रास नहीं आ रहा अपना बिहार
पटना : बिहार के लगभग एक दर्जन आइएएस-आइपीएस अधिकारियों को रास नहीं आ रहा है अपना घर. इन अधिकारियों ने सरकार को लिखा है कि उनके आवेदन को केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय भेज दें. फिलहाल सरकार ने बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष जेआरके राव को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए अनुशंसा भेज दी है.
कभी भी उनकी नियुक्ति से संबंधित आदेश राज्य सरकार को मिल सकता है. इधर,आइपीएस अधिकारियों की बात करें तो एक दर्जन आइपीएस अधिकारी अब भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के तहत दिल्ली में तैनाती की जुगाड़ में लगे हैं. सिर्फ एक जनवरी, 2013 से अब तक की बात करें तो नौ वरीय आइपीएस अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा चुके हैं.
आधे दर्जन आइपीएस हो सकते हैं केंद्र में एडजस्ट : बिहार में आइपीएस अधिकारियों के कुल 226 पद सृजित हैं. इनमें लगभग 32 पद खाली हैं. प्रावधान के अनुसार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर 40 अधिकारी रह सकते हैं. वर्तमान में 34 अधिकारी प्रतिनियुक्त हैं यानी छह आइपीएस अधिकारी अब भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा सकते हैं, लेकिन दावेदारी एक दर्जन अधिकारियों की है. जिन अधिकारियों की दावेदारी हैं उनमें दिनेश सिंह विष्ट, प्रवीण वशिष्ठ, परेश सक्सेना,अमित कुमार व राजेश चंद्रा प्रमुख हैं.
2013 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले अधिकारियों में एसी वर्मा, अनिल किशोर यादव, बी श्रीनिवासन, कृष्णा चौधरी, एस रवींद्रण, आर मलार विजी, एमआर नायक तथा सुजीत कुमार हैं. इसके अतिरिक्त जम्मू कश्मीर कैडर के आइपीएस आलोक कुमार को भ्रष्टाचार के आरोप के कारण उनकी सेवा मूल कैडर को वापस कर दी गयी है.
डीजी स्तर के चार पद खाली : पुलिस मुख्यालय सूत्रों के अनुसार डीजी रैंक के चार अधिकारी अरुण चौधरी, राजीव रंजन वर्मा, कृष्णा चौधरी व अनिल कुमार सिन्हा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. राज्य में डीजी स्तर के नौ पद सृजित हैं. इस हिसाब से पांच अधिकारी ही डीजी स्तर के हैं यानी चार पद खाली हैं. प्रोन्नति के लिए कई बार बैठक टल चुकी है.