15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गंगा नदी में बहते शवों के कारण मछली की बिक्री घटी, लोग दहशत में, करोड़ों का नुकसान

Corona Effect On Bengal Fish Market: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार तक में गंगा नदी में शवों के बहने की खबरें सामने आ रही हैं. राजनीतिक दलों की तरफ से आरोप लगाए गए कि कोरोना संक्रमण से मौत के बाद शवों को नदी में बहाया जा रहा है. आज भी कई तरह के आरोप लग रहे हैं. इसका असर बिहार से लेकर पश्चिम बंगाल के मछली बाजारों में दिख रहा है.

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार तक में गंगा नदी में शवों के बहने की खबरें सामने आ रही हैं. राजनीतिक दलों की तरफ से आरोप लगाए गए कि कोरोना संक्रमण से मौत के बाद शवों को नदी में बहाया जा रहा है. आज भी कई तरह के आरोप लग रहे हैं. इसका असर बिहार से लेकर पश्चिम बंगाल के मछली बाजारों में दिख रहा है. जबसे गंगा नदी में शव मिल रहे हैं, उस समय से बंगाल के कई जिलों से लेकर बिहार के पटना समेत आसपास के जिलों में मछली की बिक्री कम हो गई है. कोरोना संकट में जारी लॉकडाउन और कुछ घंटे के लिए दुकान खोलने की इजाजत के बीच मछलियों के नहीं बिकने से दुकानदार परेशान हैं.

Also Read: बंगाल के लिए सिरदर्द बने UP-बिहार से गंगा में बहकर आए कोरोना मृतकों के शव, प्रशासन का अलर्ट जारी
उत्तर बंगाल के सबसे बड़े बाजार का हाल

उत्तर दिनाजपुर के रायगंज की बात करें तो लॉकडाउन के बीच बाजारों में मछलियों की भरमार है. लेकिन, कोई खरीदार नहीं मिल रहा है. इससे मछली व्यवसायी काफी चिंता में हैं. मछली व्यापारियों के मुताबिक उत्तर प्रदेश और बिहार में गंगा नदी में शवों के मिलने से खरीदारी करने वाले डरे हुए हैं. बंगाली समुदाय में मछली काफी लोकप्रिय है. दूसरी तरफ उनके बीच डर का माहौल है. ज्यादातार लोगों ने मछली खाना बंद कर दिया है. उत्तर बंगाल के सबसे बड़े मछली मार्केट मोहनबती मछली बाजार में भी मछलियों की बिक्री में भारी गिरावट देखी जा रही है.

कोरोना संकट में मार्केट पर बेहद बुरा असर

व्यापारियों के मुताबिक मोहनबती बाजार में हर दिन 6 से 8 लाख रुपए की मछली का कारोबार होता था. कोरोना संकट के बीच व्यापार लगातार घटता चला गया. लॉकडाउन के चलते गाड़ियां नहीं आती हैं. आज इसमें काफी गिरावट आ चुकी है. जबकि, सिलीगुड़ी के मछली व्यापारी सुमित अनेजा के मुताबिक सिलीगुड़ी मंडी में रोजाना 80 से 100 टन मछली का कारोबार होता था. यहां से मछलियां नेपाल, भूटान, असम, सिक्किम तक भेजी जाती थी. आज यहां मछली का व्यापार दस टन पर आ गया है. कोरोना संकट के पहले हर दिन दस हजार गाड़ियां आती थी. आज एकाध गाड़ी आ जाती है. एक से डेढ़ करोड़ का मार्केट 20 से 25 लाख तक पहुंच चुका है.

Also Read: कोरोना पॉजिटिव शवों को गंगा में बहाने से बढ़ेगा संक्रमण का खतरा, मछलियों के जरिये इंसानों को हो सकता है नुकसान
मछली से परहेज कर रहे बंगाल के लोग…

व्यापारियों और दुकानदारों के मुताबिक गंगा नदी से शवों के मिलने की खबरों से खरीदार डरे हुए हैं. इसके बाद अचानक मछली खरीदने वालों की संख्या घटती चली गई है. इस इलाके के अलावा समूचे बंगाल में मछली के शौकीन हैं. गंगा नदी पश्चिम बंगाल के कई जिलों से गुजरती है. सुंदरवन डेल्टा से गंगा नदी बंगाल की खाड़ी में प्रवेश कर जाती है. पौराणिक गंगा नदी का धार्मिक के साथ ही आर्थिक महत्व है. इस नदी से कई तरह के रोजगार जुड़े हैं, जिसमें एक है मछलियों का कारोबार. कुछ दिनों से देश में कोरोना संकट के बीच गंगा नदी से शवों के मिलने के कारण मछली खरीदारों पर असर पड़ा है. इससे व्यापारी और दुकानदार भी प्रभावित हुए हैं. (इनपुट: जितेंद्र पांडेय, सिलीगुड़ी)

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें