगर उन्हें इस खास सूची से बाहर कर दिया जाता है तो उन्हें एसपीजी सुरक्षा के बावजूद सभी हवाईअड्डों पर जामातलाशी से गुजरना होगा.
संभावना है कि नागर विमानन मंत्रालय नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो के साथ सूची को छोटी करने के मकसद से लोगों की 33 श्रेणियों की समीक्षा शुरु कर सकता है. मौजूदा ‘नो फ्रिस्क’ सूची में राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, विपक्ष के नेता , उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री, राज्यपाल और दूत शामिल हैं. एसपीजी की सुरक्षा जिन्हें मिली हुयी है उनकी भी जामातलाशी नहीं होती है जैसे कि वाड्रा की पत्नी प्रियंका गांधी और राहुल गांधी.