नयी दिल्ली : संसद के बजट सत्र के अंतिम दिन आज नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ( CAG ) की रिपोर्ट पेश हुई. इस रिपोर्ट में सीएजी ने कहा है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ( राजग ) सरकार के दौरान हुआ राफेल लड़ाकू विमान का सौदा पूर्ववर्ती संप्रग सरकार द्वारा की गई पेशकश की तुलना में सस्ता है .
CAG report on #RafaleDeal : A Defence Ministry team in March 2015 recommended the scrapping of the 126 Rafale deal saying that Dassault Aviation was not the lowest bidder and EADS (European Aeronautic Defence & Space Company) was not fully compliant with the tender requirements. pic.twitter.com/tjRujrf275
— ANI (@ANI) February 13, 2019
राफेल पर कैग रिपोर्ट : जेटली ने कहा – सत्य की जीत, ‘महाझूठबंधन का झूठ बेनकाब
संसद में बुधवार को पेश नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट के अनुसार , राजग सरकार के तहत हुआ राफेल सौदा पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के दौरान इस सौदे पर हुई वार्ता पेशकश की तुलना में 2.86 प्रतिशत सस्ता है. कैग की 141 पेज की रिपोर्ट में कैग ने तुलनात्मक विश्लेषण किया है. रिपोर्ट के अनुसार भारत और फ्रांस के बीच जो डील हुई है वह यूपीए की डील से 2.86 फीसदी सस्ती है. इस रिपोर्ट में 2007 के टेंडर और 2016 के अनुबंध दर्शाया गया है और तुलना का तुलनात्मक अध्ययन किया गया है, जिसमें 2016 के प्रस्ताव को सस्ता बताया गया है.