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Babri Demolition Case, Final Verdict, : बाबरी विध्वंस केस में कोर्ट ने सुनाया फैसला, असदुद्दीन ओवैसी ने कही ये बात

Babri case, Babri Demolition Case, Final Verdict, Live Updates अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को बाबरी केस मस्जिद विध्वंस मामले में आज बुधवार को फैसला आ गया. सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को अपना फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. विशेष अदालत ने फैसला सुनाते हुए पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, एमपी की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, बीजेपी के सीनियर नेता विनय कटियार समेत कुल 32 आरोपियों को बरी कर दिया है. इस केस से जुड़ी हर अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ....

लाइव अपडेट

कांग्रेस ने कही ये बात

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 2019 में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के मुताबिक बाबरी मस्जिद को गिराया जाना एक गैरकानूनी अपराध था लेकिन विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया. विशेष अदालत का निर्णय साफ तौर से सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के प्रतिकूल है.

असदुद्दीन ओवैसी ने दी प्रतिक्रिया

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे अदालत की तारीख का काला दिन करार दिया है. ओवैसी ने एक शेर ट्वीट कर फैसले पर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि वही 'क़ातिल वही मुंसिफ़ अदालत उस की वो शाहिद , बहुत से फ़ैसलों में अब तरफ़-दारी भी होती है.'

हाई कोर्ट में जाएगा मामला

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वकील ज़फ़रयाब जिलानी ने कहा है कि अदालत ने साक्ष्यों को नज़रअंदाज़ कर दिया और सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया. उन्होंने साथ ही कहा कि 'अब इस मामले को उच्च न्यायालय में ले जाया जाएगा'

ओवैसी- येचुरी ने फैसले पर सवाल दागे

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने मामले में आए फ़ैसले को मज़ाक बताया है. उन्होंन ट्वीट कर कहा कि यह न्याय का मज़ाक है. बाबरी मस्जिद के विध्वंस का आपराधिक अभियोग जिन लोगों पर था वे सब बरी हो गए. एक मस्जिद खुद गिर गई? उस समय की सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने इसे कानून का "भयावह"उल्लंघन बताया था. अब ये फ़ैसला! शर्मनाक. वहीं एआईएमआईएम नेता ओवैसी ने एक शेर ट्वीट किया है -वही कातिल, वही मुंसिफ़ अदालत उस की. वो शाहिद बहुत से फैसलों में, अब तरफ़दारी भी होती है.

आडवाणी ने लगाया ‘जय श्री राम’ का नारा

लालकृष्ण आडवाणी ने अदालत के इस फैसले पर खुशी जताई, उन्होंने कहा कि जो फैसला सुनाया गया है, वो काफी अहम है. हम सभी के लिए खुशी का पल है. आडवाणी ने कहा कि बहुत दिनों के बाद अच्छा समाचार मिला है, बस इतना ही कहूंगा कि जय श्री राम. बुधवार को फैसले के बाद लालकृष्ण आडवाणी ने उनके घर के बाहर इकट्ठे हुए समर्थकों के लिए मिठाई भी बंटवाई. बीजेपी नेता ने इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं और वकीलों का शुक्रिया अदा किया.

सीएम योगी ने कहा- सत्यमेव जयते

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फ़ैसले पर प्रतिक्रिया करते हुए ट्वीट किया है -,"सत्यमेवजयते! सीबीआई की विशेष अदालत के निर्णय का स्वागत है, तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित हो पूज्यसंतों, नेताओं, विहिप पदाधिकारियों, समाजसेवियों को झूठे मुकदमों में फँसाकर बदनाम किया गया, इस षड्यंत्र के लिए इन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए.

साध्वी ऋतंभरा बोलीं- आरोप के कलंक से मुक्त हो गए

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में बरी होने के बाद साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि धर्म के काम में बड़ी बाधाएं आती हैं लेकिन ईश्वर सत्य के साथ होता है. न्याय हुआ है, हमें खुशी है कि अदालत ने धर्म के कार्य को सही माना है.आरोप के कलंक से मुक्त हो गए. आज सब कुछ दूध का दूध पानी का पानी हो गया.

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ऐसे आया कोर्ट का फैसला

पिछले साल जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में आपराधिक मुकदमा पूरा करने की समय सीमा छह महीने बढ़ा दी थी और अंतिम आदेश देने के लिए कुल नौ महीने का समय दिया था. इस साल 19 अप्रैल को समय सीमा समाप्त हो गई और 31 अगस्त तक एक और विस्तार सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रदान किया गया था.

राजनाथ सिंह ने किया फैसले का स्वागत

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया- लखनऊ की विशेष अदालत द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में श्री लालकृष्ण आडवाणी, श्री कल्याण सिंह, डा. मुरली मनोहर जोशी, उमाजी समेत 32 लोगों के किसी भी षड्यंत्र में शामिल न होने के निर्णय का मैं स्वागत करता हूं. इस निर्णय से यह साबित हुआ है कि देर से ही सही मगर न्याय की जीत हुई है.

लालकृष्ण आडवाणी के घर पहुंचे रविशकंर प्रसाद

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद लाल कृष्ण आडवाणी के घर पहुंचे और उन्हें बधाई दी.

लालकृष्ण आडवाणी के वकील ने क्या कहा

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लाल कृ​ष्ण आडवाणी के वकील विमल श्रीवास्तव ने कोर्ट के फ़ैसले के बाद कहा कि सभी आरोपी बरी कर दिए गए हैं, साक्ष्य इतने नहीं थे कि कोई आरोप साबित हो सके.

अच्छा है अदालत ने बरी कर दियाः इकबाल अंसारी

अयोध्या जन्मभूमि मामले में पक्षकार रहे हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी ने कहा कि हम कानून का पालन करने वाले मुसलमान हैं. अच्छा है, अगर अदालत ने बरी कर दिया तो ठीक है, बहुत लंबे समय से अटका हुआ मामला था, खत्म हो गया, अच्छा हुआ, यह ठीक है हम तो चाहते थे कि पहले ही इसका फैसला हो जाए.

कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

बचाव के पक्ष के वकील ने कहा कि कोर्ट ने माना कि अभियोजन पक्ष की तरफ से जो दलील पेश किए गए उसमें मेरिट नहीं थी. अभियोजन पक्ष की तरफ से जो साक्ष्य पेश किए वो दोषपूर्ण थे और उस आधार पर सभी आरोपियों को बरी कर दिया. अदालत ने माना की श्रद्धालुओं को कारसेवक मानना सही नहीं थी. सबसे बड़ी बात यह है कि जिन लोगों ने ढांचा तोड़ा उनमें और आरोपियों के बीच किसी तरह की सीधा संबंध स्थापित नहीं हो सका.

ये 32 बरी हुए

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती , महंत नृत्य गोपाल दास, साध्वी ऋतम्भरा, चम्पत राय, विनय कटियार, राम विलास वेदांती, महंत धरम दास, पवन पांडेय, ब्रज भूषण शरण सिंह, साक्षी महाराज,सतीश प्रधान, आरएन श्रीवास्तव, तत्कालीन डीएम, जय भगवान गोयल, रामचंद्र खत्री , सुधीर कक्कड़, अमरनाथ गोयल, संतोष दुबे, प्रकाश शर्मा, जयभान सिंह पवैया, धर्मेंद्र सिंह गुर्जर, लल्लू सिंह, वर्तमान सांसद, ओम प्रकाश पांडेय, विनय कुमार राय, कमलेश त्रिपाठी, गांधी यादव, विजय बहादुर सिंह, नवीन शुक्ला, आचार्य धर्मेंद्र, रामजी गुप्ता.

फोटो, वीडियो, फोटोकॉपी से कुछ भी साबित नहीं

जज एसके यादव ने कहा कि विश्व परिषद के नेता अशोक सिंघल के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है. फैसले में कहा गया है कि फोटो, वीडियो, फोटोकॉपी में जिस तरह से सबूत दिए गए हैं, उनसे कुछ साबित नहीं होता है.

सभी आरोपी बरी

मामले में अपना फैसला पढ़ते हुए जज एसके यादव ने कहा गया कि ये घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, संगठन के द्वारा कई बार रोकने का प्रयास किया गया. जज ने अपने शुरुआती कमेंट में कहा कि ये घटना अचानक ही हुई थी. टीवी रिपोर्ट के मुताबिक, इसके साथ सभी 32 आरोपियों के बरी कर दिया गया है.अदालत ने यहा माना है कि सीबीआई ने जो आरोप लगाए हैं उसके साक्ष्य नहीं मिले हैं.

अदालत में पहुंचे जज, फैसला पढ़ना शुरू

टीवी रिपोर्ट के मुताबिक, विशेष अदालत के जज एस.के. यादव कोर्ट रूम में पहुंच गए हैं और फैसला पढ़ना शुरू कर दिया है. सबसे पहले जज को उन 6 आरोपियों के बारे में जानकारी दी गई जो अदालत में नहीं हैं और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े है.

फैजाबाद के तत्कालीन डीएम भी कोर्ट पहुंचे

सीबीआई विशेष अदालत के जज एसके यादव का कोर्ट रूम में इंतजार हो रहा है. सभी 26 आरोपी कोर्ट में मौजूद हैं. सीबीआई के वकील भी कोर्ट पहुंच गए हैं. फैजाबाद के तत्कालीन डीएम भी कोर्ट में पहुंच चुके हैं.

फांसी को भी तैयार- रामविलास वेदांती

आरोपियों में शामिल रामजन्मभूमि न्यास के सदस्य रामविलास वेदांती ने फैसले से पहले कहा कि उन्होंने बाबरी ढांचे को तुड़वाया है और इसके लिए अगर उन्हें फांसी भी होती है तो वह तैयार हैं. उन्होंने कहा, 'हमको विश्वास है कि मंदिर था, मंदिर है और मंदिर रहेगा। हमने उस ढांचा को तुड़वाया, उस खंडहर को तुड़वाया, इसके लिए हमको गर्व है.

आडवाणी, जोशी समेत 6 लोग ने दी अर्जी

मामले के 32 आरोपियों में से 26 लोग कोर्ट पहुंच गए हैं. लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, महंत नृत्यगोपाल दास समेत 6 लोग कोर्ट में पेश नहीं हुए हैं. इन सभी की तरफ से निजी तौर पर पेश होने की छूट के लिए वकील ने कोर्ट में अर्जी पेश की है. उनके लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कोर्ट की कार्यवाही में शामिल होने और हर हाल में कोर्ट के फैसले पर सहयोग की अंडर टेकिंग दी गई है.

साध्वी ऋतंभरा भी लखनऊ कोर्ट में पहुंच गईं

साध्वी ऋतंभरा भी लखनऊ कोर्ट में पहुंच गईं हैं. अब सभी आरोपी अदालत में पहुंच गए हैं, जबकि कुछ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फैसले को सुन रहे हैं. कुछ ही देर में कोर्ट में जज फैसला पढ़ना शुरू करेंगे. पहले दोष सिद्धी तय होगा फिर सजा पर बहस होगी.

विनय कटियार-चंपत राय कोर्ट पहुंचे

बाबरी विध्वंस केस पर फैसला थोड़ी देर में आएगा. मामले में आरोपी विनय कटियार , राम विलास वेदांती, साध्वी ऋतंभरा चंपत राय, जय भगवान गोयल और रामजी गुप्ता, सीबीआई कोर्ट पहुंच गए हैं. पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फैसला सुनेंगे. मीडिया से बात करते हुए कटियार ने कहा कि सजा होगी तो जेल जाएंगे, छूटते हैं तो देखेंगे. बेल होगी तो लेंगे. हमने कोई अपराध किया ही नहीं है. वहां पर मंदिर था और मंदिर बनेगा. सोमनाथ मंदिर की तरह बढ़िया मंदिर बनेगा, ऐसी कल्पना है. उसके लिए काम जारी है. 4 साल में मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा.

लखनऊ में सुरक्षा कड़ी

तो जाएगी 3 लोगों की लोकसभा की सदस्यता

यूपी के फैजाबाद के सांसद लल्लू सिंह, कैसरगंज से सांसद ब्रज भूषण शरण सिंह और उन्नाव के साक्षी महाराज भी इस मामले में आरोपी हैं. माना जा रहा है कि अगर उन्हें इस मामले में दोषी पाया जाता है, तो सभी की लोकसभा की सदस्यता चली जाएगी.

कौन हैं बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर फैसला सुनाने वाले जज

पहली पोस्टिंग फैजाबाद, एडीजे के तौर पर पहला प्रमोशन फैजाबाद में और उसी फैजाबाद (अब अयोध्या जिला) में ही बाबरी मस्जिद के विध्वंस पर अंतिम फैसला. 28 बरस पुराने इस आपराधिक मुक़दमे की सुनवाई कर रहे स्पेशल जज सुरेंद्र कुमार यादव की ज़िंदगी में ऐसा लगता है कि फैजाबाद रह-रह कर उनके पास लौटता रहा है. लखनऊ स्थित विशेष न्यायालय (अयोध्या प्रकरण) के पीठासीन अधिकारी की हैसियत से वे 30 सितंबर को इस मुकदमे का फ़ैसला सुनाने जा रहे हैं.

वो आज ही सेवानिवृत हो जाएंगे. अगर उन्हें विशेष न्यायालय (अयोध्या प्रकरण) के जज की जिम्मेदारी न मिली होती तो वे पिछले साल सितंबर के महीने में ही रिटायर हो गए होते. पांच साल पहले 5 अगस्त को उन्हें इस मुक़दमे में विशेष न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. वो उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के पखानपुर गांव के रामकृष्ण यादव के घर पैदा हुए थे. सुरेंद्र कुमार यादव 31 बरस की उम्र में राज्य न्यायिक सेवा के लिए चयनित हुए थे.

छावनी में बदला कोर्ट

मिली जानकारी के मुताबिक, जिस कोर्ट में फैसला सुनाया जाना है सिर्फ वहां ही 2 हजार करीब पुलिसवाले तैनात हैं. इसमें से कई सादी वर्दी में हैं. इसके साथ-साथ 25 संवेदनशील जिलों में रैपिड एक्शन फोर्स (आरपीएफ) तैनात की गई है.

पूरे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट

विशेष सीबीआई कोर्ट के फैसले को देखते हुए पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. सभी संवेदनशील जिलों में सुरक्षा प्रबंध और मजूबत करने के लिए अतिरिक्त रूप से 70 कंपनी पीएसी की तैनाती की गई है. जिलों के पुलिस कप्तानों को सेक्टर व्यवस्था लागू करके सुरक्षा प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं.सोशल मीडिया की भी सघन निगरानी कराई जा रही है.

आरोपी जिनका निधन हो चुका है

जिन आरोपियों का निधन हो चुका है उनमें बाल ठाकरे, अशोक सिंघल, आचार्य गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया, महंत अवैद्यनाथ, महंत परमहंस दास, महामंडलेश्वर जगदीश मुनि, बैकुंठ लाल शर्मा प्रेम, डॉ सतीश नागर , मोरेश्वर साल्वे (शिवसेना नेता), डीवी रे (तत्कालीन एसपी), विनोद कुमार वत्स (हरियाणा निवासी), रामनारायण दास, हरगोबिंद सिंह, लक्ष्मी नारायण दास महात्यागी, रमेश प्रताप सिंह और विजयराजे सिंधिया शामिल हैं.

कितनी हो सकती है सजा, कितनी लंबी चली सुनवाई

इस मामले अगर 32 लोगों पर लगे आरोप सिद्ध हो जाते हैं, तो उन्हें दो साल से लेकर पांच साल तक की सजा हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ अदालत को मामले का निपटारा 31 अगस्त तक करने के निर्देश दिये थे, लेकिन 22 अगस्त को यह अवधि एक महीने के लिए और बढ़ा कर 30 सितंबर कर दी गयी थी. सीबीआइ की विशेष अदालत ने इस मामले की रोजाना सुनवाई की थी. सीबीआइ ने इस मामले में लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी है.

351 गवाह और करीब 600 दस्तावेजी सुबूत

केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में 351 गवाह और करीब 600 दस्तावेजी सुबूत अदालत में पेश किये. इस मामले में कुल 49 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, जिनमें से 17 की मामले की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो चुकी है. इधर, फैसले के मद्देनजर यूपी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं. यूपी में पीएसी की 70 कंपनियां तैनात कर दी गयी हैं. सोशल मीडिया पर कड़ी नजर है.

जो भी फैसला आए जमानत नहीं लूंगी: उमा भारती

फैसले से पहले उमा भारती ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा है. उन्होंने लिखा कि 30 सितंबर को सीबीआई की विशेष अदालत का फैसला आ रहा है और मुझे पेश होना है. कोर्ट का हर फैसला मेरे लिए भगवान का आशीर्वाद होगा. मैंने हमेशा कहा है कि अयोध्या के लिए तो फांसी भी मंजूर है. मुझे नहीं पता कि फैसला क्या होने वाला है, मगर जो भी हो मैं जमानत नहीं लूंगी. बता दें कि उमा भारती कोरोना संक्रमित होने के कारण आज कोर्ट में मौजूद नहीं रहेंगी.

49 में से 17 की मौत, 32 आरोपी जिंदा

इस केस में भाजपा के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह समेत कई अन्य मुख्य आरोपी हैं. यहां आपका ये जानना जरूरी है कि अदालत ने सभी जिंदा आरोपियों को आज कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश दिया है. इस केस में सीबीआई ने कुल 49 लोगों को आरोपी बनाया था, जिनमें से अबतक 17 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 32 आरोपियों पर अभी केस चल रहा है.

आरोपियों को बरी कर खत्म कर देना चाहिए मुकदमा : इकबाल

बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा है कि सरकार को अब इस मुकदमे को खत्म कर देना चाहिए. कहा कि अधिकांश आरोपी बुजुर्ग हो चुके हैं. कई बचे ही नहीं हैं. सुप्रीम कोर्ट से निर्णय आने के बाद मंदिर-मस्जिद का विवाद अब खत्म हो चुका है. उन्होंने मांग की है कि आरोपियों को बरी कर अब मुकदमा खत्म कर देना चाहिए.

उमा भारती और कल्याण सिंह नहीं रहेंगे मौजूद

उमा भारती और कल्याण सिंह कोरोना संक्रमित हैं और दोनों अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं. कल्याण सिंह जब यूपी के मुख्यमंत्री थे, तब ही मस्जिद गिरायी थी. राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय भी इस मामले के आरोपियों में से एक हैं. इधर, साध्वी ॠतम्भरा एवं विजय बहादुर सिंह ने कहा कि हम अदालत में उपस्थित रहेंगे. अदालत जो भी फैसला सुनायेगी, भगवान राम के नाम पर वह हमें स्वीकार होगा. हम तो प्रभु राम के काज से वहां गये थे. इसलिए जो होगा, उनके नाम पर सब स्वीकार है

ये हैं आरोपी

लालकुष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार, साघ्वी ऋतंभरा, महंत नृत्य गोपाल दास, डॉ राम विलास वेदांती, चंपत राय, महंत धर्मदास, सतीश प्रधान, पवन कुमार पांडेय, लल्लू सिंह, प्रकाश शर्मा, विजय बहादुर सिंह, संतोष दूबे, गांधी यादव, रामजी गुप्ता, ब्रज भूषण शरण सिंह, कमलेश त्रिपाठी, रामचंद्र खत्री, जय भगवान गोयल, ओम प्रकाश पांडेय, अमर नाथ गोयल, जयभान सिंह पवैया, महाराज स्वामी साक्षी, विनय कुमार राय, नवीन भाई शुक्ला, आरएन श्रीवास्तव, आचार्य धमेंद्र देव, सुधीर कुमार कक्कड़ व धर्मेंद्र सिंह गुर्जर.

Postecd By; Utpal kant

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