कैंपसुनील कुमार, रांची : भारत में अगले साल 17 फरवरी से सात मार्च तक फीफा अंडर-17 महिला फुटबॉल वर्ल्ड कप होना है. इसके लिए चयनित भारतीय टीम में झारखंड की 12 फुटबॉलर शामिल हैं. लॉकडाउन के कारण झारखंड की ये फुटबॉलर अभ्यास नहीं कर पा रही थीं. इसके लिए राज्य सरकार ने पहल करते हुए अगले सप्ताह से रांची में इनके कैंप की योजना बनायी थी, लेकिन रांची में लगनेवाले कैंप पर रोक लगा दी गयी है. इस कैंप के लिए ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (एआइएफएफ) ने अनुमति देने से इंकार कर दिया है.
एआइएफएफ ने झारखंड फुटबॉल संघ (जेएफए) को इससे संबंधित गाइडलाइन भी भेजी है. गाइडलाइन में कहा गया है कि भारतीय टीम में चयनित कोई भी खिलाड़ी एआइएफएफ की अनुमति के बिना किसी दूसरे कैंप में हिस्सा नहीं ले सकती है. गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि कोई भी बगैर सर्टिफाइड कोच के कैंप नहीं लगा सकता है. इस संबंध में जेएफए के महासचिव गुलाम रब्बानी ने बताया कि उन्हें एआइएफएफ की ओर से गाइडलाइन भेजी गयी है. उन्होंने बताया कि गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि यदि कोई खिलाड़ी एआइएफएफ की अनुमति लिये बगैर किसी कैंप में भाग लेती है, तो उस खिलाड़ी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी.
गुलाम रब्बानी ने यह भी बताया कि एआइएफएफ को खिलाड़ियों की सुरक्षा की भी चिंता है. उन्होंने कहा कि दूसरे कैंप में भाग लेने के दौरान यदि कोई खिलाड़ी चोटिल हो जाती है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा.दूसरी ओर खेल सचिव अनिल कुमार सिंह ने बताया कि सोमवार से कैंप लगना था और इसकी तैयारी भी पूरी हो चुकी थी. इसके लिए हमने तीन कोच बीना केरकेट्टा, रिजवान और सलीम को भी बुला लिया था. लड़कियों की कोविड-19 की जांच के लिए सिविल सर्जन से भी बात हो गयी थी, लेकिन लड़कियां नहीं आयीं. उन्हें टीम मैनेजर ने फोन पर धमकाया कि यदि वे कैंप में जाती हैं, तो उन पर कार्रवाई की जायेगी.
चार खिलाड़ियों को किया जा रहा था गुमराहएआइएफएफ ने जेएफए को एक इमेल के माध्यम से जानकारी दी है कि टीम की चार खिलाड़ियों को गुमराह कर रांची ले जाया जा रहा था. इसमें कहा गया है कि भारतीय टीम की चार फुटबॉलरों अष्टम उरांव, नीलम तिर्की, सलीना कुमारी और सुधा तिर्की को बीना केरकेट्टा नामक महिला कोच मुख्यमंत्री से मिलवाने अपने साथ रांची लेकर जा रही थी. इस संबंध में टीम की सभी खिलाड़ियों को किसी और कैंप में भाग नहीं लेने को कहा गया है.
post by : Pritish sahay