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कोरोना का असर: भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में इस बार नहीं होगी धूम

Rath Yatra, ISKON, Kolkata, West Bengal Latest News: रथयात्रा में मात्र 15 वाहन शामिल होंगे. वाहन 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगे और कुछ ही मिनटों में भगवान जगन्नाथ अपनी मौसी के घर पहुंच जायेंगे.

कोलकाता: कोरोना के खतरों को देखते हुए इस्कॉन की ओर से इस वर्ष भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा नहीं निकाली जायेगी. इस्कॉन की अपील है कि इस बार कोलकाता इस्कॉन के यू-ट्यूब, फेसबुक पेज या टीवी पर सीधे प्रसारण को घर से देखकर भक्त भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का आनंद लें.

इस वर्ष 12 जुलाई को रथयात्रा महोत्सव है. सोमवार को दोपहर लगभग 12 बजे भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा के विग्रहों को इस्कॉन के अन्य परिसर में ले जाया जायेगा. वहां तीनों विग्रह 20 जुलाई शाम तक रहेंगे. मंगलवार को ये विग्रह इस्कॉन मंदिर, 3 सी अल्बर्ट रोड से 22 गुरुसदय रोड स्थित इस्कॉन हाउस ले जाये जायेंगे.

इस रथयात्रा में मात्र 15 वाहन शामिल होंगे. वाहन 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगे और कुछ ही मिनटों में भगवान जगन्नाथ अपनी मौसी के घर पहुंच जायेंगे. इस दौरान कोलकाता पुलिस की पायलट कारें भी चलेंगी. भगवान जगन्नाथ का उल्टा रथ 20 जुलाई शाम चार बजे से चलेगा.

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इस बार 12 से 19 जुलाई 2021 तक रोजाना शाम चार बजे से रात आठ बजे तक कोविड प्रोटोकॉल के दायरे में सीमित दर्शकों को दर्शन की अनुमति होगी. मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भेजा भोग दोपहर 12 बजे भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा के विग्रहों को चढ़ेगा. आरती के बाद रथयात्रा निकलेगी. 15 जुलाई तक कोविड संबंधी पाबंदियों के चलते मुख्यमंत्री रथयात्रा में शामिल नहीं होंगी.

इस्कॉन के स्वर्ण जयंती समारोह (50वीं कोलकाता रथयात्रा) के आभासी रथयात्रा में सिमटने से भक्तगण दुखी हैं. इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने बताया कि इस्कॉन, कोलकाता के भक्त पिछले सात वर्षों से कोलकाता में रथयात्रा की 50वीं वर्षगांठ मनाने की तैयारी कर रहे थे.

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धरी रह गयी इस्कॉन की सारी योजनाएं

अमेरिका से उड़ते हुए हनुमान जी के गुब्बारे और अन्य आकर्षक चीजें लाने की योजना थी, पर कोरोना के चलते सब धरी की धरी रह गयीं. विश्वभर में 150 से अधिक देशों और 1200 इस्कॉन केंद्रों से भक्तों को आमंत्रित करने का प्लान था. कोरोना महामारी की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए इस बार रथयात्रा की धूम नहीं रहेगी.

Posted By: Mithilesh Jha

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