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Surya Grahan 2020 : साल का आखिरी सूर्य में भारत में क्या होगा असर, इसलिए खास है साल का अंतिम सूर्य ग्रहण

Surya Grahan (Solar Eclipse) 2020, Timings in India, Timings in India, Surya Grahan Kab Lagega, Padega, Samay : आज कुछ घंटे बाद सूर्य ग्रहण लगने वाला है. 2020 का आखिरी सूर्य ग्रहण बेहद खतरनाक योग में लग रहा है. इस बार सूर्य ग्रहण और सोमवती अमावस्या पर पांच ग्रहों का योग बन रहा है. आज ही अगहन मास की सोमवती अमावस्या तिथि है. सूर्य ग्रहण में पांच ग्रह सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र और केतु ग्रह वृश्चिक राशि में रहेंगे. इन पांच ग्रहों के एक साथ आने की स्थिति से कई राशियों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा. सूर्य ग्रहण के दौरान इस बार गुरु चंडाल योग बनेगा. सोमवती अमावस्या पर पंचग्रही योग 53 साल बाद बन रहा है.

लाइव अपडेट

14 जून को लगा था सूर्यग्रहण

इससे पहले इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को लगा था. यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल नहीं माना जाएगा. इस ग्रहण के कारण पूजा पाठ करना भी बंद नहीं होगा. सोमवती अमावस्या होने के कारण अमावस्या की पूजा और दान आप आज कर सकते हैं.

इन जगहों पर दिखाई देगा ग्रहण

यह ग्रहण दक्षिण अफ्रीका, दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत महासागर में दिखाई देगा. इस ग्रहण का अधिकांश हिस्सा महासागर में पड़ने जा रहा है. आंशिक सूर्य ग्रहण बोलेविया, पेरू, ब्राजील, उरुग्वे व एक्वाडोर से नजर आएगा.

नकारात्मक्ता से रहें दूर

तुलसी में नकारात्मता को सोखने की क्षमता होती है, इसलिए ग्रहण का आरंभ होने से पहले ही खाने पीने की वस्तुओं में तुलसी का पत्ता अवश्य डाल दें.

ग्रहण खत्म होने के बाद करें ये काम

ग्रहण खत्म होने पर संकल्प के अनुसार चीजों का दान करें. इसके बाद गाय को हरी घास खिलाएं, कुत्तों और कौवों को रोटी खिलाएं.

ग्रहण के दौरान बचें इन चीजों से

ग्रहण के दौरान बाल और नाखून काटने से बचना चाहिए. इसके अलावा न तो कुछ खाना चाहिए और न ही खाना बनाना चाहिए.

इसलिए खास है साल का अंतिम सूर्य ग्रहण

भले ही यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दे रहा हो, लेकिन साल का यह अंतिम सूर्य ग्रहण खास माना जा रहा है. दरअसल ज्योतिषीय गणना के अनुसार, यह सूर्य ग्रहण सोमवती अमावस्या के दिन लग रहा है और इस दिन पंचग्रही योग बन रहा है, जो कई सालों बाद बनेगा.

सूर्यग्रहण के बाद धनु राशि में गोचर करेंगे सूर्य

सोमवती अमावस्या पर सूर्य ग्रहण लगने के बाद, सूर्य अपनी राशि भी बदलकर गुरु की राशि धनु में प्रवेश कर जाएंगे और इसी के साथ एक महीने तक सभी तरह के शुभ कार्यों में रूकावट आ जाएगी. जब भी सूर्य धनु राशि में एक महीने के लिए गोचर करते हैं तब खरमास लग जाता है. खरमास में शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है.

यहां पर देख सकते हैं सूर्य ग्रहण का लाइव नजारा

वैसे तो भारत में शाम होने के कारण यह सूर्य ग्रहण नहीं देखा जा सकेगा. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा इस ग्रहण को लाइव प्रसारित करेगा. ऐसे में दुनियाभर के लोग नासा टीवी पर आराम से सूर्य ग्रहण घर बैठे देख सकते हैं. इसके अलावा आप यूट्यूब चैनल पर लाइव सूर्य ग्रहण देख सकते हैं.

15 दिनों के अंतराल में लगे दो ग्रहण

आज लगने वाला सूर्य ग्रहण 15 दिन के अंतराल में दूसरा ग्रहण है. इससे पहले 30 नवंबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगा था. यह एक उपछाया चंद्र ग्रहण था.

लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए यहां देख सकेंगे ग्रहण

अगर आप इस ग्रहण को देखना चाहते हैं तो ऑनलाइन लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए देख सकते हैं. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के अनुसार, इस ग्रहण को लाइव प्रसारित किया जाएगा जिसे दुनियाभर के लोग नासा टीवी के जरिए अपने घरों में बैठकर देख सकेंगे.

कैसे लगता है सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है. वैज्ञानिक परिभाषा के अनुसार, जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा तीनों एक सीध में रहते हैं और पृथ्वी और सूर्य के बीच में चंद्रमा आ जाता है. इससे सूर्य की आंशिक या पूर्ण रोशनी धरती पर नहीं आ पाती है और इसी घटना को सूर्यग्रहण कहते हैं.

ग्रहण के दौरान इन चीजों से बचें

ग्रहण के दौरान बाल और नाखून काटने से बचना चाहिए.इसके अलावा न तो कुछ खाना चाहिए और न ही खाना बनाना चाहिए.

साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण

यह सूर्य ग्रहण साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण होगा। इससे पहले साल 2020 का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को लगा था। ग्रहण का सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा. परंतु सूर्य ग्रहण का प्रभाव देश और दुनिया पर अवश्य पड़ेगा.

ग्रहण के दौरान न छुए भगवान की मूर्ति

ग्रहण के दौरान और ग्रहण के खत्म होने तक भगवान की मूर्ति को नहीं छूना चाहिए

ग्रहण कितने तरह के होते हैं और कैसे लगते हैं

अपने भ्रमण पथ पर चलते हुए चंद्रमा अमावस्या को सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाते हैं और कभी-कभी तो तीनों एक सीध में होते हैं. तब सूर्य के प्रकाश को ढक लेते हैं जिससे सूर्यग्रहण हो जाता है. चंद्रमा पृथ्वी के उपग्रह और अपार दर्शक हैं जो स्वयं प्रकाशक न होने के कारण अप्रकाशित पिंड हैं. ये पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं. ये कई बार पृथ्वी के इतने करीब आ जाते हैं कि उनके और बीच की दूरी का अंतर 121000 मील ही रह जाता है और कभी कभी इतने दूर चले जाते हैं कि इनके बीच की दूरी का अंतर 253000 मील हो जाता है.

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ये राशिवाले रहें सावधान

ज्योतिषीय गणना के अनुसार, सूर्य ग्रहण अशुभ प्रभाव मेष, कर्क, मिथुन, कन्या, तुला और मकर राशि में पड़ेगा. ऐसी स्थिति में इन राशियों के जातकों को विशेष सावधानी बरतनी होगी. इस दौरान क्रोध और अनैतिक कार्यों को करने से बचें.

सूर्य ग्रहण का समय

 सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार 14 दिसंबर को शाम 7 बजकर 3 मिनट से शुरू हो जाएगा और 15 दिसंबर की रात 12 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगा. ज्योतिषीय और धार्मिक दृष्टि से ग्रहण एक अशुभ समयावधि होती है. इसलिए इस दौरान कई चीजों को करना वर्जित माना जाता है.

इन चीजों का कर सकते हैं दान

ग्रहण खत्म होने के बाद आप ब्राह्मणों को भोजन करवा सकते हैं. संभव ना हो तो किसी मंदिर में आटा, घी, दक्षिणा, कपड़े या अन्य जरूरी चीजें दान कर सकते हैं. इस उपाय को करने से आप न केवल ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचेंगे बल्कि आपको इसका पुण्यफल भी प्राप्त होगा.

गंगाजल से करें स्नान

ग्रहण समाप्ति के तुरंत बाद गंगा जल से स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से ग्रहण के बुरे प्रभावों से मुक्ति मिलेगी. स्नान करने के बाद साफ-सुधरे कपड़े पहनें उसके बाद ही कोई अन्य कार्य करें. ग्रहण समाप्ति के बाद पवित्र तीर्थस्थलों पर पवित्र नदी में डुबकी लगाई जाती है.

करीब 5 घंटे तक चलेगा सूर्यग्रहण

साल 2020 का अंतिम सूर्य ग्रहण (Last Solar Eclipse of 2020) 14 दिसंबर यानी आज लगेगा. 15 दिनों के अंतराल पर लगने वाला ये दूसरा ग्रहण होगा जो मार्गशीर्ष की अमावस्या तिथि को लगेगा. ये एक पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा जो करीब 5 घंटे तक चलेगा.

कैसे देख सकते हैं आखिरी सूर्य ग्रहण?

साल के आखिरी सूर्य ग्रहण को देखने की चाह रखने वाले लोग टेलिस्‍कोप की मदद ले सकते हैं. इसके अलावा आप www.virtualtelescope.eu पर भी वर्चुअल टेलिस्‍कोप की मदद से सूर्य ग्रहण को देख सकते हैं. वहीं यूट्यूब चैनल CosmoSapiens, Slooh पर लाइव भी सूर्य ग्रहण देखने का अच्छा विकल्प हो सकता है.

भारतीय पर पड़ेगा ये असर

हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण हमारी राशियों पर प्रभाव डालते हैं. जिसकी वजह से हमारे जीवन में बदलाव होते हैं. ग्रहण के दौरान सूतक काल लग जाता है. इस समय शोर मचाना, खाना-पीना और कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. लेकिन 14 दिसंबर को संध्याकाल में लगने वाला ये सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा. ऐसे में ग्रहण के दौरान किसी भी तरह के कार्यों पर पाबंदी नहीं होगी.

यहां दिखेगा सूर्यग्रहण

यह ग्रहण दक्षिण अफ्रीका, दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत महासागर में दिखाई देगा. इस ग्रहण का अधिकांश हिस्सा महासागर में पड़ने जा रहा है. आंशिक सूर्य ग्रहण बोलेविया, पेरू, ब्राजील, उरुग्वे व एक्वाडोर से नजर आएगा.

भारत में नहीं दिखेगा सूर्य ग्रहण

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस बार भारत में रहने वालों को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण देखने को नहीं मिलेगा. कहा जा रहा है कि यह ग्रहण उस समय लगेगा जब भारत में सूर्यास्त हो चुका होगा. जानकारों की मानें तो सूर्य ग्रहण की अवधि शाम 7 बजकर 3 मिनट से शुरू होकर रात 12 बजकर 23 मिनट तक रहेगी. 5 घंटे की इस अवधि में सूर्य ग्रहण का अद्भुत नजारा भारत में नहीं दिखेगा.

नग्न आंखों से न देखें सूर्य ग्रहण, होता है ये नुकसान

विद्वान कहते हैं कि लोगों को नग्न आंखों से सूर्य ग्रहण नहीं देखना चाहिए. बताया जाता है कि ग्रहण के दौरान सूर्य ग्रह को कष्ट सहना पड़ता है, जिसे नगी आंखों से देखने पर आंखों में विकार आने की संभावनाएं बनी रहती हैं. इसलिए ग्रहण के दौरान नंगी आंखों से सूर्य को देखने के लिए मना किया जाता है. कहते हैं कि सूर्य ग्रहण को देखने का और उसकी रोशनी में रहने का दुष्प्रभाव पूरे शरीर के स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है.

आज सोमवती अमावस्या भी

आज इस साल की आखिरी सोमवती अमावस्या है. आज श्रद्धालु सुबह स्नान के बाद शिव अराधना व पितरों का तर्पण करेंगे. दिन भर दान और पुण्य का दौर चलेगा. ज्योतिषाचार्य विवेक गैरोला के मुताबिक जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष है, उन्हें पितरों के तर्पण व शिव भक्ति से लाभ मिलता है.

सूर्य ग्रहण खत्म होने पर करे ये उपाय

ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिये महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए. वहीं, ग्रहणकाल के बाद गंगाजल छिड़क कर घर का शुद्धिकरण कर लें. सूर्य ग्रहण के अगले दिन धनु संक्रांति है तो आप सूर्य से संबंधित कोई वस्तु दान करें. आप अगले दिन तांबा, गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र और तांबे की कोई वस्तु दान कर सकते हैं.

कहां देख सकते हैं सूर्य ग्रहण

टेलिस्‍कोप की मदद से सूर्य ग्रहण आप देख सकते है. टेलिस्कोप से सूर्य ग्रहण बहुत ही खूबसूरत दिखाई देगा. इसे आप www.virtualtelescope.eu पर वर्चुअल टेलिस्‍कोप की मदद से देख सकते हैं. इसके अलावा आप इसे यूट्यूब चैनल CosmoSapiens, Slooh पर लाइव भी देख सकते हैं.

जानिए कैसे बनता है गुरु चांडाल योग

जब कुंडली के किसी भी भाव में बृहस्पति के साथ राहु बैठा है तो उस वक्त गुरु चांडाल योग का निर्माण होता है. कुछ ज्योतिष मानते हैं कि यदि गुरु की राहु पर या राहु की गुरु पर दृष्टि है तो भी गुरु चांडाल योग बनता है. यह भी कहा जाता है कि राहु जिस भी ग्रह से साथ बैठता है तो उस ग्रह को ग्रहण लग जाता है. सूर्य के साथ सूर्य चांडाल योग और मंगल के साथ मंगल चांडाल योग माना जाता है, लेकिन सबसे अधिक घातक गुरु और राहु की युति को ही माना जाता है.

गुरु चंडाल योग क्यों है खतरनाक

गुरु चंडाल योग यदि चतुर्थ भाव में बन रहा है तो भूमि, भवन, परिवार, मित्र और जन्म स्थान का सुख नहीं मिल पाता है.

किन चीजों पर पड़ता है गुरु चंडाल योग का असर

सूर्य ग्रहण के दौरान गुरु चंडाल योग बन रहा है. इस योग का बुरा असर शिक्षा, धन और चरित्र पर होता है. जातक बड़े-बुजुर्गों का निरादर करता है और उसे पेट एवं श्वास के रोग हो सकते हैं. मान्यता हैं कि मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, वृश्चिक, कुंभ व मीन राशि के लोगों पर गुरु-चांडाल योग का प्रभाव अधिक पड़ता है.

गर्भवती महिलाओं को बरतनी चाहिए सावधानी

सूर्य ग्रहण के दौरान अपनी गतिविधियों को सही रखना बहुत जरूरी होता है. इस दौरान गर्भवती महिलाओं को अपना ख्याल रखना चाहिए. मान्यता है कि इस अवधि में प्रेग्नेंट महिला अगर कोई भी ऐसी गतिविधि करती है जो ग्रहण के दौरान करना मना है तो इसका दुष्परिणाम गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है.

जानें किन जगहों पर दिखाई देगा ये ग्रहण

यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. ये ग्रहण दक्षिणी अफ्रीका, अधिकांश दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और हिंद महासागर और अंटार्कटिका में पूर्ण रूप से दिखाई देगा. आमतौर पर सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है.

इस माने में खास रहेगा इस साल का आखिरी ग्रहण

आज सोमवती अमावस्या है. वहीं, आज रात में सूर्य ग्रहण लगेगा. सोमवती अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण लगने से ग्रहण का प्रभाव शुभ हो सकता है. बताया जा रहा है कि सूर्य ग्रहण बहुत प्रभावशाली होता है, इसलिए यह सत्ता, सत्ताधारी और घर के मुखिया के जीवन को बहुत ज्यादा प्रभावित कर सकता है.

करीब 5 घंटे तक रहेगा सूर्यग्रहण

ज्योतिष के अनुसार इस ग्रहण का सूतक न लगने से मंदिरों में पूजा-पाठ सहित धार्मिक कामकाज होंगे. पूजा-अर्चना करते समय कोविड-19 को लेकर लागू सुरक्षा नियमों के पालन होगा. सोमवार को लगने वाला यह सूर्य ग्रहण शाम को 7 बजकर 3 मिनट पर शुरू होगा. तकरीबन 5 घंटे तक चलने वाला ग्रहण मंगलवार रात 12 बजकर 23 मिनट पर खत्म होगा.

सूर्य ग्रहण के दौरान वृश्चिक में रहेंगे पांच ग्रह

ज्योतिष के अनुसार 2020 का आखिरी सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि में लगेगा. इस दौरान सूर्य के साथ पांच ग्रह मौजूद रहेंगे. वृश्चिक राशि में सूर्य के अलावा शुक्र, बुध, चंद्र और केतु भी मौजूद रहेंगे. इन सभी ग्रहों के विशेष योग से अमावस्या प्रत, स्नान आदि का पुण्य कई गुना ज्यादा बढ़ जाएगा.

सूर्य ग्रहण का समय

साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को भारत के समय के अनुसार शाम 7 बजकर 3 मिनट से रात 12 बजकर 23 मिनट (15 दिसंबर 2020) तक लगेगा. इस ग्रहण की कुल अवधि लगभग 5 घंटे रहेगी. सूर्य ग्रहण रात 9:43 बजे चरम पर होगा.

भारत में नहीं दिखेगा इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण

इस साल का आखिरी ग्रहण आज शाम में लगेगा, लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इसका प्रभाव भारत में नहीं होगा. वहीं सूतक काल भी नहीं माना जाएगा. यह ग्रहण अफ्रीका के दक्षिणी भाग, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और हिंद महासागर और अंटार्कटिका क्षेत्र में प्रभावी रहेगा.

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