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कैदियों की कमाई से पीड़ितों को सहारा

मोतिहारीः जिसने जख्म दिया है, अब उनके जख्मों पर मरहम भी उन्हीं को लगाना है. जी हां सेंट्रल जेल में सजा काट रहे कैदियों के मेहनत की कमाई से कटौती कर कुछ राशि उनसे पीड़ित परिवारों को जीवनयापन के लिए दिया जायेगा. सरकार से इस योजना की मंजूरी मिल गयी है. इस योजना के तहत […]

मोतिहारीः जिसने जख्म दिया है, अब उनके जख्मों पर मरहम भी उन्हीं को लगाना है. जी हां सेंट्रल जेल में सजा काट रहे कैदियों के मेहनत की कमाई से कटौती कर कुछ राशि उनसे पीड़ित परिवारों को जीवनयापन के लिए दिया जायेगा. सरकार से इस योजना की मंजूरी मिल गयी है. इस योजना के तहत जेल में कैदियों के मेहनत की कमाई का एक तिहाइ हिस्से की कटौती की जा रही है. उस राशि को कैदियों ने जिस परिवार के सर से सहारा छीना है, उस पीड़ित परिवार को दिया जायेगा.

21 कैदियों की राशि से हुई कटौती

सेंट्रल जेल मोतिहारी में हत्या के जुर्म में सजा काट रहे 21 कैदियों के मेहनत की कमाई का एक तिहाई हिस्सा पीड़ित परिवारों को देने के लिए कटौती की गयी है. जेल प्रशासन ने राशि की कटौती कर उसका रिपोर्ट मुख्यालय को भेजा था. मुख्यालय से तकरीबन एक लाख एक हजार रुपये पीड़ित परिवारों को देने के लिए भेजा गया है. बहुत जल्द उक्त राशि पीड़ित परिवारों को सौंप दिया जायेगा.

पांच साल से चल रहा था प्रयास

कैदियों के अपराध से पीड़ित परिवारों की सहायता के लिए इस योजना पर पहल तत्कालीन जेल आइजी एस शिवकुमार ने शुरू की थी. उन्होंने 23 जनवरी 2009 को प्रधान प्रोवेशन प्रभारी, सहायक प्रधान प्रोवेशन तथा प्रोवेशन पदाधिकारियों के साथ बैठक कर योजना को धरातल पर लाने के लिए कैदियों के अपराध से पीड़ित परिवार के आर्थिक स्थिति का अद्यतन रिपोर्ट तलब किया था. उसके बाद से योजना को अमली जामा पहनाने की कागजी कार्रवाई शुरू हुई.

सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

1995 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जेल में हत्या के जुर्म में सजा काट रहे कैदियों को उनके श्रम के बदले एक निश्चित राशि देने का निर्देश दिया था. निर्देश में कैदियों के श्रम से अजिर्त एक तिहाई हिस्सा सरकार के खाते में जमा करने को कहा गया था. इस तरह सूबे के विभिन्न जेलों में बंद कैदियों के मेहनत की कमाई से कटौती की गयी एक तिहाई हिस्सा लगभग करोड़ों रुपये सरकार के खाते में जमा है, जिसका उपयोग अब उनसे पीड़ित परिवारों पर किया जा रहा है.

क्या कहते है अधिकारी

सेंट्रल जेल मोतिहारी के अधीक्षक रूपक कुमार ने बताया कि कैदियों के मेहनत की कमाई से कटौती की गयी करीब एक लाख एक हजार रुपये की राशि पीड़ित परिवारों को देने के लिए मिल चुका है. उक्त राशि को बैंक में खाता खोल जमा कराया जायेगा. उसके बाद पीड़ित परिवारों को बुला कर सौंप दिया जायेगा.

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