वाशिंगटन : फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि पाकिस्तान की ओर से उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी. जुकरबर्ग ने कहा कि एक चरमपंथी संगठन उन्हें फांसी दिलाना चाहता था क्योंकि उन्होंने अपने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक से इस्लाम विरोधी तथ्यों को बैन करने से इनकार कर दिया. उस चरमपंथी को ऐसे तथ्यों पर आपत्ति थी.
जुकरबर्ग ने पैरिस हमले के बाद अपने फेसबुक पेज पर लिखा, ‘कुछ साल पहले पाकिस्तान में एक चरमपंथी मुझे फांसी की सजा दिलाए जाने के लिए लड़ रहा था क्योंकि फेसबुक ने तथ्यों को बैन करने से इनकार कर दिया था.’ जुकरबर्ग ने कहा कि धमकी के बावजूद वह अपने फैसले पर अडिग रहे. उन्होंने कहा, ‘हम अपने फैसले पर टिके रहे क्योंकि अलग-अलग विचार, कभी-कभी अपमानजनक भी, इस दुनिया को बेहतर और ज्यादा दिलचस्प बना सकते हैं.’
उन्होंने कहा कि फेसबुक हमेशा एक ऐसा स्थान रहा है जहां पूरी दुनिया के लोग अपनी राय और अपना नजरिया साझा करते हैं. फेसबुक के संस्थापक ने कहा, ‘हम हरेक देश का कानून मानते हैं लेकिन हम किसी देश या कुछ लोगों के समूह को पूरी दुनिया के लोगों की साझेदारी पर हावी नहीं होने देंगे.’
उन्होंने आगे लिखा, ‘हालांकि मैंने पैरिस हमले और चरमपंथ को लेकर मेरे अनुभव पर प्रकाश डाला लेकिन हमारे लिए जरूरत इस बात की है कि हम उन चरमपंथी समूहों को खारिज करें जो दुनियाभर के लोगों की आवाज और उनके विचारों पर रोक लगाना चाहते हैं. कम से कम फेसबुक पर तो मैं ऐसा कभी नहीं होने दूंगा.’
जुकरबर्ग ने कहा, ‘मैं हिंसा से हटकर बोलने की आजादी दिए जाने की सेवा को ताकतवर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूं. मेरी भावना पीड़ितों, उनके परिजनों, फ्रांसवासियों और पूरी दुनिया के वैसे लोगों के साथ जुड़ी है जो वैसे विचारों और नजरिए को भी साझा करते हैं जिसके लिए हिम्मत की जरूरत पड़ती है. मैं भी शार्ली हूं.’