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2009 की तुलना में 7.13% अधिक मतदान
धनबाद : धनबाद जिले के छह विधानसभा क्षेत्रों में रविवार को शांतिपूर्ण ढंग से मतदान संपन्न हुआ. कहीं से किसी हिंसक झड़प या नक्सली घटना की सूचना नहीं है. जिले में औसत 59.16 प्रतिशत मतदान हुआ. वहीं वर्ष 2009 में जिले में 52.03 फीसदी मतदान हुआ था. उपायुक्त सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी प्रशांत कुमार ने […]
धनबाद : धनबाद जिले के छह विधानसभा क्षेत्रों में रविवार को शांतिपूर्ण ढंग से मतदान संपन्न हुआ. कहीं से किसी हिंसक झड़प या नक्सली घटना की सूचना नहीं है. जिले में औसत 59.16 प्रतिशत मतदान हुआ. वहीं वर्ष 2009 में जिले में 52.03 फीसदी मतदान हुआ था.
उपायुक्त सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी प्रशांत कुमार ने बताया कि सभी मतदान केंद्रों पर शांतिपूर्ण मतदान हुआ. हर विधानसभा क्षेत्र में वोटिंग प्रतिशत भी बढ़ा. सिंदरी में 65, निरसा में 63, झरिया में 52, बाघमारा में 58, टुंडी में 62 तथा धनबाद में 55 प्रतिशत मतदान हुआ. मतदान प्रतिशत में पीठासीन पदाधिकारियों की डायरी पढ़ने के बाद बदलाव हो सकता है. कहीं से किसी गड़बड़ी की सूचना नहीं है. झरिया के एक मतदान केंद्र पर एक मतदान कर्मी की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें नर्सिग होम में भरती कराया गया. उन्हें रिप्लेस भी कर दिया गया. धनबाद में पहली बार वीवी पैड का इस्तेमाल हुआ, जो पूरी तरह सफल रहा.
सफलतापूर्वक हुआ मतदान
एसपी हेमंत टोप्पो ने बताया कि सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम था. केंद्रीय सुरक्षा बल बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआइएसएफ के 65 कंपनियों को चुनाव ड्यूटी में लगाया गया था. इसके अलावा जिला पुलिस बल के जवानों की भी तैनाती की गयी थी. हर मतदान केंद्र पर सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती की गयी थी. मतदान केंद्रों के पास राजनीतिक दल या प्रत्याशियों के समर्थकों का जमावड़ा नजर नहीं आ रहा था.
जेएमएम के अभिकर्ता गिरफ्तार, रिहा
टुंडी विधानसभा क्षेत्र में झामुमो प्रत्याशी एवं वर्तमान विधायक मथुरा प्रसाद महतो के एक एजेंट के एक मतदान केंद्र पर झंडा, बैनर के साथ पहुंचने पर तनाव उत्पन्न हो गया. एसपी के अनुसार श्री महतो के चुनाव एजेंट आकाश तिवारी के खिलाफ आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया. जमानतीय धारा के तहत मामला दर्ज होने के कारण उन्हें जमानत दे कर रिहा कर दिया गया.
नक्सलियों के वोट बहिष्कार का नहीं दिखा असर
तोपचांची. नक्सल प्रभावित टुंडी विधान सभा के प्रखंड अंतर्गत पड़ने वाले 127 बूथों पर कड़ी सुरक्षा के बीच हिंसारहित मतदान हुआ. यहां 55 प्रतिशत मतदातान की सूचना है. मौसम खराब होने के बाद भी मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें देखने को मिलीं. उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के बूथों पर नक्सलियों द्वारा वोट बहिष्कार की घोषणा का कोई असर होता नहीं दिखा. ग्रामीण घरों से निकल बूथों तक पहुंचे और बेखौफ मतदान किया. जीटी रोड की उत्तर पहाड़ियों में माओवादियों ने वोट बहिष्कार से संबंधित बैनर, पोस्टर व दीवार लेखन कर रखा था. इसके विपरीत मतदान में बुलेट पर बैलेट भारी पड़ा़ सुबह ही से लंबी कतारें देखने को मिलीं. पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं अधिक संख्या में वोट डालने पहुंचीं.
जवानों ने नहीं दिया माओवादियों को अवसर : अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों पर 50 घंटे पूर्व सीआरपीएफ, आइटीबीपी, झारखंड पुलिस के जवानों को भेज दिया गया था़ मतदान केंद्रों की इस कदर मोर्चाबंदी की गयी थी कि माअोवादियों को कोई अवसर नहीं मिला. तोपचांची प्रखंड अर्धसैनिक बलों के हवाले था़ जवानों की मोर्चाबंदी से नक्सली अपनी मांद से बाहर नहीं निकले. मदनपुर, डोमनपुर, बेलमी विद्यालय में वोट बहिष्कार की बात हवा निकली. अंतिसंवेदनशील क्षेत्र के मतदान केंद्र पर मतदाताओं की भीड़ उमड़ी.
और दोपहर एक बजे तक 45 प्रतिशत मतदान हो चुका था़
लोग आते गये और मतदान चलता रहा
धनबाद. धनबाद विधान सभा क्षेत्र में 12 प्रत्याशियों के भाग्य इवीएम में कैद हो गये. यहां 55 प्रतिशत मतदान पड़ा. ठंड और कोहरा के कारण मतदान की रफ्तार धीमी रही. यहां वीवी पैट के कारण सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक वोट पड़े. लोगों के लिए यह अनुभव नया और आनंददायक था कि उन्होंने जिसे वोट दिया था, उसे वह एक पुरजे में देख पा रहे थे. शहरी और कोलियरी क्षेत्रों में धीमी गति से मतदान होता रहा. कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. राजनीति दलों के कार्यकर्ता भी आक्रामक मूड में नहीं थे. किसी तरह की उकसाने वाली कार्रवाई भी नहीं हुई. सुरक्षा के कड़े प्रबंध थे.
गैंग्स ऑफ वासेपुर के कारण सुर्खियों में आये वासेपुर इस बार अपेक्षाकृत शांत रहा. यहां बुलेट नहीं बैलेट का जादू चला. महिलाएं, युवा व बुजुर्ग बढ़ चढ़ कर मतदान कर रहे थे. वासेपुर, नया बाजार, कमर मकदुमी रोड, पांडरपाला, आजाद नगर, शमशेर नगर, आरा मोड़, न्यू मटकुरिया व अन्य बूथ पर शांतिपूर्ण मतदान देखने को मिला.
सूरज नहीं निकला, निकले वोटर
सुबह सात बजे से ही वोटर घर से निकल कर मतदान केंद्र पर पहुंचे. सुबह पूरी सड़क खाली रही, कुछ मतदान केंद्र पर थोड़ी बहुत भीड़ देखने को मिली. अधिकतर बूथ पर लंबी कतार देखने को नहीं मिली. दोपहर के समय कई मतदान केंद्र खाली खाली दिखे.
भूली बस्ती स्थित बूथ संख्या 35 व 36 में वोटरों का उत्साह देखने लायक था. भूली व वासेपुर क्षेत्र के इसी बूथ पर वोटरों की लंबी कतार थी. वोटर सुबह सात बजे से ही मतदान केंद्र पर पहुंच चुके थे. यह सिलसिला दोपहर दो बजे तक जारी रहा. जबकि आजाद नगर स्थित बूथ संख्या 29 क व 29 ख, 33, 34, भूली बीटीए 27, 28, 32 में भी वोटिंग स्थिति सामान्य दिखी. वोटर दिन भर आते रहे, जबकि लंबी कतार नहीं मिली. वहीं शमशेर नगर पांडरपाला बूथ संख्या 57 की स्थिति ठीक ठाक थी.
हल्की नोक-झोंक के बीच मतदान
झरिया. झरिया विधान सभा क्षेत्र के 14 प्रत्याशियों का भविष्य रविवार को इवीएम में बंद हो गया. लगभग दो लाख 66 हजार मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग 346 मतदान केंद्रों पर किया. इस दौरान कुछ बूथों पर हल्की नोक-झोंक की सूचना है. इसके अलावा मतदान शांतिपूर्ण रहा. ठंड के कारण मतदान पर असर देखा गया ,लेकिन तीन बजे तक 52 फीसदी वोट पड़े थे. दोपहर 12 बजे तक 35 प्रतिशत पोलिंग हुई थी.
उसके बाद मतदाताओं की संख्या में वृद्धि हुई. दो बजे तक 50 प्रतिशत पोलिंग हो चुकी थी. झरिया सीओ सागरी बराल ने बताया कि तीन बजे तक करीब 56 प्रतिशत मतदान हुआ. वर्ष 2009 के विस चुनाव में झरिया में 44.29 प्रतिशत वोट पड़े थे. पूरी चुनाव प्रक्रिया पर दंडाधिकारी के रूप में सीओ सागरी बराल, संजीव कुमार पांडेय व राम प्रवेश नजर रखे हुए थे. संवेदनशील व अतिसंवेदनशील बूथों पर एसपी हेमंत टोप्पो ने निरीक्षण किया. ऑब्जर्वर को भी बूथों का मुआयना करते देखा गया.
मासस व कांग्रेस समर्थक भिड़े
लोदना ओपी क्षेत्र के लोदना पंचायत भवन स्थित मतदान संख्या-136, 137 पर वोट दिलाने के सवाल पर मासस व कांग्रेस समर्थक आमने-सामने आ गये. तू-तू, मैं-मैं के बाद ये लोग हाथापाई पर उतर गये. सूचना मिलते ही पुलिस बल वहां पहुंच गया और दोनों पक्षों के लोगों को वहां से खदेड़ दिया. वहीं बूथ संख्या 78 व 79 उर्दू प्राथमिक विद्यालय, ऊपर कुल्ही में कांग्रेस व मासस समर्थकों में झड़प व हाथापाई हुई. शिमलाबहाल बस्ती स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय की बूथ संख्या 50 पर एक कांग्रेस समर्थक वोट देने जा रहा था. इसी दौरान एक भाजपा समर्थक द्वारा जबरन बटन दबाने की बात कही जा रही है. बूथ से बाहर निकलने के बाद कांग्रेस समर्थक ने प्रत्याशी से इसकी शिकायत की. नोक-झोंक के बाद भाजपा समर्थक वहां से खिसक गया.
युवा मतदाताओं में दिखा जोश
सिंदरी/गोविंदपुर/बलियापुर : सिंदरी क्षेत्र में सर्द व ठंड हवाओं के बीच उत्साहवर्धक मतदान हुआ. नये और युवा मतदाताओं में मतदान के प्रति गजब का उत्साह दिखा. बुजुर्गो व महिलाओं ने कतार में लग कर लोकतंत्र के इस महा पर्व में अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया. जातीय गोलबंदी एवं निगेटिव वोटिंग की प्रवृत्ति भी कई जगह दिखी. कहीं से भी मारपीट गड़बड़ी की सूचना नहीं है.
सरकार सब देख रही है
गोसांईडीह के बूथों में खास बात यह थी कि महिलाओं की कतार पुरुषों से ज्यादा लंबी थी. कतार में खड़ी महिलाएं मतदानकर्मियों की सुस्ती को कोस रहे थे. कुछ महिला-पुरुष देर होने से हल्ला मचाने लगे तो यहां के तीनों बीएलओ ने समझाया बुझाया कि यह वेब कास्टिंग बूथ है. बूथों में कैमरा लगा है. सरकार सब देख रही है, तभी सभी शांत हो जाते हैं. यहां डीएन सिंह ने कहा कि युवा एवं महिलाओं का ऐसा उत्साह कभी नहीं देखा. सेठ सुखी राम मध्य विद्यालय को विद्यालय परिवार की ओर से काफी साफ सफाई करायी गयी थी. यहां के दोनों बीएलओ मनीष भगत एवं विजय कुमार राय ने पहले मतदान करने आये 25 मतदाताओं का गुलाब से स्वागत किया.
सड़क पर सन्नाटा, दुकानें रहीं बंद
गोविंदपुर बाजार क्षेत्र की अधिकांश दुकानें बंद रही. जीटी रोड पर गाड़ियों का आवागमन नहीं के बराबर हुआ. बाजार काफी प्रभावित रहा.
साढ़े छह बजते ही लग गयी कतार
बेसिक स्कूल, सेठ सुखी राम मध्य विद्यालय, उच्च विद्यालय बागसुमा, उच्च विद्यालय गोविंदपुर, उत्क्रमित मध्य विद्यालय कुलबेड़ा जैसे कई बूथों में सुबह साढ़े छह बजे से ही मतदान के लिए कतार लगने लगी.
दिन चढ़ने के साथ ही मतदान में तेजी
बाघमारा/बरोरा. बाघमारा विधानसभा क्षेत्र में 58 फीसदी मतदान हुआ. कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़ कर चुनाव शांतिपूर्ण रहा. मतदान के प्रति लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था. प्रात: नौ बजे तक 14़ 87 प्रतिशत मतदान हो चुका था. जैसे-जैसे दिन चढ़ा, मतदान में तेजी आती गयी. 11 बजे तक मतदान का प्रतिशत 34 हो गया. तीन बजे तक मतदान केंद्रों पर वोटरों की लंबी कतार देखी गयी. विस के 314 बूथों पर 58 प्रतिशत मतदान की खबर है. शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में अधिक मतदान हुआ.
फर्जी मतदान की बात सामने आयी
सिनीडीह के तीन बूथों मांद्रा की बूथ संख्या 54, 55, 56 पर एक दल विशेष के लोगों द्वारा फर्जी मतदान की सूचना बाघमारा बीडीओ को दी गयी. जांच में ऐसा कुछ भी नहीं निकला़ वहीं बूथ नंबर 53 पर 11 बजे मशीन में गड़बड़ी आने के कारण इसे बदला गया. बूथ संख्या 57, 204, 281, 195, 134 पर भी इवीएम मशीन मतदान प्रारंभ होने के समय बदलनी पड़ी. 13 बूथों पर वेब कास्टिंग की व्यवस्था की गयी थी. 40 बूथों पर मतदाताओं की स्टील फोटोग्राफी की व्यवस्था प्रशासन ने की थी़
आशंकाएं निमरूल साबित, शांतिपूर्ण वोट
बाघमारा. तनावपूर्ण विधानसभा क्षेत्र के रूप में चिह्न्ति बाघमारा विस में मतदान बिल्कुल शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त हो गया. अप्रिय घटना घटने की सारी आशंकाएं निर्मूल साबित हुई. बाघमारा जैसे राजनीतिक संवेदनशील क्षेत्र में शांतिपूर्ण मतदान के के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली. जदयू व भाजपा समर्थक लड़ने की जगह वोटिंग में व्यस्त रहे. जिसकी जहां चली, बोगस भी कराया. भले ही सूर्य नौ बजे के बाद आसमान में देखने को मिला, लेकिन मतदाताओं सात बजे के पहले से ही कतार पर लग गये थे.
ग्रामीण तय करेंगे लाल गढ़ का भविष्य
निरसा. कोयलांचल का लाल गढ़ निरसा के 11 प्रत्याशियों का भविष्य एक बार फिर ग्रामीण मतदाता ही तय करेंगे. ग्रामीण इलाकों में मतदाता जहां सुबह से ही सजग थे, वहीं शहरी क्षेत्र के मतदाता थोड़ा कूल-कूल रहे. निरसा की पांड्रा पंचायत (उत्तर क्षेत्र) के आठ मतदान केंद्रों पर सुबह सात बजे ही मतदाताओं की कतार लग गयी थी. किसी-किसी बूथ पर तो तीन-तीन कतारें लगी थी. लेकिन कोई भी वोटर जल्दबाजी में नहीं था. सभी शांतिपूर्ण तरीके से बारी आने पर अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे थे. दोपहर 12 बजे तक आठ बूथों पर 60 प्रतिशत से अधिक मतदान हो चुका था. दिन चढ़ने के साथ वोटरों की संख्या घटती गयी. लेकिन, छिट-पुट रूप से वोटरों का आना-जाना जारी रहा. बीस हजार से अधिक आबादी वाले इस इलाके में दो पंचायतें हैं. दोनों ही पंचायत पिछले विधानसभा चुनाव में एक खास दल के पक्ष में खड़ा थी. इस बार यहां का समीकरण बदला हुआ नजर आ रहा था.
शहर में खामोशी से मतदान : निरसा, चिरकुंडा के शहरी क्षेत्र में मतदाता बड़े खामोशी से मतदान करते दिखे. बैनर-पोस्टर ले कर राजनीतिक दल के एजेंट नहीं के बराबर दिखे. मतदाता खुद-ब-खुद आ कर वोट डाल रहे थे एवं चुप-चाप निकल रहे थे.
मतादातओं की खामोशी ने राजनीतिक दलों एवं प्रत्याशियों की बैचेनी बढ़ा दी है.
शिकवा-शिकायत नहीं
अपराह्न एक बजे के करीब पांड्रा मंदिर, जो द्वापर युग में पांडवों ने बनाया था, में झामुमो प्रत्याशी अशोक मंडल अपने समर्थकों के साथ आराम से खड़े हो कर बातें कर रहे थे. इसी बीच भाजपा प्रत्याशी गणोश मिश्र भी वहां पहुंच गये. उन्होंने अपने समर्थकों से फीड बैक लिया. एक ही स्थान पर दो दलों केप्रत्याशी खड़े थे. लेकिन कोई शिकवा-शिकायत नहीं. यह दर्शाता है
कि मतदाता कितने जागरूक हो चुके हैं.
पोद्दारडीह, जो निरसा की पूर्व विधायक अपर्णा सेनगुप्ता का पैतृक गांव है, में भी सब कुछ सामान्य था. दोपहर होते-होते यहां भी 70 प्रतिशत से अधिक वोट पड़ चुके थे. लेकिन कोई किसी के खिलाफ न बोल रहा था और न ही विरोध कर रहा था.
ठंड में भी घर से निकले मतदाता
टुंडी. कोहरा एवं ठंड के बावजूद टुंडी विधान सभा क्षेत्र में मतदाताओं ने उत्साह से मतदान किया. टुंडी प्रखंड में खास कर पश्चिमी एवं दक्षिणी क्षेत्रों में लोग झुंड के झुंड मतदान को जा रहे थे. खास कर जाताखूंटी, फतेहपुर, मछियारा, भुसकी, नवादा एवं जीतपुर में दिन के बारह बजे तक लगभग पचास प्रतिशत मतदान हो चुका था. सभी क्षेत्रों में अर्धसैनिक बलों की मौजूदगी भी देखी गयी. ङिानाकी पंचायत भवन एवं उत्क्रमित मध्य विद्यालय में मतदाताओं की लंबी कतार लगी रही, जबकि अनेक मतदाताओं ने पोलिंग पार्टी पर मतदान धीमा करने का आरोप लगाया.
ङिानाकी के सेक्टर मजिस्ट्रेट सुशील कुमार जैन ने कहा कि तीन बजे तक जो भी मतदाता लाइन में लग जायेंगे, उनका मतदान करा दिया जायेगा. पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं में जबरजस्त उत्साह देखा गया. पश्चिमी टुंडी के परसा, पलमा एवं बस्तीकुल्ही के मतदाताओं का मतदान केंद्र इस बार नवादा कर दिया गया था, जबकि लोक सभा चुनाव में मतदाताओं ने जीतपुर में मतदान किया था. इस प्रकार दोनों ही स्थिति में मतदाताओं को तीन से चार किलो मीटर की दूरी तय करनी पड़ी. वर्ष 2009 में इन सबका मतदान केंद्र पलमा था, लेकिन सुरक्षा कारणों से वहां से मतदान केंद्र हटा लिया गया है.
मथुरा के पोलिंग एजेंट पर प्राथमिकी
टुंडी के बूथ नंबर चालीस में झामुमो के बूथ एजेंट आकाश कुमार तिवारी पर आचार संहिता उल्लंघन का मामला मतदान पदाधिकारी सुभाशीष पोद्दार ने टुंडी थाने में दर्ज कराया. एजेंट पर झामुमो प्रत्याशी मथुरा प्रसाद महतो के पोस्टर बैनर लेकर मतदान केंद्र में रहने का आरोप है. इधर, पूर्वी टुंडी के बूथ नंबर 129 गोपीनाथडीह के मतदाताओं ने बिजली एवं सड़क की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार कर दिया.
गुलाब से मतदाताओं का स्वागत, बिछा था रेड कारपेट
गोविंदपुर : गोविंदपुर में वेब कास्टिंग बूथों की संख्या 07 थी. उनमें गोसाईंडीह के तीन बूथ, उच्च विद्यालय गोविंदपुर के दो बूथ, उत्क्रमित मध्य विद्यालय देवली के दो बूथ शामिल थे. गोसांईडीह के बूथ संख्या 83 के बीएलओ बिशु कुमार, 84 के बीएलओ सुबोध कुमार गोप एवं 85 के बीएलओ राजीव कुमार सिंह ने इन तीनों बूथों में मतदान करने आये पहले 100 मतदाताओं को गुलाब देकर स्वागत किया. यहां मतदाताओं के स्वागत में रेड कारपेट बिछाया गया था. मतदाताओं के लिए मिनरल वाटर का इंतजाम था. अन्य आदर्श बूथ म़वि सेठ सुखी राम, आरएस मोर कॉलेज, उच्च विद्यालय गोविंदपुर, उमवि देवली में भी कुछ ऐसा ही इंतजाम था.
पोलिंग ऑफिसर की तबीयत खराब हुई
झरिया. आदर्श श्रमिक उच्च विद्यालय, गोलकडीह स्थित मतदान केंद्र संख्या 149 पर ड्यूटी के दौरान सेकेंड पोलिंग ऑफिसर रंजीत कुमार मुमरू की तबीयत अचानक खराब हो गयी. उन्हें तिसरा पुलिस ने तिसरा अस्पताल में भरती कराया, जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार कर पीएमसीएच भेज दिया. श्री मुमरू एलआइसी बरटांड़ में सहायक प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं. उनके स्थान पर राम प्रताप सिंह को पोलिंग अधिकारी बनाया गया.
ठंड से मतदाता बेहोश
टुंडी. गादी टुंडी बूथ नंबर 44की मतदाता सुबोधनी देवी मतदान केंद्र मे ठंढ से बेहोश होकर गिर पड़ी. बाद में उसे स्वास्थ्य उपकेंद्र लोधरिया में इलाज कराया गया.
इवीएम मशीन ने दिया धोखा
झरिया. भूतगढ़िया स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय की बूथ संख्या 36 की इवीएम मशीन खराब होने के कारण बदलनी पड़ी. करीब नौ बजे मशीन में तकनीकी समस्या आ गयी. उसकी जगह नयी इवीएम मशीन का प्रयोग किया गया.
बूथ 310 पर विलंब से शुरू हुई पोलिंग
झरिया. मतदान केंद्र संख्या 310 पर मतदान आधा घंटे देर से शुरू हुआ. इससे वोटरों को काफी परेशानी हुई. पता चला कि इवीएम मशीन में कुछ गड़बड़ी हो गयी थी. मशीन में सुधार कर पोलिंग चालू की गयी. डीएवी स्कूल की बूथ संख्या 104 में इवीएम मशीन सेट करने के चलते 48 मिनट विलंब से मतदान शुरू हुआ.
सूची से नाम गायब
झरिया. मतदान केंद्र संख्या 333 की मतदाता सूची से सुदामडीह रिवर साइड दो लाइन के बीच रहने वाली सुमित्र देवी, टुनटुन कुमार, राजकिशोर प्रसाद के नाम गायब थे. इसकी शिकायत मतदाताओं ने पीठासीन पदाधिकारी से की.
कड़ाके की ठंड भी नहीं रोक पायी मतदाताओं को
तोपचांची. सुबह से ही घना कोहरा और छिटपुट बारिश हो रही थी, लेकिन मतदाता सुबह सात बजे ही मतदान केंद्र पर पहुंच गये थे. इस दौरान भयमुक्त मतदान के लिए तोपचांची थानेदार के नेतृत्व में बड़ी संख्या में मोटरसाइकिल पर सवार पुलिस ने गश्त कर उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को मतदान के लिए प्रेरित किया. पुलिस अतिसंवेदनशील गांव नेरो, डोमनपुर, मदनपुर आदि का भ्रमण की. सभी के हाथ में एसएलआर, एके 47, कार्बाइन, लांचर थे.
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