कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी और पूर्व अलगाववादी नेता सज्जाद लोन की मुलाक़ात को राजनीतिक अवसरवाद करार दिया है.
मोदी-सज्जाद मुलाक़ात पर प्रतिक्रिया में कांग्रेस ने कहा कि मोदी की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद गनी लोन से मुलाक़ात दिखाती है कि ‘भाजपा राजनीतिक लाभ के लिए अलगाववादियों से हाथ मिला रही है’.
उधर, वित्त मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अरुण जेटली ने कांग्रेस के आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेता भी प्रधानमंत्री से मुलाक़ात कर चुके हैं.
सोमवार को मोदी से मिले सज्जाद लोन ने भी कहा कि इस मुलाक़ात के कोई राजनीतिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए.
सज्जाद की सफ़ाई
मोदी से आधे घंटे की मुलाक़ात के बाद सज्जाद लोन ने कहा था कि एक कश्मीरी होने के नाते वह प्रधानमंत्री से मिले थे और उन्होंने सितंबर में कश्मीर घाटी में आई बाढ़ से कश्मीरियों को हो रही परेशानियों के बारे में उन्हें अवगत कराया.
हालाँकि, मोदी और सज्जाद लोन की मुलाक़ात को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
सज्जाद लोन इससे पहले भाजपा महासचिव और अब केंद्र में मंत्री जेपी नड्डा और राम माधव से भी मिल चुके हैं.
भाजपा ने लोकसभा चुनाव में मिशन 272+ की तर्ज पर 87 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव के लिए मिशन 44+ की घोषणा की है.
जम्मू-कश्मीर में पांच चरणों में चुनाव होने हैं. पहले चरण का मतदान 25 नवंबर को होगा. 23 दिसंबर को मतगणना होगी.
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