सिलीगुड़ी:सोना तस्करी का सिलीगुड़ी ट्रांजिट प्वाइंट बन गया है. स्मगलरों के लिए विदेशों से अवैध सोना लाकर सिलीगुड़ी के रास्ते अन्य जगहों पर खपत करने का सबसे सरल मार्ग है. स्मगलरों के लिए सिलीगुड़ी सबसे सुरक्षित जगह है.
चार दिनों के भीतर ही एक बार फिर डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआइ) की सिलीगुड़ी विंग ने बीती रात खुफिया सूचना के आधार पर माटीगाड़ा स्थिर उत्तरायन टाउनशिप में मुहिम चलाकर चार अंतरराष्ट्रीय तस्करों को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. डीआरआइ के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इनके पास से 41 सोने के बिस्कुट बरामद हुए हैं. जिनका वजन करीब 28 किलो है. अंतरराष्ट्रीय मार्केट में इनकी कीमत 7 करोड़ 66 लाख 48 हजार 545 रुपये आंकी जा रही है.
बरामद सोने के बिस्कुटों पर स्वीट्जरलैंड, आस्ट्रेलिया, हांगकांग व अन्य देशों के हॉलमार्क के मोहर लगे हैं. तस्करों की शिनाख्यत नेपाल के सालूकंभू निवासी अंकरमा शेरपा (27), काठमांडू निवासी श्रीविष्णु फ्यूल (38) एवं उत्तर प्रदेश के चित्रकूट निवासी श्याम सुंदर मिश्र (31) व संजय मिश्र (19) के रूप में हुई है. इनके पास से डीआरआइ ने दो लक्जरी कारें बोलेरो व वैगन आर भी जब्त किये हैं. मिली जानकारी के अनुसार, अवैध सोने का इतना बड़ी खेप लेकर ये लोग नेपाल के रास्ते से सिलीगुड़ी पहुंचे थे. नेपाल से बोलेरो कार से सिलीगुड़ी के नजदीक माटीगाड़ा के उत्तरायन टाउनशिप में पहुंचे. यहां बोलेरो छोड़ कर वैगन आर कार पर सवार होकर कोलकाता जाने की योजना थी. कोलकाता रवाना होने से पहले ही डीआरआइ की टीम ने चारों को रंगे हाथ धर-दबोचा.
चारों को आज सिलीगुड़ी कोर्ट में पेश किया गया. गौरतलब है कि चार दिन पहले 15 दिसंबर, यानी बुधवार को भी डीआरआइ की टीम ने सिलीगुड़ी के हिलकार्ट रोड के मल्होत्र टावर के सामने से दो अंतरराष्ट्रीय तस्करों को अवैध सोने के साथ गिरफ्तार किया था. इनमें एक तस्कर रूपम घोष सिलीगुड़ी के हाकिमपाड़ा व दूसरा विजय भगत महाराष्ट्र के खानपुर का रहने वाला है. इनके पास से डीआरआइ ने 6 सोने की बिस्कुट बरामद की थी. जिनका वजन 6 किलो था और इनकी कीमत एक करोड़ 66 लाख 28 हजार रुपये आंकी गयी थी. इसी वर्ष कुछ महीने पहले भी स्थानीय सेवक रोड के एक नर्सिग होम के सामने से भी राह चलते दो अंतरराष्ट्रीय तस्कर भी सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट के डिटेक्टिव डिपार्टमेंट (डीडी) के हत्थे चढ़े थे.