भागलपुर: शहर के नामी स्कूल में एक संत जोसेफ स्कूल बिहार सरकार की जमीन पर चल रहा है. भूमि सुधार उपसमाहर्ता ने जमाबंदी को शिथिल करते हुए राजस्व पर्षद व राज्य के विधि परामर्शी से इस मामले में निर्देश मांगा है. नाथनगर के अंचलाधिकारी को इस संबंध में अग्रतर कार्रवाई करने का अंतिरम आदेश भूमि सुधार उपसमाहर्ता के न्यायालय ने 20 जून को दिया है.
कबीरपुर के पास जिस जमीन पर विद्यालय चल रहा है वह जमीन कुष्ठ अस्पताल की थी. सव्रे में यह जमीन बिहार सरकार की थी. सरकार ने अस्पताल चलाने के लिए यह जमीन दी थी. इसका खाता नंबर 953 खसरा नंबर 1787, 1788, 1789, 1766, 1767, 1768 ( नाथनगर अंचल) है. कुल जमीन लगभग 20 बीघा 8 कट्ठा है. विभागीय सूत्रों का कहना है कि 1985 के सव्रे के खिलाफ कुष्ठ अस्पताल चलाने वाली संस्था सक्षम अधिकारी के पास गयी लेकिन वहां वह हार गयी. उसके बाद वह जिलाधिकारी के 1996 में अपील में गयी, लेकिन इस बीच उक्त संस्था ने यह जमीन स्कूल को दे दी. स्कूल ने इसका म्यूटेशन भी करा लिया.
लेकिन 1998 में म्यूटेशन रद्द हो गया. भागलपुर के निवर्तमान भूमि सुधार उपसमाहर्ता राशिद हुसैन के न्यायालय में भी यह मामला आया. श्री हुसैन के अनुसार खतियान में यह जमीन बिहार सरकार के नाम पर है. जब तक सक्षम अधिकारी का कोई आदेश नहीं हो जाता है तब तक किसी को कैसे हक है कि वह जमीन किसी को दे दे. जमीन का मालिकाना हक तो बिहार सरकार के पास है.
श्री हुसैन ने 20 जून को जमाबंदी को शिथिल करते हुए नाथनगर के सीओ को निर्देश दिया कि वे पूरे मामले को राजस्व पर्षद में ले जाएं तथा विधि परामर्शी से परामर्श ले.इधर नाथनगर के सीओ तरूण कुमार केसरी का कहना है कि अभी उन्हें आदेश की कॉपी नहीं मिली है.कॉपी मिलने के बाद उसका पालन होगा. इधर वर्तमान भूमि सुधार उपसमाहर्ता सुबीर रंजन का कहना है कि सोमवार को ही उन्होंने योगदान दिया है इसलिए इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है. स्कूल के पूर्व प्राचार्य फादर वर्गीज और वर्तमान उप प्राचार्य फादर सहाय राज के मोबाइल पर पक्ष जानने के लिए संपर्क किया गया लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ.