कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन विधायकों ने केंद्रीय सुरक्षा वापस कर दी है. केंद्रीय सुरक्षा लौटाने वाले विधायकों के नाम शिखा चटर्जी, शंकर घोष और आनंदमय बर्मन हैं. इन विधायकों ने गृह मंत्रालय को अपने फैसले से अवगत करा दिया है.
इस संबंध में शिखा चटर्जी ने कहा कि लोगों ने उन्हें वोट दिया है. वही उनका सुरक्षा कवच हैं. इसके अलावा राज्य भर में भाजपा कार्यकर्ता तृणमूल की हिंसा का शिकार हो रहे हैं. उन पर हमले हो रहे हैं. जब पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक सुरक्षित नहीं हैं, तो वह नेता होकर अकेले सुरक्षा घेरे में कैसे रह सकती हैं?
बंगाल भाजपा के एक और विधायक शंकर घोष ने यह कहकर केंद्रीय सुरक्षा लौटा दी है कि उन्होंने हमेशा ही साइकिल या स्कूटी पर चढ़कर राजनीति की है. अब केंद्रीय सुरक्षा बलों को साथ लेकर वह राजनीति नहीं कर सकते.
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भाजपा नेताओं के द्वारा केंद्रीय सुरक्षा वापस करने पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि केंद्रीय सुरक्षा को छोड़ना भाजपा नेताओं का स्टंट है. दरअसल, भाजपा के भीतर ही आवाज उठनी शुरू हो गयी है कि केंद्रीय सुरक्षा को लेकर भाजपा नेता जनता से दूर चले गये. सुरक्षा लेने से प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.
इससे पहले, उत्तर बंगाल के नेता मिहिर गोस्वामी और अशोक लाहिड़ी ने केंद्रीय बलों की सुरक्षा वापस कर दी है. भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी को भी केंद्रीय सुरक्षा मिली थी, जिसे उन्होंने पहले ही लौटा दिया है.
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय सुरक्षा लेने पर उक्त सुरक्षाकर्मियों के रहने-खाने का प्रबंध सुरक्षा लेने वाले नेताओं को ही वहन करना पड़ता है. इसके अलावा सुरक्षाकर्मियों को भत्ता भी देना पड़ता है. कहा जा रहा है कि यह खर्च काफी अधिक हो जाता है.
Posted By: Mithilesh Jha