निरंजन, बांका : कोरोना वायरस के संभावित संक्रमण को देखते हुए पूरे देश में लाकडाउन बेहद जरुरी है. लेकिन इस लाकडाउन के दौरान आमलोगों के सामने जो समस्या आ रही है. इस समस्या से निपटने के लिए शासन, प्रशासन व जिम्मेवार नागरिकों को हर संभव प्रयास करना होगा. कोरोना संक्रमण को लेकर देश में एकाएक लागू लाकडाउन से प्रवासी लोग बाहर में फंस गये हैं. ऐसे में उनके बीच भोजन आदि की समस्या प्रमुख रुप से सामने आयी है. जिसमें बांका जिले के हजारों रिक्शा चालक व मजदूर दूसरे राज्य के दिल्ली, कोलकाता सहित अन्य शहरों में फंसे हुए हैं. जिन्हें अब मदद की सख्त जरुरत आ पड़ी है.
बाहर फंसे इन लोगों को अब राशन नहीं मिल रहा है. कुछ जगहों पर पका भोजन मिल भी रहा है तो ऐसे जगहों पर काफी भीड़ लगी रहती है, जहां कोरोना वायरस के संभावित संक्रमण का खतरा बना हुआ है. बाहर फंसे ऐसे लोगों ने प्रभात खबर के सामने अपनी समस्या का जिक्र करते हुए मदद की गुहार लगायी है. सांसद व विधायक से लगा चुके हैं मदद की गुहारजिले के फुल्लीडुमर प्रखंड क्षेत्र के पथलकुडिया गांव निवासी सुधीर यादव, दिलीप ठाकुर, दिनेश तांती, श्याम यादव सहित अन्य ने प्रभात खबर से बातचीत के क्रम में दूरभाष पर बताया कि वो सभी दिल्ली में रिक्शा चलाते हैं, लाकडाउन से वो सभी दिल्ली में ठहरें हुए हैं.
शुरुआती दौर में अपने पॉकेट मनी से राशन आदि की समस्या दूर किये, लेकिन अब रोजगार ठप रहने के कारण इन लोगों के पास पैसे नहीं बचे हैं, और राशन आदि की समस्या से जूझ रहे हैं. कहा कि राशन नहीं रहने से रात को भूखे सो जाता हूं, तो कभी कभी दिन में भी भूखे रहना पड़ता है, दिल्ली सरकार की ओर से कुछ जगहों पर भोजन की व्यवस्था की गयी है, लेकिन वहां इतनी भीड़ रहती है कि चार-पांच घंटे लाईन में खड़ा रहने के बाद ही खाना मिल पाता है, जहां काफी भीड़ रहती है, और ऐसे जगहों पर कोरोना संक्रमण का खतरा बना रहता है.
इसको लेकर इन लोगों ने जिले के कई जनप्रनिधियों सहित सांसद, विधायक से मदद की गुहार लगा चुके हैं. लेकिन इस दिशा में अबतक किसी के द्वारा किसी प्रकार का पहल नहीं किया गया है. प्रवासी मजदूरों ने राशन मुहैया के लिए जनप्रतनिधियों सहित जिम्मेवार लोगों से मदद की गुहार लगायी है.