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अविश्वास प्रस्ताव गिरा, मोदी सरकार पास

EPA विपक्ष के लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को 11 घंटों की लंबी बहस चली जिसके बाद मोदी सरकार ने सदन में अपना बहुमत साबित कर दिया है. वोटिंग के बाद सदन में विपक्ष का लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है. प्रस्ताव के पक्ष में कुल 126 मत पड़े जबकि विपक्ष में 325 […]

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विपक्ष के लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को 11 घंटों की लंबी बहस चली जिसके बाद मोदी सरकार ने सदन में अपना बहुमत साबित कर दिया है.

वोटिंग के बाद सदन में विपक्ष का लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है. प्रस्ताव के पक्ष में कुल 126 मत पड़े जबकि विपक्ष में 325 मत पड़े.

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वोटिंग से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में प्रस्ताव पर चर्चा का अपना जवाब दिया. उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास मोदी हटाओ ही एक मात्र मुद्दा है. मोदी के भाषण के दौरान टीडीपी और विपक्षी सांसद नारेबाजी और हंगामा करते रहे.

मोदी के भाषण के तुरंत बाद तेलूगु देशम पार्टी के श्रीनिवास केसिनेनी ने उनकी स्पीच की तरफ इशारा करते हुए कहा मुझे लगा मैं बीते देढ़ घंटे से कोई ब्लॉकबस्टर फ़िल्म देख रहा था, इसमें कोई शक़ नहीं कि संसद में मौजूद मेरे साथ दुनिया के सबसे बेहतरीन एक्टर हैं.

श्रीनिवास केसिनेनी को अधिक वक्त ना देते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने वोट के लिए अविश्वास प्रस्ताव आगे बढ़ाने के लिए सभी सदस्यों को अपनी सीट पर जाने के लिए कहा.

सदन में मोदी ने क्या-क्या कहा

https://twitter.com/BJP4India/status/1020359995626422272

  • बदलते हुए वैश्विक परिवेश में हम सभी को साथ मिल कर चलने की आवश्यकता है. जिन्होंने चर्चा में भाग लिया उनका धन्यवाद. हम सभी के लिए जी जान से काम करने का उद्देश्य ले कर आए हैं. निमंत्रण है कि विपक्ष 2024 में एक बार फिर अविश्वास प्रस्ताव लाएं.
  • सरकार ने नया क़ानून बनाया है जिसके बाद बैंक का लोन ना चुकाने वालों के लिए अब बचना मुश्किल होगा.
  • देश के लिए ज़रूरी है ये जानना कि हम 2014 में जब आए कई लोगों ने कहा कि इकोनॉमी पर श्वेतपत्र लाया जाए. हमने इसके लिए कोशिश की लेकिन जो जानकारी मिली उससे हम चौंक गए. कहानी 2008 में शुरु होती है जब एक साल बाद चुनाव होने थे. कांग्रेस को लगा कि जितना बैंक खाली किया जा सकता है करना है. बैंकों का अंडरग्राउंड लोन चलता रहा. कांग्रेस जब तक सत्ता में थी बैंकों को लूटने का काम चलता रहा.
  • आज़ादी के 60 सालों में हमारे देशों की बैंकों ने 18 लाख करोड़ रूपये लोन में दिए. लेकिन 2008 से 2014 में ये राशि 18 लाख करोड़ से 52 लाख करोड़ हो गई. और देश एनपीए के जाल में फंस गई.
  • हमने किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य देढ़ गुना तक किया लेकिन बीती सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया.
  • हमारा काम करने का तरीका काम सुलझाने का है. वन रैंक वन पेंशन और जीएसटी का विषय सालों तक अटका कर रखा गया था. उस समय के कर्ताधर्ता को मालूम है कि मैंने भारत सरकार को कहा था कि जीएसटी में राज्यों की चिंताओं को देखे बिना इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सकता. मेरे प्रधानमंत्री बनने पर मेरा मुख्यमंत्री के तौर पर अनुभव काम आया और मैंने सभी राज्यों से बात कर जीएसटी को लागू किया.
  • आंध्र के लोगों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि केंद्र सरकार आंध्र की जनता के कल्याण में पीछे नहीं रहेगी. हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
  • आपने भारत और पाकिस्तान का विभाजन किया और आज भी हम मुसीबत झेल रहे हैं. आंध्रप्रदेश का भी ऐसा बंटवारा किया कि अब भी संसाधनों का विवाद चल रहा है. हमारी एनडीए सरकार वचनबद्ध है आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के विकास में कोई कमी नहीं आएगी.

https://twitter.com/PMOIndia/status/1020348636121608193

  • यह अच्छा मौका है कि हमें अपनी बात कहने का बात मिल ही रहा है लेकिन देश को यह चेहरा भी देखने का मौका मिला है कि कैसे नकारात्मक राजनीति ने कुछ लोगों को घेर कर रखा हुआ है और उन सब का चेहरा निखर कर बाहर आया है.
  • कई लोगों के मन में यह सवाल आया कि यह प्रस्ताव आया क्यों? विपक्ष के पास बहुमत नहीं है फिर भी यह प्रस्ताव लाया गया. सरकार को गिराने के लिए इतना ही उतावलापन था तो इसे 48 घंटे और टालने की कोशिश क्यों की गई. अगर चर्चा की तैयारी ही नहीं थी तो इसे लाया ही क्यों?
  • "ना मांझी ना रहबर, ना हक में हवाएं". राहुल को यहां पहुंचने की बहुत जल्दी है. मैं खड़ा भी हूं और चार साल जो काम किये हैं उस पर अड़ा भी हूं. हमारी सोच उनसे अलग है.
  • डंके की चोट पर यह कहा जाता है कि 2019 में पावर में आने नहीं देंगे. लोकतंत्र में जनता जनार्दन भाग्य विधाता होती है. लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर विश्वास होना चाहिए. अगर 2019 में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनती है तो मैं बनूंगा प्रधानमंत्री. दूसरों की ढेर सारी ख्वाहिशें हैं उनका क्या? एक मोदी को हटाने के लिए जिनके साथ कभी देखने का मिलने का समय नहीं था उनसे जुड़ने का प्रयास चल रहा है.
  • अविश्वास प्रस्ताव का बहाना न बनाइये. जितना अविश्वास वो सरकार पर करती है उतना विश्वास अपने साथियों पर तो कीजिए. हम यहां इसलिए है कि हमारे पास संख्या बल है, सवा सौ करोड़ देशवासियों का आर्शीवाद हमारे साथ है.
  • बीते दो वर्षों में पांच करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर आए. 20 करोड़ लोगों को बीमा का सुरक्षा मिला. 8 करोड़ शौचलय बनाए. उज्जवला योजना से 4.5 करोड़ महिलाओं को लाभ मिला. किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं उस पर भी विपक्ष को विश्वास नहीं है. 80 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर 99 सिंचाई परियोजनाओं को आगे बढ़ाया है.
  • युवाओं के रोजगार के लिए 13 करोड़ लोगों को मुद्रा योजना का लाभ दिया है. इज़ ऑफ़ डूइंग बिजनेस में 42 अंकों का सुधार हुआ है. इनोवेशन अंक में 24 अंकों का सुधार हुआ है. सरकार कॉस्ट ऑफ़ बिजनेस को कम कर रही है. भारत ने पूरी दुनिया की इकोनॉमी को मजबूती दी है. आज भारत सबसे तेज़ी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है.
  • काले धने के ख़िलाफ़ लड़ाई छेड़ी है जो रुकने वाली नहीं है. कैसे कैसे लोगों को परेशानी हो रही है ये उनके व्यवहार से पता चलता है. तकनीकी के माध्यम से 90 हज़ार करोड़ रुपये बचाने का काम किया है. ढाई लाख फ़र्जी कंपनियों पर ताले लगाए. दो लाख और कंपनिया नज़र में हैं. बेनामी संपत्ति का क़ानून सदन ने पारित किया था लेकिन इसे लागू नहीं किया गया था. चार हज़ार करोड़ रुपये बेनामी संपत्ति हमने जब्त की.
  • कांग्रेस को खुद पर विश्वास नहीं. मुख्य न्यायाधीश, चुनाव आयोग, ईवीएम, रिजर्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, देश के बाहर हो रही देश की तरक्की पर, कुछ पर भी विश्वास नहीं है क्योंकि उन्हें खुद पर विश्वास नहीं है. जब भ्रष्टाचार पर लगाम लगाया गया तो उनकी परेशानी बढ़ गई.
  • शिव पर विश्वास है तो शिव आपको इतनी शक्ति दें कि आप 2024 में फिर से अविश्वास प्रस्ताव ले आएं.
  • जिस विषय पर जानकारी नहीं है उस पर बोलने से व्यक्ति का नुकसान कम है देश का नुकसान ज़्यादा. जो आज डोकलाम की बात करते हैं वो चीन के राजनयिक के साथ मिलते हैं. देश के सुरक्षा के विषयों पर ऐसे खेल खेले जाते हैं ये देश कभी माफ़ नहीं करेगा. ये समझौता दो देशों के बीच हुआ है और पूरी पारदर्शिता के साथ हुआ है.
  • चीख कर सत्य का गला घोंटने की कोशिश की जा रही है. सदन पर दिए गए बयान पर दोनों देशों ने सफ़ाई दी है.
  • देश के सेनाध्यक्ष के लिए इस प्रकार की भाषा का प्रयोग किया जाएगा. सीमा पर बैठे हर सैनिक को गहरी चोट पहुंची है जब आपने सर्जिकल स्ट्राइक को जुमला कहा गया. देश के जवानों को गालियां देना बंद कीजिए. सेना को अपमानित करने का काम बंद कीजिए.
  • कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव की संवैधानिक परंपरा का दुरुपयोग किया है.
  • हम कौन होते हैं जो आपकी आंख में आंख डाल सके. आप तो नामदार हैं, हम तो कामदार हैं. आपकी आंख में आंख डालने की हिम्मत कहां. आंख में आंख डालने वालों को कैसे बेइज्जत किया जाता है यह इस देश का इतिहास गवाह है. आंखों की हरकतें आज देश की जनता ने देखा है.
  • सदन में आज हमसे ये पूछा गया पेट्रोल को सस्ता क्यों नहीं किया गया. आपको इतना तो पता होना चाहिए था जीएसटी से पेट्रोलियम को बाहर रखने का प्रस्ताव आपकी यूपीए सरकार ने रखा था.
  • आप चौकीदार नहीं भागीदार हैं. मैं गर्व के साथ कहना चाहता हूं कि आपकी तरह सौदागर नहीं हूं, ठेकेदार नहीं हूं. देश के किसानों की पीड़ा के भागीदार हैं. नौजवानों के सपनों, देश के विकास के भागीदार, मेहनतकश मजदूरों के भागीदार, उनके दुखों को बांटने के भागीदार हैं. हम चौकीदार भी हैं भागीदार भी हैं.
  • देश का एक बड़ा तबका सशक्तीकरण से वंचित रह गया है. धारा 356 का बार बार दुरुपयोग करने वाले हमें लोकतंत्र की पाठ पढ़ाते हैं. इस खेल को देश की आज़ादी के तुंरत बाद शुरू कर दिया गया था. देश को बार बार चुनाव में घसीटा गया. एक परिवार की अकांक्षाओं के आगे चाहे देश के लोकतंत्र को दांव पर लगाना क्यों न पड़े, किया गया. हमारा यहां बैठना गंवारा नहीं, मुझे ना पसंद करना समझ में आता है.
  • कांग्रेस जमीन से कट चुकी है. उनके साथी भी "हम तो डूबे हैं…." कांग्रेस इस बात को समझ नहीं पाई की सत्ता गांव, देहात, ग़रीब, बेरोज़गार, मजलूम तक पहुंची, जैसे जैसे पावर नीचे की तरफ चलती गई वैसे वैसे अनेक राज्यों में कांग्रेस का प्रभाव खत्म होता गया.

बीजद ने किया वॉकआउट

सुबह 11 बजे टीडीपी सांसद जयदेव गल्ला ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. उन्होंने कहा कि प्रस्ताव को आम आदमी पार्टी, सीपाआई, सीपीएम, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस का समर्थन है. अविश्वास प्रस्ताव पर बहस शुरू होते ही बीजू जनता दल (बीजद) के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया.

इसके बाद भाजपा सांसद राकेश सिंह ने कहा कि "टीडीपी कांग्रेस के साथ खड़ी होकर अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन कर रही है. यह दुर्भाग्य की बात है. गल्ला जी कह रहे थे वो श्राप दे रहे हैं, आप तो वैसे ही शापित हो गए जैसे कांग्रेस के पास आकर खड़े हो गए."

राकेश सिन्हा ने देश के सभी दलों से सरकार का समर्थन करने के साथ ही कहा, "इस अविश्वास प्रस्ताव का औचित्य क्या है, ये देश जानना चाहता है."

रफाएल डील और राहुल की झप्पी

इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री पर रफाएल डील पर देश से झूठ बोलने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा, "मैंने व्यक्तिगत तौर पर फ्रांस के राष्ट्रपति से मुलाकात की और उनसे पूछा कि क्या भारत के साथ कोई गोपनीय समझौता हुआ है. उन्होंने मुझसे कहा कि ऐसा कोई भी गोपनीय समझौता दोनों देश के बीच नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा कहना में कोई हिचक नहीं है और मैं ऐसा देश को बता सकता हूं."

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उस समय सभी को हैरान कर दिया, जब उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान अपने भाषण के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास जाकर उन्हें गले लगाया.

राहुल गांधी की टिप्पणियों का सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों ने तीखा विरोध किया और सदन को कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ा.

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गले मिलने पर नाखुशी जताई और कहा कि इस हाव-भाव से सदन के शिष्टाचार में कमी आई है.

राहुल गांधी के रफाएल डील पर सवाल उठाए जाने पर रक्षा मंत्री ने कहा, "मेरे पास तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी के दस्तखत वाले दस्तावेज़ हैं. भारतीय मीडिया को दिए इंटरव्यू में फ़्रांस के राष्ट्रपति ने डील के बारे में कोई भी जानकारी देने से इनकार किया था."

उन्होंने कहा, "डील पूरी तरह पारदर्शी है. ये डील यूपीए सरकार के दौरान की गई थी. जहां तक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों का सवाल है वो न केवल तथ्यों से परे है, बल्कि सरकार का बदनाम करने की कोशिश की गई है."

गृह मंत्री राजनाथ क्या बोले?

सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "कांग्रेस नेतृत्व की यूपीए सरकार के ख़िलाफ़ हम कभी अविश्वास प्रस्ताव लेकर नहीं आए. डॉ. मनमोहन सिंह सरकार के पास बहुमत थी और हमने सरकार को चलने देने में कोई बाधा नहीं डाली. हमारा मानना है कि लोकतंत्र में विपक्ष की भी अहमियत होती है. इसलिए हमने सर्वसम्मति से इस अविश्वास प्रस्ताव को लाने देने पर अपनी सहमति दी."

उन्होंने कहा, "नोटबंदी के दौरान देश की जनता को तात्कालिक तकलीफ़ उठानी पड़ी इसके बावजूद उन्होंने इसके तुरंत बाद हुए उत्तर प्रदेश के चुनाव में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत दिया. जनता ने प्रधानमंत्री मोदी में अपना विश्वास दिखाया है."

राजनाथ सिंह ने कहा, "आंध्र प्रदेश को 1500 करोड़ अमरावती के लिए दिया गया जिस पर कहा गया कि ये कम है. विजयवाड़ा के लिए अलग से अमांउट अलॉट किया गया." इसके साथ ही उन्होंने आंध्र प्रदेश को केंद्र द्वारा दिए गए तमाम फंड की जानकारी दी.

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नेता प्रतिपक्ष ने क्या कहा?

लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "राजनाथ सिंह ने अभी हमें देश का इतिहास पढ़ाया. कर्नाटक के हर व्यक्ति को यह पता है. आपने कोई नई बात नहीं बताई, आपको साढ़े चार साल की उपलब्धियां बतानी चाहिए थी. राजनाथ सिंह रामामण-महाभारत तक गए लेकिन सिर्फ राम, भीम और कृष्ण ही याद आए. आपके तो मुंह में राम बगल में छुरी है."

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार के पास डिवाइड एंड रूल की पॉलिसी है. उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के लोगों के हित में कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया है.

तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी ने कहा, "आप राम पर भी अपनी मनॉपली (एकाधिकार) करना चाहते हैं."

तृणमूल, सपा ने प्रस्ताव का किया समर्थन

दमदम से तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत राय ने कहा कि मोदी सिंडिकेट देश को लूट रहा है. उन्होंने कहा, "बंगाल में रैली के लिए पीएम गुजरात वाले अपने मोटा भाई को भेजे. प्रधानमंत्री क्यों घूम-घूमकर रैली कर रहे हैं." उन्होंने कहा कि पीएम को फेरी वाले की तरह घूमना नहीं चाहिए लेकिन आज पीएम को इसकी आदत पड़ गई है.

सौगत राय ने कहा, "बीजेपी हाल ही में हुए सभी संसदीय उपचुनाव हार गई है और यह अपने आप में यह बताने के लिए काफी है कि वो जनता का विश्वास खो चुकी है."

समाजवादी पार्टी के आज़मगढ़ से सपा सांसद मुलायम सिंह यादव ने कहा, "हमने तीन समस्याओं को हल करने के लिए कहा था. किसानों की, बेरोज़गारी की और व्यापारियों की लेकिन प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं किया. ये करना होगा."

"कांग्रेस विश्वास के लायक नहीं"

आनंदपुर साहिब, पंजाब से शिरोमणि अकाली दल के सांसद प्रेम सिंह चंडूमाजरा ने आंध्र प्रदेश को स्पेशल स्टेटस देने की मांग का समर्थन किया लेकिन साथ ही कहा, "हम टीटीपी को आगाह करना चाहते हैं कि हम सब कांग्रेस से विधवा किए लोग हैं आप इनका यकीन मत करना ये विश्वास के लायक नहीं हैं."

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के ख़िलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में चर्चा शुरू हो गई है. मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल में पहली बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है.

अविश्वास प्रस्ताव पर बहस से पहले ने केंद्र सरकार ने भरोसा जताया कि सदन में बहुमत उसके पक्ष में है.

https://twitter.com/narendramodi/status/1020127891986661376

पूरे देश की निगाह टिकी रहीं

लोकसभा में बहस शुरू होने के पहले शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर लिखा कि संसदीय लोकतंत्र के लिए आज का दिन अहम है जब पूरे देश की निगाहें संसद पर होंगी.

उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "आज संसदीय लोकतंत्र के लिए अहम दिन है. मुझे यकीन है कि मेरे साथी सासंद इस मौके पर सुनिश्चित करेंगे कि रचनात्मक, व्यापक और व्यावधान रहित बहस हो. भारत की हम पर करीबी निगाह होगी."

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आंकड़े सरकार के साथ!

लोकसभा में फ़िलहाल 534 सांसद हैं. बहुमत के लिए 268 सांसदों की जरूरत है. लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन समेत भारतीय जनता पार्टी के कुल 274 सांसद हैं. भारतीय जनता पार्टी को रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति के छह और शिरोमणि अकाली दल के चार सदस्यों का भी समर्थन मिला हुआ है.

केंद्र की एनडीए सरकार में शामिल शिवसेना के पास 18 सांसद हैं.

कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए के पास 63 सांसद हैं. इनमें से कांग्रेस के 48 सांसद हैं. तृणमूल कांग्रेस के पास 34 और तेलगू देशम पार्टी के 16 सांसद हैं.

मोदी सरकार और विपक्ष दोनों की परीक्षा है अविश्वास प्रस्ताव

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