27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड का गुवा गोलीकांड: 42 साल बाद भी लाइलाज है लाल पानी का रोग, शहादत के बाद भी शुद्ध पेयजल नसीब नहीं

पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुवा में 42 साल (8 सितंबर, 1980) पहले हुए आंदोलन ने झारखंड गठन में अहम भूमिका निभायी. गुवा गोलीकांड ने समय-समय पर विभिन्न पार्टियों व नेताओं को राजनीतिक लाभ दिलाया, लेकिन गुवा के ग्रामीणों की समस्या (लाल पानी) आज भी बरकरार है.

चक्रधरपुर (शीन अनवर) : पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुवा में 42 साल (8 सितंबर, 1980) पहले हुए आंदोलन ने झारखंड गठन में अहम भूमिका निभायी. गुवा गोलीकांड ने समय-समय पर विभिन्न पार्टियों व नेताओं को राजनीतिक लाभ दिलाया, लेकिन गुवा के ग्रामीणों की समस्या (लाल पानी) आज भी बरकरार है. गुवा माइंस के आसपास के गांवों के लोगों के घाव आज भी ताजा हैं. हालांकि गुवा गोलीकांड के कई कारण थे, लेकिन एक प्रमुख कारण लाल पानी से निजात दिलाना था. यहां के ग्रामीणों को आज भी साफ पानी नसीब नहीं हो रहा.

गुवा माइंस के कारण लाल पानी

1980 के समय नदी, तालाब, कुआं का पानी लाल था. इसका मुख्य कारण गुवा माइंस था. कारखाना का गंदा पानी नदी या जमीन में समा जाता था. कुआं खोदा जाता था, तो पानी लाल निकलता था. नदी में पानी लाल था. लाल पानी के कारण लोग लाइलाज बीमारियों की चपेट में थे. इसके विरोध में सन 1980 में गुवा गोलीकांड हुआ. इसमें दर्जनों लोग शहीद हो गये. कई पुलिस वाले मारे गये. झारखंड बनने के बाद शहीद परिवारों को सम्मान मिला. पेंशन और दूसरी चीजें मिलीं, लेकिन लाल पानी से निजात नहीं मिली. आज भी क्षेत्र के लोग लाल पानी पीने को विवश हैं.

Also Read: झारखंड गुवा गोलीकांड : तिल-तिल कर मर रहा शहीद परिवार, बहादुर उरांव को 2 बेटों को खोकर चुकानी पड़ी कीमत

शहीदों के नाम पर हर वर्ष सिर्फ घोषणाएं होती हैं

हर साल आठ सितंबर को गुवा में शहीदों के नाम पर मेला लगता है. राजनेता, नेता, जनप्रतिनिधि और अफसरान आते हैं. इस वर्ष भी 8 सितंबर को मेला लगेगा. शहीदों को स्मरण किया जायेगा. कई बड़ी-बड़ी घोषणाएं होंगी. फिर सभी लौट जाएंगे. कभी किसी ने लाल पानी पीने वालों का दर्द नहीं पूछा. कभी किसी ने लाल पानी की मुसीबत से निजात दिलाने को नहीं सोचा. सभी ने सिर्फ राजनीति की.

Also Read: Jharkhand News : MDM रिपोर्ट जमा नहीं करने पर 28 स्कूलों के हेडमास्टर को शो कॉज, BEEO ने की कार्रवाई

लोगों का जीवन चक्र प्रभावित कर रहा लाल पानी

यहां के ग्रामीण हर दिन आयरन युक्त लाल पानी पी रहे हैं. उसी पानी से स्नान कर रहे हैं. इसका असर उनके जीवन चक्र पर पड़ रहा है. विभिन्न बीमारियों के कारण असमय काल के गाल में समा रहे. इन सब पर किसी का ध्यान नहीं जाता है. लोकसभा और विधानसभा चुनावों में लाल पानी मुद्दा जरूर बनता रहा है. इसका सहारा लेकर चुनाव जीतने वाले लाल हो जाते हैं.

गुवा माइंस की लाइफलाइन छीन रही लोगों की जिंदगी

अब समय की पुकार है कि गुवा में आंदोलन हो और लाल पानी से निजात दिलाने लिए. अब कोई धरती का लाल चाहिए, जो लाल पानी से गुवा के लोगों को निजात दिला सके. गुवा स्थित कारो नदी का पानी सदैव लाल रहता है. यह नदी गुवा माइंस के लिए लाइफ लाइन है. वहीं इस इलाके में रहने वाले लोगों का जीवन छीन रही है. नदी का लाल पानी पता नहीं कब साफ होगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें