‘हाथी चले बाजार, कुत्ता भौंके हजार’- देश के मौजूदा हालात पर यह मुहावरा सटीक बैठता है. सत्ताधारी पार्टी के प्रमुख केंद्रीय मंत्रियों, राज्य के मुख्य मंत्रियों सहित अन्य पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग रहे हैं.
कांग्रेस व विपक्षी पार्टियां लगातार चीख रही हैं. मीडिया नित नये-नये पर्दाफाश कर रहा है. बावजूद इसके सरकार पर कोई असर पड़ता नहीं दिखायी दे रहा है. ऐसी ही परिस्थिति में यूपीए-2 के प्रधान मंत्री के मौन रहने पर मोदी जी उन्हें ‘मौनमोहन सिंह ’ की उपाधि दी थी.
क्या मोदी अपने पूर्ववर्ती के पदचिह्नें पर चल रहे हैं? देश में मचे कोहराम और शोर पर हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी का मौन हैरान और परेशान करता है. मनमोहन सरकार पर जब कोयला खान आवंटन पर संसद मे हमला हुआ था, तो उन्होंने जवाब दिया था, ‘हजारों जबाबों से अच्छी मेरी खामोशी है. इसी राह पर मोदी भी हैं.
अंबिका दास, सोनारी, जमशेदपुर