विश्व में आज के वक्त में हृदय संबंधी बीमारियां काफी आम हो गई हैं. बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं. आम तौर पर 40 की उम्र के बाद हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. भारत में हृदय स्वास्थ्य के आकड़े भी कोई बहुत आशाजनक नहीं हैं. भारत में हर साल लगभग 12 लाख युवाओं की कार्डियक अरेस्ट से मौत होती है. ऐसे में अगर आप अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं तो बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत आप हृदय संबंधी बीमारियों की जांच करा सकते हैं.
29 सितंबर विश्व हृदय दिवस (डब्ल्यूएचडी) से 12 अक्टूबर तक बिहार स्वास्थ्य विभाग हृदय घात से होने वाली मौतें के रोकथाम के लिए नि: शुल्क जांच सह चिकित्सा परामर्श पखवारा का आयोजन कर रहा है. इस दौरान राज्य के सभी सदर, रेफरल, अनुमंडलीय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, शहरी स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जीविका के सीएलएफ केंद्रों तक में जांच की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी.
स्वास्थ्य विभाग के मुफ़्त जांच पखवारे के दौरान जांच के लिए अस्पताल पहुंचने वाले सभी रोगियों के ब्लड प्रेसर एवं मधुमेह रोग की स्क्रीनिंग की जाएगी. इन जांच के दौरान किसी व्यक्ति में अगर हृदय रोग की आशंका दिखेगी तो उन्हें उपचार के लिए बेहतर स्वास्थ्य संस्थानों में रेफर किया जाएगा. इसके अलावा जिन लोगों को हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा नहीं होगा उन्हें बेहतर खान पान एवं जीवनशैली में सुधार संबंधी जानकारी भी दी जाएगी.
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बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित नि: शुल्क जांच सह चिकित्सा परामर्श पखवारा में अधिक से अधिक लोग परीक्षण करा सकें इसके लिए प्रचार प्रसार की भी पूरी व्यवस्था की जा रही है. प्रचार के लिए माइकिंग, बैनर-पोस्टर आदि माध्यमों का उपयोग किया जाएगा. इस के लिए सभी जिलों के सिविल सर्जन को निर्देश दे दिया गया है.