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Raksha Bandhan 2022 Date, Shubh Muhurat Live: रक्षाबंधन आज 12 अगस्त को, राखी बांधने का शुभ समय देखें यहां

Raksha Bandhan 2022 Date, Shubh Muhurat Live: इस वर्ष रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) आज 12 अगस्त के दिन भी मनाया जा रहा है. चूंकि इस बार सावन पूर्णिमा के साथ ही भद्रा भी पहले भाग के दौरान प्रबल है, ऐसे में भद्रा के समाप्त होने के बाद ही भाई-बहन राखी बांध सकते हैं. राखी बांधने की सही तारीख, शुभ मुहूर्त जानें.

लाइव अपडेट

Raksha Bandhan 2022: राखी बांधते समय पढ़ें ये मंत्र

ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:

तेन त्वामभि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल

राखी चुनते समय इन बातों का रखें ध्यान


आप उन राखियों का चयन कर सकते हैं, जिन राखियों पर स्वास्तिक का चिन्ह हो या ऊँ का चिन्ह हो या जिस पर श्री लिखा हो. राखी काले या नीले रंग नहीं होनी चाहिए.

प्लास्टिक की राखी बांधना अशुभ

आजकल बाजारों मे नई तरह की राखियां आ रही हैं जिनमें प्लास्टिक की राखियां सबसे अलग होती हैं. प्लास्टिक कई अशुद्ध चीजों जैसे जानवरों की चर्बी और हड्डियों से मिलकर बनाई जाती है जिसके चलते प्लास्टिक की राखी को भी अशुभ माना गया है. इसलिए आप भूलकर भी अपने भाई को प्लास्टिक की राखी न बांधे. अगर आप ऐसा करते हैं तो आपके भाई को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

12 अगस्त 2022 को राखी बांधने का शुभ समय

12 अगस्त 2022, शुक्रवार को अभिजीत मुहूर्त : 11:59 AM to 12:52 PM
शुभ चौघड़िया समय : 12:25 PM to 02:05 PM

सावन पूर्णिमा प्रारंभ तिथि, समय

पंचांग के अनुसार सावन माह 2022 की पूर्णिमा (Sawan Purnima 2022) 11 अगस्त, 2022 को सुबह 10:38 बजे शुरू होगी और 12 अगस्त 2022 को सुबह 7.05 बजे समाप्त होगी. भद्रकाल 11 अगस्त को भोर से शाम 8:51 बजे तक है.

राखी बांधते समय पढ़ें ये मंत्र

ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:

तेन त्वामभि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल

राखी बांधने से पहले भाई को टीका करें

रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगा कर, कलाई पर राखी बांधती हैं. मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराती हैं और बहन और भाई एक-दूसरे को उपहार भी देते हैं. राखी की रस्म भाई-बहनों के बीच के बंधन को दिखाता है. इसके अतिरिक्त राखी बांधवा कर भाई अपनी बहनों की रक्षा करने, उनकी इच्छाओं को पूरा करने, आशीर्वाद देने और उनके जीवन के हर परेशानी में उनका साथ देने का वादा करते हैं.

रक्षा बंधन की थाली ऐसे तैयार करें

  • थाली में रोली, चंदन, अक्षत, दही, रक्षासूत्र और दही रखें

  • घी का एक दीपक भी रखें, जिससे भाई की आरती करें

  • रक्षा सूत्र और पूजा की थाली सबसे पहले भगवान को समर्पित करें.

पूर्णिमा तिथि का समापन

पूर्णिमा तिथि समापन- 12 अगस्त 2022, शुक्रवार, सुबह 07:06 मिनट

रक्षाबंधन 2022 में भद्रा काल कब से है- 11 अगस्त 2022, गुरुवार को सुबह 10:38 से

रक्षाबंधन 2022 में भद्रा काल समापन- 11 अगस्त 2022, रात 8:51 पर

11 अगस्त को रक्षा बंधन 2022 का शुभ मुहूर्त- रात 8:51 से रात 09:12 तक

11 अगस्त को राखी बांधने का मुहूर्त

कुछ विद्वानों का मत है कि इस बार भद्रा पृथ्वी पर न होकर पाताललोक में निवास करेगी ऐसे में 11 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा सकता है. 11 अगस्त को भद्रा रात 8 बजे के बाद ही खत्म होगी लेकिन रात के समय राखी बांधना अच्छा नहीं रहेगा. इस कारण सुबह 11 अगस्त को अभिजीत मुहूर्त और प्रदोष काल को ध्यान में रखते हुए राखी बांधी जा सकती है.

पौराणिक काल में द्रौपदी ने भगवान कृष्ण को बांधी थी राखी

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभारत (Mahabharat) में गलती से सुदर्शन चक्र से भगवान कृष्ण (Lord Shri Krishna) की उंगली कट गई थी. यह देख राजकुमारी द्रौपदी ने उंगली से बहते खून को रोकने के लिए कपड़े का एक टुकड़ा बांध दिया. भगवान कृष्ण द्रौपदी की भावनाओं से बहुत प्रभावित हुए और बदले में, दुनिया की सभी बुराइयों से उसकी रक्षा करने का वादा किया. द्रौपदी के चीरहरण के दौरान, जब कौरवों ने उसे शर्मसार करने और नीचा दिखाने की कोशिश की, तो भगवान कृष्ण ने उन्हें अपमान से बचाकर अपना वादा निभाया.

कब तक है सावन पूर्णिमा तिथि

पंचांग के अनुसार सावन माह 2022 की पूर्णिमा (Sawan Purnima 2022) 11 अगस्त, 2022 को सुबह 10:38 बजे शुरू होगी और 12 अगस्त 2022 को सुबह 7.05 बजे समाप्त होगी. भद्रकाल 11 अगस्त को भोर से शाम 8:51 बजे तक है.

राखी की थाली में रखें ये चीजें

भाई को राखी बांधते समय थाली में जरूर रखें ये 7 चीजें

1. अक्षत

2. चंदन

3. नारियल

4. रक्षा सूत्र

5. मिठाई

6. दीपक

7. कलश

11 अगस्त को राखी बांधने का मुहूर्त

कुछ विद्वानों का मत है कि इस बार भद्रा पृथ्वी पर न होकर पाताललोक में निवास करेगी ऐसे में 11 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा सकता है. 11 अगस्त को भद्रा रात 8 बजे के बाद ही खत्म होगी लेकिन रात के समय राखी बांधना अच्छा नहीं रहेगा. इस कारण सुबह 11 अगस्त को अभिजीत मुहूर्त और प्रदोष काल को ध्यान में रखते हुए राखी बांधी जा सकती है.

सावन पूर्णिमा तिथि प्रारंभ

सावन मास 2022 शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि आरंभ- 11 अगस्त, गुरुवार को सुबह 10:38 मिनट से

कब तक है भद्रा

पंचांग के अनुसार सावन माह 2022 की पूर्णिमा (Sawan Purnima 2022) 11 अगस्त, 2022 को सुबह 10:38 बजे शुरू होगी और 12 अगस्त 2022 को सुबह 7.05 बजे समाप्त होगी. भद्रकाल 11 अगस्त को भोर से शाम 8:51 बजे तक है.

रक्षा बंधन की थाली में जरूर रखें ये चीजें

  • रोली या हल्दी पाउडर

  • अक्षत (साबूत चावल)

  • आरती के लिए दीपक

  • मिठाई

  • राखी बांधने का मंत्र

भद्रा में नहीं बांधते हैं राखी

भद्रा को अशुभ फल देने वाला माना जाता है. इस वजह से भद्रा काल में कोई भी मांगलिक शुभ कार्य नहीं करते हैं.

कब से शुरू हो रहा है भद्राकाल?

सावन पूर्णिमा 11 अगस्त को सुबह 10:38 से प्रारंभ हो रही है जो 12 अगस्त को सुबह 07:17 तक समाप्त हो जाएगी. 11 अगस्त को सुबह से लेकर रात के 8:51 भद्राकाल रहने वाला है.

रक्षा बंधन की डेट पर कंफ्यूजन

इस बार भद्रा काल और पूर्णिमा के दो दिन में बंटने की वजह से रक्षा बंधन की डेट को लेकर दुविधा है. 11 और 12 अगस्त में से किस तारीख को रक्षा बंधन मनाया जाएगा.

अशुभ चिन्हों वाली राखी ना बांधें

आजकल लोग बिना सोचे समझे फैशन की वजह से किसी भी प्रकार की राखियां खरीद लेते हैं. ऐसे में कई राखियां ऐसी होती हैं जिनमें अशुभ चिन्ह अंकित होते हैं. शास्त्रों के अनुसार इस प्रकार की राखियां आपके भाई पर संकट के बादल लेकर आ सकती हैं. इसलिए आपको ऐसी राखी बिल्कुल भी नहीं खरीदनी चाहिए जिसमें अशुभ चिन्ह अंकित हो.

भगवान शिव की करें पूजा

सावन की पूर्णिमा पर रक्षाबंधन को भगवान शिव की पूजा जरूर करें, और उन्हें सफेद चंदन, सफेद फूल और साबूदाने की खीर का भोग लगाएं. इससे आपके जीवन में सुख समृद्धि और सौभाग्य जाग उठेगा.

राखी की थाली में रखें ये 7 चीजें

भाई को राखी बांधते समय थाली में जरूर रखें ये 7 चीजें

1. अक्षत

2. चंदन

3. नारियल

4. रक्षा सूत्र

5. मिठाई

6. दीपक

7. कलश

Raksha Bandhan 2022: पूर्णिमा तिथि समापन

पूर्णिमा तिथि समापन- 12 अगस्त 2022, शुक्रवार, सुबह 07:06 मिनट

रक्षाबंधन 2022 में भद्रा काल कब से है- 11 अगस्त 2022, गुरुवार को सुबह 10:38 से

रक्षाबंधन 2022 में भद्रा काल समापन- 11 अगस्त 2022, रात 8:51 पर

11 अगस्त को रक्षा बंधन 2022 का शुभ मुहूर्त- रात 8:51 से रात 09:12 तक

Raksha Bandhan 2022 Date, Time: राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

सावन मास 2022 शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि आरंभ- 11 अगस्त, गुरुवार को सुबह 10:38 मिनट से

सावन पूर्णिमा शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार सावन माह 2022 की पूर्णिमा (Sawan Purnima 2022) 11 अगस्त, 2022 को सुबह 10:38 बजे शुरू होगी और 12 अगस्त 2022 को सुबह 7.05 बजे समाप्त होगी. भद्रकाल 11 अगस्त को भोर से शाम 8:51 बजे तक है.

भाई के माथे पर तिलक लगा कर बहनें बांधती हैं राखी

रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगा कर, कलाई पर राखी बांधती हैं. मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराती हैं और बहन और भाई एक-दूसरे को उपहार भी देते हैं. राखी की रस्म भाई-बहनों के बीच के बंधन को दिखाता है. इसके अतिरिक्त राखी बांधवा कर भाई अपनी बहनों की रक्षा करने, उनकी इच्छाओं को पूरा करने, आशीर्वाद देने और उनके जीवन के हर परेशानी में उनका साथ देने का वादा करते हैं.

महाभारत काल में द्रौपदी ने श्री कृष्ण को बांधी थी राखी

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभारत (Mahabharat) में गलती से सुदर्शन चक्र से भगवान कृष्ण (Lord Shri Krishna) की उंगली कट गई थी. यह देख राजकुमारी द्रौपदी ने उंगली से बहते खून को रोकने के लिए कपड़े का एक टुकड़ा बांध दिया. भगवान कृष्ण द्रौपदी की भावनाओं से बहुत प्रभावित हुए और बदले में, दुनिया की सभी बुराइयों से उसकी रक्षा करने का वादा किया. द्रौपदी के चीरहरण के दौरान, जब कौरवों ने उसे शर्मसार करने और नीचा दिखाने की कोशिश की, तो भगवान कृष्ण ने उन्हें अपमान से बचाकर अपना वादा निभाया.

रक्षा बंधन की थाली में रखें ये चीजें

  • रोली या हल्दी पाउडर

  • अक्षत (साबूत चावल)

  • आरती के लिए दीपक

  • मिठाई

  • राखी बांधने का मंत्र

राखीं बांधने से पहले जरूर करें ये काम

  • थाली में रोली, चंदन, अक्षत, दही, रक्षासूत्र और दही रखें

  • घी का एक दीपक भी रखें, जिससे भाई की आरती करें

  • रक्षा सूत्र और पूजा की थाली सबसे पहले भगवान को समर्पित करें.

 11 अगस्त को कब तक है भद्रा ?

पंचांग के अनुसार सावन माह 2022 की पूर्णिमा (Sawan Purnima 2022) 11 अगस्त, 2022 को सुबह 10:38 बजे शुरू होगी और 12 अगस्त 2022 को सुबह 7.05 बजे समाप्त होगी. भद्रकाल 11 अगस्त को भोर से शाम 8:51 बजे तक है.

भाई की राशि अनुसार चुनें राखी का शुभ रंग

मेष राशि (Aries)

भाई की राशि मेष हो तो लाल रंग की राखी बांधना शुभ होगा. इससे भाई का स्वास्थ्य अच्छा बना रहेगा. रक्षा बंधन के दिन कुमकुम का तिलक लगाकर भाई को मालपुआ खिलाएं.

वृषभ राशि (Taurus)

रक्षाबंधन के खास मौके पर भाई को चांदी की या सफेद रेशमी राखी बांधें. ज्योतिष के अनुसार इस रंग की राखी बांधने से भाई को अपने काम में काफी तरक्की मिल सकती है. रुके हुए काम पूरे होंगे. चंदन का तिलक करें और भाई को दूध से बनी मिठाई खिलाएं.

मिथुन राशि (Gemini)

मिथुन राशि के लोगों को हरे रंग या चंदन की राखी बांधना शुभ होता है. ऐसा माना जाता है कि इस रंग की राखी बांधने से बुरी चीजें भी अच्छी हो जाती हैं. इससे आत्मविश्वास बढ़ता है. हल्दी का तिलक करें और बेसन की मिठाई खिलाएं.

कर्क राशि (Cancer)

अगर आपके भाई की राशि कर्क है तो क्रीम कलर की राखी या मोतियों की राखी बांधें. ऐसा करने से आपके भाई को शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलेगी. समस्याएं दूर होंगी. चंदन का तिलक करें और राबड़ी खिलाएं.

सिंह राशि (Leo)

सिंह राशि के लोगों को सुनहरे, गुलाबी या नारंगी रंग की राखीं बांधें. ऐसा करने से भाई को नौकरी में तरक्की मिलेगी. अपने भाई को हल्दी मिली कुमकुम का तिलक लगाएं. रसवाली मिठाई खिलाएं.

भाई की राशि अनुसार चुनें राखी का रंग

कन्या राशि (Virgo)

यदि आपके भाई की राशि कन्या है तो उन्हें सफेद या चांदी के रंग की राखी बांधें. इस रंग की राखी बांधने से भाई सदा सुरक्षित रहेगा. कुमकुम का तिलक लगाएं और मोतीचूर के लड्डू खिलाएं.

तुला राशि (Libra)

यदि आपके भाई की राशि तुला है तो क्रीम और पीले रंग की राखी बांधें. इससे धन में वृद्धि होगी. साथ ही भाग्य अच्छा बनेगा. चंदन का तिलक करें और घर की बनी कोई भी मिठाई खिलाकर मुंह मीठा करें.

वृश्चिक राशि (Scorpio)

यदि आपके भाई की राशि वृश्चिक है तो उन्हें गुलाबी, लाल रंग की राखी बांधें. इससे भाई का विश्वास बढ़ेगा. अपने भाई का तिलक कुमकुम से करें और उन्हें गुड़ से बनी मिठाई खिलाएं.

धनु राशि (Sagittarius)

यदि आपके भाई की राशि धनु है तो पीले रंग या चंदन की राखी बांधें. इससे उन्हें नौकरी और व्यापार में सफलता मिलेगी. केसर का तिलक करें और रसगुल्ला खिलाएं.

मकर राशि (Capricorn)

यदि आपके भाई की राशि मकर है तो नीले रंग की राखी बांधें. इससे आपके भाई के प्रमोशन के रास्ते खुलेंगे. केसर का तिलक करें और बालूशाही खिलाएं.

कुंभ राशि (Aquarius)

यदि आपके भाई की राशि कुंभ है तो उन्हें सफेद, आसमानी रंग और रुद्राक्ष की राखी बांधें. इससे जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होंगी और जल्द ही सफलता मिलेगी. हल्दी का तिलक करें और भाई को कलाकंद खिलाएं.

मीन राशि (Pisces)

यदि आपके भाई की राशि मीन है तो लाल, पीले या नारंगी रंग की राखी बांधें. इससे आपके भाई को सफलता मिलेगी. हल्दी का तिलक करें और दूध की मिठाई खिलाएं.

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार भाई-बहन रात 08:51 बजे से रात 09:13 बजे तक राखी बांध सकते हैं. इसके अलावा 12 अगस्त को भद्रा नहीं है. हालांकि पूर्णिमा सुबह 07:16 बजे तक ही रहेगी. साथ ही राखी का पर्व भद्रा पंच के समय भी मनाया जा सकता है, जो 11 अगस्त को सायं 05:17 से सायं 06:18 तक रहेगा.

सबसे पहले भगवान को बांधें राखी

सबसे पहले राखी भगवान श्री गणेश जी को बांधना चाहिए. उसके बाद एनी देवताओं को जैसे भगवान विष्णु, भगवान शिव,भगवान श्री कृष्ण, भगवान श्री राम, भगवान हनुमान और अपने ईष्ट देव को राखी अर्पित करें के बाद ही भाइयों को राखी बांधें.

राखी बांधते समय इन बातों का रखें ध्यान

  • थाली में रोली, चंदन, अक्षथ, दही, रक्षासूत्र और दही रखें

  • घी का एक दीपक भी रखें, जिससे भाई की आरती करें

  • रक्षा सूत्र और पूजा की थाली सबसे पहले भगवान को समर्पित करें.

  • इसके बाद भाई को उत्तर या पूर्व की तरफ मुंह करवाकर बैठाएं

  • पहले भाई के तिलक लगाएं, फिर राखी बांधे और आरती करें

  • इसके बाद मिठाई खिलाकर भाई की मंगल कामना करें

Raksha Bandhan 2022: राखी बांधते समय थाली में रखें ये चीजें

  • रोली या हल्दी पाउडर

  • अक्षत (साबूत चावल)

  • आरती के लिए दीपक

  • मिठाई

  • राखी बांधने का मंत्र

‘ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।

तेन त्वामभि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।'

Raksha Bandhan 2022: राखी बांधते समय पढ़ें ये मंत्र

‘ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।

तेन त्वामभि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।

Raksha Bandhan 2022: रक्षा बंधन पर शुभ मुहूर्त का महत्व

हिंदू धर्म में कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य शुभ मुहूर्त में करने की परंपरा है. पंचांग के अनुसार शुभ समय में ही मांगलिक कार्य करने चाहिए. शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखकर कार्य करता है, उसे सफलता मिलने की संभावना अधिक रहती है.

Raksha Bandhan 2022: राखी बंधवाते समय इस दिशा में हो भाई का मुख

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार राखी बंधवाते समय भाई का मुख पूरब दिशा में और बहन का पश्चिम दिशा में होना चाहिए.

 Raksha Bandhan 2022: पौराणिक कथा है प्रसिद्ध

एक कथा के अनुसार जब भगवान कृष्ण ने राजा शिशुपाल का वध किया था, तब उनकी उंगली से खून बहने लगा था. कृष्ण जी के हाथ से खून बहता देख द्रौपदी ने अपनी साड़ी का टुकड़ा चीरकर उनकी उंगली में बांध दिया. कहा जाता है कि यहीं से भगवान कृष्ण ने द्रोपदी को अपनी बहन मान लिया था.

Raksha Bandhan 2022: काले धागे का प्रयोग न करें

राखी के दिन इस बात का विशेष ध्यान दें कि काले रंग का सूत्र का प्रयोग नहीं होना चाहिए. शास्त्रों में भी माना जाता है कि ये रंग नकाराकत्मकता को दर्शता है.

Raksha Bandhan 2022: 11और 12 अगस्त दोनों दिन है पूर्णिमा तिथि

इस वर्ष रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) 11 और 12 अगस्त को पड़ रहा है. द्रिक पंचांग के अनुसार सावन पूर्णिमा तिथि (Sawan Purnima Tithi) 11 अगस्त को सुबह 10:38 बजे शुरू होगी और 12 अगस्त 2022 को सुबह 07:05 बजे समाप्त होगी. चूंकि इस बार सावन पूर्णिमा के साथ ही भद्रा भी पहले भाग के दौरान प्रबल है, ऐसे में भद्रा के समाप्त होने के बाद ही भाई-बहन राखी बांध सकते हैं. भद्रा रात 08:51 बजे समाप्त हो रही है.

Raksha Bandhan 2022: राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

राखी बांधने का सबसे अच्छा मुहूर्त (Raksha Bandhan Shubh Muhurat) गुरुवार 11 अगस्त की शाम से शुरू होकर शुक्रवार 12 अगस्त तक रहेगा. द्रिक पंचांग के अनुसार भाई-बहन रात 08:51 बजे से रात 09:13 बजे तक राखी बांध सकते हैं. इसके अलावा 12 अगस्त को भद्रा नहीं है. हालांकि पूर्णिमा सुबह 07:16 बजे तक ही रहेगी. साथ ही राखी का पर्व भद्रा पंच के समय भी मनाया जा सकता है, जो 11 अगस्त को सायं 05:17 से सायं 06:18 तक रहेगा.

Raksha Bandhan 2022: रक्षा बंधन पौराणिक कथा

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभारत (Mahabharat) में गलती से सुदर्शन चक्र से भगवान कृष्ण (Lord Shri Krishna) की उंगली कट गई थी. यह देख राजकुमारी द्रौपदी ने उंगली से बहते खून को रोकने के लिए कपड़े का एक टुकड़ा बांध दिया. भगवान कृष्ण द्रौपदी की भावनाओं से बहुत प्रभावित हुए और बदले में, दुनिया की सभी बुराइयों से उसकी रक्षा करने का वादा किया. द्रौपदी के चीरहरण के दौरान, जब कौरवों ने उसे शर्मसार करने और नीचा दिखाने की कोशिश की, तो भगवान कृष्ण ने उन्हें अपमान से बचाकर अपना वादा निभाया.

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