एक सामूहिक बलात्कार के शक में बांग्लादेश की अदालत ने सत्ताधारी आवामी लीग पार्टी के एक स्थानीय नेता समेत सात लोगों को हिरासत में लेने का आदेश दिया है.
पीड़ित महिला का आरोप है कि उनका रेप सिर्फ़ इसलिए किया गया क्योंकि उन्होंने पिछले हफ्ते हुए चुनाव में विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी को वोट दिया था.
चार बच्चों की मां इस महिला पर चुनाव की रात ही हमला हुआ था. घटना सामने आने के बाद से ही लोग सोशल मीडिया पर गुस्सा ज़ाहिर कर रहे हैं. कई लोगों ने घटना के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया है.
अभियुक्तों ने आरोपों से इनकार किया है. बलात्कार के संदिग्ध आवामी लीग नेता को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है.
रविवार को हुए चुनाव में आवामी लीग ने एकतरफ़ा जीत हासिल की थी. हालांकि, चुनाव में हिंसा, डराने-धमकाने और वोट धांधली की ख़बरें आईं हैं.
सत्ताधारी पार्टी और विपक्षी पार्टी के समर्थकों के बीच झड़पें भी हुई थीं, जिसमें कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई थी.
चुनाव के बाद सत्ताधारी पार्टी द्वारा विपक्षी पार्टी के लोगों के ख़िलाफ़ की गई हिंसा पर शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताई थी.
क्या हुआ था?
पीड़ित महिला के पति ने पिछले हफ्ते दर्ज कराई अपनी शिकायत में कहा था कि कुछ लोग आधी रात को नोआखली ज़िला स्थित उनके घर में जबरन घुस आए. इसके बाद उन्हें और उनके चार बच्चों को बांध दिया और पत्नी के साथ यौन उत्पीड़न किया.
हमलावरों के जाने के बाद पड़ोसियों ने उनकी मदद की और 35 वर्षीय पीड़ित महिला को अस्पताल ले जाया गया.
ख़बरों के मुताबिक़, उस दिन जब वो महिला वोट देने गई थी, तो चुनाव केंद्र पर मौजूद इन पुरुषों ने उसे विपक्षी उम्मीदवार को वोट ना देने के लिए कहा था.
महिला ने स्थानीय मीडिया को बताया कि उस वक्त उसने आवामी लीग के पूर्व स्थानीय नेता राहुल अमीन पर गुस्सा किया था, जो बाद में अपने साथियों के साथ महिला के घर घुस आया.
प्रतिक्रियाएं
सामूहिक बलात्कार की ख़बर सामने आने के बाद से ही विपक्षी समूह राजधानी ढाका और नोआखली में प्रदर्शन कर रहे हैं. विपक्ष सत्ता धारी पार्टी से माफ़ी की मांग भी कर रहा है.
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के मिर्ज़ा फ़ख़रुल इस्लाम ने महिला के साथ मुलाक़ात के बाद पत्रकारों से कहा, "चुनाव के बाद हुए हमलों में कई नेता और कार्यकर्ता घायल हुए हैं, और यहां तक की एक चार बच्चों की मां को भी नहीं छोड़ा गया. उनके साथ गैंग-रेप किया."
आवामी लीग के स्थानीय नेताओं ने अपने और अपने समर्थकों के ख़िलाफ़ लगे आरोपों से इनकार किया है, लेकिन अभियुक्त अमीन की गिरफ्तारी के बाद उसे पार्टी से निकालने का फ़ैसला किया गया.
ये चुनाव इतने अहम क्यों थे?
दिसंबर में हुए चुनाव में जीत के बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना तीसरी बार गद्दी पर बैठ गई हैं. उनकी पार्टी और सहयोगियों ने चुनाव में 300 में से ज़्यादातर सीटें अपने नाम की हैं.
विपक्षी गठबंधन को सिर्फ़ सात सीटों पर जीत हासिल हुई है. विपक्ष ने चुनाव में धांधली के आरोप लगाए हैं और दोबारा चुनाव कराने की मांग की है.
चुनाव में वोटों की हेराफेरी के आरोप लगे हैं और एक बीबीसी संवाददाता ने चुनाव शुरू होने से पहले ही चुनाव केंद्रों पर भरे हुए बैलेट बॉक्स देखे थे.
चुनाव जीतने के बाद विपक्षी समर्थकों के ख़िलाफ़ हिंसा हुई और सरकार से सहमति ना रखने वालों को भी कार्रवाइयों का सामना करना पड़ा.
आलोचकों का कहना है कि पिछले 10 साल से सरकार का ऐसा रवैया काफी बढ़ गया है.
ये भी पढ़ें:
- अब रेप सीन वाली फ़िल्म नहीं करूंगा: शक्ति कपूर
- तीस हज़ार रेप पीड़ितों का इलाज करने वाले डॉक्टर
- विकलांग से रेप और चुभते सवाल भी उसी से
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)
>