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भारतीय किधर जाएं ?
अभी गुजरात में उत्तर भारत के लोगों को निशाना बनाया जा रहा हैं. फलतः हजारों लोग जगह छोड़ने को मजबूर हुए हैं. कभी महाराष्ट्र, तो कभी भारत के किसी अन्य राज्य में ऐसी घटनाएं होती रही हैं. कुछ दिन पहले किसी मुद्दे को लेकर उत्तर-पूर्वी भारत में दूसरे राज्यों से आये लोगों को जगह छोड़ने […]
अभी गुजरात में उत्तर भारत के लोगों को निशाना बनाया जा रहा हैं. फलतः हजारों लोग जगह छोड़ने को मजबूर हुए हैं. कभी महाराष्ट्र, तो कभी भारत के किसी अन्य राज्य में ऐसी घटनाएं होती रही हैं. कुछ दिन पहले किसी मुद्दे को लेकर उत्तर-पूर्वी भारत में दूसरे राज्यों से आये लोगों को जगह छोड़ने को मजबूर किया गया था.
इस तरह की घटनाएं एक सवाल उठाती हैं कि क्या हम भारत में रहने वाले भारत के लोग हैं? अगर हां, तो हम भारतीय किस राज्य में जायें, जहां हमारे ऊपर बाहरी होने का लेबल न लगे? राज्य सरकारों को चाहिए कि वे ठोस नीति बना कर ऐसी घटनाओं को रोकें. दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि इस पर रोक लगाने की बजाय इस पर राजनीितक दल अपनी राजनीित चमकाते हैं.
अगर कहीं ऐसी घटना शुरू भी होती है, तो राज्य सरकार तत्काल हरकत में आये और इसे फैलने से रोके. यह उसका संवैधानिक दायित्व है. कई असामाजिक तत्व सोशल मीडिया को अफवाह फैलाने के लिए हथियार के तौर पर इस्तेमाल करते हैं. इस पर भी कड़ी नजर जरूरी है.
सीमा साही, बोकारो.
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