16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

हार के बाद विकास ने देशवासियों से मांगी माफी

रियो डि जिनेरियो : क्वार्टर फाइनल में हार के साथ ओलंपिक पदक जीतने का अपना सपना टूटने से हताश भारतीय मुक्केबाज विकास कृष्णन ( 75 किलो ) ने कहा कि वह इससे बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकते थे जो उन्होंने उजबेकिस्तान के बेक्तेमिर मेलिकुजिएव के खिलाफ किया. भारत के लिए ओलंपिक पदक से एक जीत […]

रियो डि जिनेरियो : क्वार्टर फाइनल में हार के साथ ओलंपिक पदक जीतने का अपना सपना टूटने से हताश भारतीय मुक्केबाज विकास कृष्णन ( 75 किलो ) ने कहा कि वह इससे बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकते थे जो उन्होंने उजबेकिस्तान के बेक्तेमिर मेलिकुजिएव के खिलाफ किया.

भारत के लिए ओलंपिक पदक से एक जीत दूर विकास 0 – 3 से हार गये जिससे रियो ओलंपिक की मुक्केबाजी स्पर्धा में भारत की झोली खाली रही. विकास ने कहा ,‘‘ मैं माफी चाहता हूं कि मैंने आप सभी को निराश किया. मैंने पहले दौर में बढ़त बनाने की कोशिश की लेकिन पहला दौर गंवाने के बाद वापसी मुश्किल थी और मैंने उम्मीद छोड़ दी.” यह भारत का 70वां स्वतंत्रता दिवस था और एक जीत विकास का पदक सुनिश्चित कर देती. अब भारत पर बार्सीलोना में 1992 ओलंपिक के बाद पहली बार बिना पदक के ओलंपिक से लौटने का खतरा मंडरा रहा है.
विकास ने कहा ,‘‘ मैं हमेशा से भारत के लिए पदक जीतना चाहता था लेकिन मैं नाकाम रहा. मुझे माफ कर दीजिये.” उसने कहा ,‘‘ मैं इससे बेहतर नहीं कर सकता था. मैं बायें और दाहिने ओर पंच लगाने की कोशिश कर रहा था लेकिन कामयाबी नहीं मिली.”
विकास ने कहा ,‘‘ मैं हमेशा खब्बू मुक्केबाज से हार जाता हूं. विश्व चैंपियनशिप हो, पिछला ओलंपिक या ओलंपिक क्वालीफायर. मैं खब्बू मुक्केबाज से ही हारा हूं. मैंने अच्छा अभ्यास किया लेकिन भारत में सिर्फ पांच प्रतिशत बायें हाथ से खेलने वाले मुक्केबाज हैं और मैं उनमें से एक हूं.

मुझे अपने स्तर के विरोधी नहीं मिलते.” उसने कहा ,‘‘ चूंकि मैं खब्बू मुक्केबाज था तो मेरे पास उसके पंच का जवाब नहीं था. मुझे खब्बू मुक्केबाज के साथ अभ्यास करने को नहीं मिलता. मैंने कई बार इसका अनुरोध किया है.” उसने यह भी कहा कि राष्ट्रीय महासंघ के प्रतिबंधित होने के कारण पिछले दो साल से राष्ट्रीय शिविर नहीं लगा और वह फिटनेस ट्रेनिंग के लिए सिर्फ अमेरिका जा सके. उसने कहा ,‘‘ हमें बहुत कम मौके मिल सके. हम कजाखिस्तान और उजबेकिस्तान के साथ अभ्यास करते थे लेकिन महासंघ पर प्रतिबंध होने से वह मौका भी नहीं मिला क्योंकि हमें कोई बुलाता ही नहीं. मैं महासंघ को दोष नहीं दे रहा. मैं अपनी गलतियों से हारा.”

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें