23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

स्थानीयता की नीति पर झामुमो ने साधी चुप्पी

सुनील चौधरी रांची : झामुमो ने जिन सात शर्तो पर अर्जुन मुंडा की सरकार से समर्थन वापस लिया था, उनमें से तीन मुद्दों को पार्टी ने घोषणा पत्र में शामिल ही नहीं किया है. स्थानीय नीति पर पार्टी ने चुप्पी साध रखी है. आंदोलनकारियों को सम्मान व नौकरी देने के मामले को भी पार्टी ने […]

सुनील चौधरी
रांची : झामुमो ने जिन सात शर्तो पर अर्जुन मुंडा की सरकार से समर्थन वापस लिया था, उनमें से तीन मुद्दों को पार्टी ने घोषणा पत्र में शामिल ही नहीं किया है. स्थानीय नीति पर पार्टी ने चुप्पी साध रखी है. आंदोलनकारियों को सम्मान व नौकरी देने के मामले को भी पार्टी ने गौण किया है. पुनर्वास नीति पर भी पार्टी की स्पष्ट राय नहीं है, जबकि ये सब वही विवादित मुद्दे हैं, जिसे लेकर भाजपा सरकार से झामुमो ने समर्थन वापस लिया था.
क्या कहती है भाजपा
झामुमो ने जिन मुद्दों को लेकर भाजपा से समर्थन वापस लिया था, उनमें कई मुद्दे ऐसे हैं, जिसे पार्टी ने घोषणा पत्र में शामिल करना उचित नहीं समझा. यानी पार्टी की कथनी और करनी में अंतर है. सीएनटी-एसपीटी एक्ट को लेकर झामुमो भ्रम फैला रही है, जबकि निवर्तमान केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद पहले ही स्पष्ट कर चुके थे कि केंद्र द्वारा जिन पुराने कानूनों को समाप्त किया जा रहा है, उसमें सीएनटी और एसपीटी एक्ट शामिल नहीं है. जबकि, झामुमो की सरकार ने ही सीएनटी और एसपीटी एक्ट में टीएसी के जरिये संशोधन करने का प्रयास किया था.
अर्जुन मुंडा
पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता
क्या कहता है झामुमो
स्थानीय नीति को पार्टी ने छोड़ा नहीं है. इस पर काम बहुत आगे बढ़ चुका है. जो भी छह या सात मुद्दे थे, उस पर हेमंत सोरेन की सरकार ने काफी काम आगे बढ़ाया है. पार्टी ने नये काम को घोषणा पत्र में शामिल किया है. इसे करने की प्रतिज्ञा की है. कुछ लोग बेवजह इसे तूल देना चाह रहे हैं.
सुप्रियो भट्टाचार्य
महासचिव झामुमो

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें