लाइव अपडेट
शिक्षक दिवस से जुड़ी कुछ शुभकामनाएं भरे संदेश
सत्य न्याय के पाठ पर चलना, शिक्षक हमें बताते हैं.
जीवन संघर्षों से लड़ना, शिक्षक हमें सिखाते हैं.
Happy Teacher’s Day
निर्धन हो या धनवान, शिक्षक के लिए सभी एक सामान
शिक्षक माझी नाव किनारा, शिक्षक डूबते के लिए सहारा
शिक्षक का सदा ही कहना, श्रम लगन है सच्चा गहना.
नहीं हैं शब्द कैसे करूं धन्यवाद, बस चाहिए हर पल आप सबका आशीर्वाद.
हूं जहां आज मैं उसमें है बड़ा योगदान, आप सबका जिन्होंने दिया मुझे इतना ज्ञान.
Happy Teacher’s Day
आपने बनाया है मुझे इस योग्य, कि प्राप्त करू मैं अपना लक्ष्य.
दिया है हर समय आपने इतना सहारा, जब भी लगा मुझे कि मैं हारा.
Happy Teacher’s Day
हीरे को दे तराश तो कीमत बढ़ जाती है,
जो विद्या धन हो पास तो जिंदगी सवंर जाती है,
यदि फल–फूल रखों प्रभु के आगे तो प्रसाद बन जाता है,
अगर शिष्य झुके गुरु के आगे तो इंसान बन जाता है.
शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं
अब्दुल कलाम (Abdul Kalam Quotes in Hindi)
शिक्षण एक बहुत ही महान पेशा है जो किसी व्यक्ति के चरित्र, क्षमता, और भविष्य को आकार देता हैं. अगर लोग मुझे एक अच्छे शिक्षक के रूप में याद रखते हैं, तो मेरे लिए ये सबसे बड़ा सम्मान होगा.
शिक्षा सत्य की खोज है. यह ज्ञान और आत्मज्ञान से होकर गुजरने वाली एक अंतहीन यात्रा हैं.
अगर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो पहले सूरज की तरह जलो.
अपने मिशन में कामयाब होने के लिए, आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त निष्ठावान होना पड़ेगा.
इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने के लिए ये ज़रूरी हैं.
सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Sarvepalli Radhakrishnan Quotes in Hindi)
पुस्तकें वो साधन हैं जिनके जरिए हम विभिन्न संस्कृतियों के बीच पुल का निर्माण कर सकते हैं.
उम्र या युवावस्था का समय से लेना-देना नहीं है. आप अपने आप को कितना नौजवान या बूढा महसूस करते हैं यही मायने रखता है.
सचमुच ऐसा कोई बुद्धिमान नहीं है जो स्वयं को दुनिया के कामकाज से अलग रख कर इसके संकट के प्रति असंवेदनशील रह सके.
किताब पढ़ना हमें चिंतन और सच्चे आनंद की आदत देता है.
ऐसा बोला जाता है कि एक साहित्यिक प्रतिभा, सबको समान दिखती है पर उसके समान कोई नहीं दिखता है.
शिक्षक वह नहीं जो छात्र के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे, बल्कि वास्तविक शिक्षक तो वह है जो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करें.
एक साहित्यिक प्रतिभा, कहा जाता है कि हर एक की तरह दिखती है, लेकिन उस जैसा कोई नहीं दिखता.
शिक्षा का परिणाम एक मुक्त रचनात्मक व्यक्ति होना चाहिए जो ऐतिहासिक परिस्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के विरुद्ध लड़ सके.
शिक्षा के द्वारा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है. अत:विश्व को एक ही इकाई मानकर शिक्षा का प्रबंधन करना चाहिए.
Happy Teachers Day : शिक्षक सबसे अच्छा मित्र..
शिक्षक सबसे अच्छा मित्र है. एक शिक्षक हर जगह सम्मान पाता है.
जैसे एक बछड़ा हज़ारो गायों के झुंड मे अपनी मां के पीछे चलता है. उसी प्रकार आदमी के अच्छे और बुरे कर्म उसके पीछे चलते हैं.
विद्या को चोर भी नहीं चुरा सकता.
सबसे बड़ा गुरु मंत्र, अपने राज किसी को भी मत बताओ. ये तुम्हे खत्म कर देगा.
आदमी अपने जन्म से नहीं अपने कर्मों से महान होता है.
एक समझदार आदमी को सारस की तरह होश से काम लेना चाहिए और जगह, वक्त और अपनी योग्यता को समझते हुए अपने कार्य को सिद्ध करना चाहिए.
ईश्वर मूर्तियों में नहीं है. आपकी भावनाएँ ही आपका ईश्वर है. आत्मा आपका मंदिर है.
पुस्तकें एक मुर्ख आदमी के लिए वैसे ही हैं, जैसे एक अंधे के लिए आइना.
एक राजा की ताकत उसकी शक्तिशाली भुजाओं में होती है. ब्राह्मण की ताकत उसके आध्यात्मिक ज्ञान में और एक औरत की ताक़त उसकी खूबसूरती, यौवन और मधुर वाणी में होती है.
आग सिर में स्थापित करने पर भी जलाती है. अर्थात दुष्ट व्यक्ति का कितना भी सम्मान कर लें, वह सदा दुःख ही देता है.
गरीब धन की इच्छा करता है, पशु बोलने योग्य होने की, आदमी स्वर्ग की इच्छा करते हैं और धार्मिक लोग मोक्ष की.
जो गुजर गया उसकी चिंता नहीं करनी चाहिए, ना ही भविष्य के बारे में चिंतिंत होना चाहिए. समझदार लोग केवल वर्तमान में ही जीते हैं.
संकट में बुद्धि भी काम नहीं आती है.
जो जिस कार्ये में कुशल हो उसे उसी कार्ये में लगना चाहिए.
किसी भी कार्य में पल भर का भी विलम्ब ना करें.
स्वामी विवेकानंद की कुछ और प्रेरणादायक कोट्स
- सच्ची सफलता और आनंद का सबसे बड़ा रहस्य यह है- वह पुरुष या स्त्री जो बदले में कुछ नहीं मांगता. पूर्ण रूप से निःस्वार्थ व्यक्ति, सबसे सफल हैं.
- चिंतन करो, चिंता नहीं, नए विचारों को जन्म दो.
- किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये–आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं.
- उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये.
Teachers Day : आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक नही..
तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता. तुमको सब कुछ खुद अंदर से सीखना हैं. आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक नही हैं.
– स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda)
स्वामी विवेकानंद की कुछ और प्रेरणादायक कोट्स
- सच्ची सफलता और आनंद का सबसे बड़ा रहस्य यह है- वह पुरुष या स्त्री जो बदले में कुछ नहीं मांगता. पूर्ण रूप से निःस्वार्थ व्यक्ति, सबसे सफल हैं.
- चिंतन करो, चिंता नहीं, नए विचारों को जन्म दो.
- किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये–आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं.
- तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता. तुमको सब कुछ खुद अंदर से सीखना हैं. आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक नही हैं.
शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत
भारत में शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत 1962 से हुई थी. भारत के पूर्व उप-राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने शिक्षा के क्षेत्र में काफी योगदान दिया है. उनके उप-राष्ट्रपति बनने के बाद कुछ छात्रों ने उनका जन्मदिन मनाने की बात की. यह सुन कर डॉ. राधाकृष्णन ने कहा मेरा जन्म दिन मनाने की जगह अगर इस दिन शिक्षक दिवस मनाया जाए तो मुझे गर्व होगा. तब से आज तक हर वर्ष हमारे देश में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है.
अज्ञानी होना गलत नहीं है, मगर अज्ञानी बने रहना गलत है
महर्षि दयानंद सरस्वती आधुनिक भारत के एक महान चिंतक, समाज सुधारक तथा आर्य समाज के संस्थापक थे. उनमें विद्या अध्ययन की भूख थी. इसके लिए उन्होंने पीठ और आश्रमों की खाक छानी. दयानंद एंग्लो वैदिक (डीएवी) स्कूल की स्थापना स्वामी दयानंद सरस्वती के विचारों पर आधारित है.
यदि गरीब शिक्षा पाने की जगह तक नहीं पहुंच पाते हैं, तो शिक्षा को उनके खेतों, फैक्टरी और अन्य जगहों तक पहुंचाना होगा.
स्वामी विवेकानंद एक महान संत व आध्यात्मिक गुरु थे. उन्होंने भारतीय ज्ञान व दर्शन से पूरी दुनिया को अवगत कराया. आज भी उनके विचारों का आम लोगों पर खासा प्रभाव है. वे कहते थे कि शिक्षा का मतलब अपने दिमाग में सूचनाओं व जानकारियों को भरना नहीं है, बल्कि उनका सही उपयोग करना ही शिक्षा है. शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति को व्यावहारिक बनाना है, जो शिक्षा व्यावहारिक नहीं है, वह व्यर्थ है.
गुरु बिना ज्ञान नहीं मिलता
गुरु बिन ज्ञान न उपजै, गुरु बिन मिलै न मोक्ष ।
गुरु बिन लिखै न सत्य कोई, गुरु बिन मिटैं न दोष। ।
कबीर दास ने भी गुरु की महिमा का बखान करते हुए कहा है कि संसार में रहने वाले लोगों, बिना गुरु के ज्ञान का मिलना असंभव है. मनुष्य अज्ञानता रुपी अंधकार मे तबतक भटकता रहता है, माया रूपी सांसारिक बन्धनों मे जकडा हुआ रहता है जब तक कि उसपर गुरु कृपा नहीं हो जाती. उन्होंने ये भी कहा है कि मोक्ष का मार्ग दिखाने वाले भी गुरु ही हैं. बिना गुरु के मार्गदर्शन के सत्य और असत्य का भान नहीं हो सकता. अतः गुरु कि शरण मे जाओ. गुरु ही सच्ची रह दिखाएंगे.
बदल गया टीचर का रोल
सवाल है क्या इससे शिक्षकों की भूमिका में भी कुछ बदलाव आया है ? क्या इससे शिक्षकों के प्रति छात्रों की भावनाओं में भी कुछ परिवर्तन हुआ है ? इस सवाल का सटीक जवाब तो आसान नहीं है लेकिन इस बात को तो महसूस कर ही सकते हैं कि अब पढ़ने और पढ़ाने वालों के बीच तकनीकी महत्वपूर्ण भूमिका में आ गई है. भविष्य की पीढ़ियां अब शिक्षकों से कहीं ज्यादा शैक्षिक तकनीक से शिक्षित होंगे. दूसरे शब्दों में अब विज्ञान एक माउस क्लिक प्रक्रिया का हिस्सा है. शिक्षक को बदलना होगा, क्योंकि शिक्षकों के हिस्से की बड़ी भूमिका तकनीकी के खाते में चली गई है. देर सवेर कोरोना खत्म तो होगा ही लेकिन अब पढ़ने पढ़ाने की नई भूमिका आने वाली है.
कौन थे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन?
डॉ. राधाकृष्णन का जन्म एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था. कहा जाता है कि राधाकृष्ण के पिता चाहते थे कि उनका बेटा अंग्रेजी ना सीखे और मंदिर का पुजारी बन जाए. राधाकृष्णन अपने पिता की दूसरी संतान थे. उनके चार भाई और एक छोटी बहन थीं. छह बहन-भाइयों और माता-पिता को मिलाकर आठ सदस्यों के इस परिवार की आय बहुत कम थी.
शिक्षक दिवस का महत्व
शिक्षक का बच्चों के भविष्य में महत्वपूर्ण योगदान होता है. एक शिक्षक के बिना छात्र का जीवन अधूरा रहता है. स्कूलों में इस दिन तरह-तरह के कार्यक्रर्म आयोजित किए जाते हैं और शिक्षक छात्रों को संबोधित भी करते हैं, लेकिन इस साल कोरोना महामारी के कारण स्कूल बंद हैं. जिसकी वजह से छात्र इस साल शिक्षक दिवस स्कूलों में नहीं मना पाएंगे.
टीचर्स डे पर दें ऐसी स्पीच...
टीचर्स डे पर आप अपने किसी भी पसंदीदा या फिर सभी टीचर के लिए स्पीच दें सकते हैं. शिक्षक दिवस का आपका भाषण आपके शिक्षकों के नाम के साथ शुरू होगा तो बेहतर होगा. आगे आप अपने शिक्षकों को नमन करें. इसके बाद अपने साथियों और शिक्षकों की उपस्थिति के लिए उनका धन्यवाद करें. आगे आप शिक्षक दिवस के महत्व को बताए और फिर शिक्षकों के महत्व की बातें करें. आप कहें कि शिक्षक का हमारे जीवन में अमूल्य योगदान है. शिक्षकों के बिना यह मानव जीवन सार्थक नहीं है. हर किसी के जीवन में एक गुरु या शिक्षक का होना बेहद आवश्यक है.
भाषण के दौरान आप कहें कि शिक्षक ही बच्चों के भविष्य का निर्माण करते हैं. हम बच्चे चाहे हीरे हो, हालांकि हमारी पहचान शिक्षक रूपी जौहरी ही करते हैं. साथ ही आप कहें कि सदा शिक्षकों का मान-सम्मान करना चाहिए और उनकी बातों पर अमल करना चाहिए. जिंदगी में यदि हम थोड़े भी सफल होते हैं, तो इसका श्रेय हमारे माता-पिता के बाद जिन्हें जाना चाहिए वो है हमारे शिक्षक. हम तो महज एक मिट्टी है, जबकि हमें किसी भी रूप में ढालने का काम कुमार रूपी शिक्षक करते हैं. अंत में अपने भाषण की समाप्ति के पहले आपको शिक्षकों को दिल से धन्यवाद देना है और फिर सभी शिक्षकों के चरणों में सादर नमन करना है. हो सके तो भाषण समाप्ति के बाद अपने शिक्षकों को कोई अच्छा तोहफ़ा प्रदान करें.
कैसे हुई थी शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत?
एक बार छात्रों के एक समूह से भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन से उनका जन्मदिन मनाने की अनुमति मांगी . इस पर डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपना जन्मदिन अलग से मनाने के बजाय, 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो यह मेरे सौभाग्य की बात होगी. उसके बाद 1962 से भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.
शिक्षक दिवस पर भाषण : संख्या-1
आदरणीय शिक्षकों और मेरे सभी साथियों को सुप्रभात
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 5 सितंबर को हम शिक्षक दिवस मना रहे हैं. यहां मौजूद सभी आदरणीय शिक्षकों और शिक्षिकाओं को इस दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. आज शुभ अवसर पर अपने विचार आप सभी के सामने व्यक्त करना चाहता हूं.
जिंदगी भर हम आपके आभारी रहेंगे, क्योंकि आप ही हमारे मार्गदर्शक है. शिक्षक दिवस को अंग्रेजी में टीचर्स डे भी कहा जाता है. जिसे देश भर में सभी स्कूल, कॉलेज एंव दफ्तरों अन्य जगहों पर धूमधाम से मनाया जाता है. हर वर्ष इसे हम 5 सितंबर को मनाते है. इसी दिन देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था. डॉ. राधाकृष्णन बहुत विद्वान और बड़े शिक्षक थे. अपने जीवन के 40 वर्ष उन्होंने शिक्षक के रूप में दी. शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान देने वाले ऐसे महापुरुष के जन्म दिवस पर ही शिक्षक दिवस मनाने की परंपरा है.
आपकों बता दें कि मां– पिताजी हमें जन्म देते हैं. लेकिन, सही-गलत का फर्क शिक्षक ही हमें सिखाते है. जिससे हमारा चरित्र निर्माण तो होता ही है साथ ही साथ सही मार्ग दर्शन भी मिलता है. जो हमारे उज्जवल भविष्य के लिए बेहद जरूरी है. यही कारण है कि शिक्षकों का स्थान माता – पिता से भी ऊपर होता है. कोरोना काल में हमारी शिक्षा व्यवस्था पर खासा प्रभाव पड़ा है. बावजूद इसके शिक्षा के बिना हम अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं. आने वाले समय में शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव होने वाली है. लेकिन, सभी छात्रों को निस्वार्थ भाव से एक शिक्षक ही शिक्षा दे सकती है. वे हमारे अंदर की बुराइयों को दूर कर हमें एक बेहतर इंसान बनाने के लिए काफी मेहनत करते हैं.
अत: शिक्षकों के इस योगदान के लिए हमें अपने शिक्षकों का नमन करना चाहिए और उन्हें आदर व सम्मान करना चाहिए. टीचर्स डे पर सभी शिक्षकों का आभार व्यक्त करते हुए मैं अपने भाषण को विराम देता हुं. एक बार फिर आप सभी को इस विशेष दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
धन्यवाद
Teacher Day Speech : देखें ये फॉर्मेट
भारत में शिक्षक दिवस सबसे पहले वर्ष 1962 में मनाया गया था. देश के पूर्व उप-राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के तौर पर इस विशेष दिन को मनाया जाता है. कहा जाता है कि वे एक शिक्षक थे, जिन्होंने शिक्षा क्षेत्र में अपने 40 वर्ष दिए. उनका शिक्षा के क्षेत्र में काफी बड़ा योगदान रहा है. उनका जन्म 5 सितंबर को ही हुआ था. उप-राष्ट्रपति बनने के बाद सर्वप्रथम कुछ छात्रों ने मिलकर उनका जन्मदिन मनाना चाहा था. जिसे सुनते ही डॉ. राधाकृष्णन ने कहा कि मेरा जन्म दिवस मनाने से अच्छा है देश भर में शिक्षक दिवस मनाया जाए, तो मुझे गर्व होगा. तब से ही आज तक हर वर्ष देश भर के विभिन्न कॅालेज, संस्थान, या स्कूलों में 05 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने की परंपरा है.
इस दिन हम अपने आदर्शों को याद करते है. जिन्होंने हमें सही मार्ग पर चलना सिखाया, सही गलत की पहचान करवायी. हर व्यक्ति में कोई न कोई रोल मॉडल होता है या शिक्षक होता है. इसके लिए जरूरी नहीं है कि व्यक्ति स्कूल कॉलेज से ही हो. ऐसे में शिक्षकों का सम्मान और धन्यवाद करने का दिन है टीचर्स डे. आमतौर पर इस दिन स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों में नृत्य, संगीत, भाषण आदि विभिन्न तरह के मनोरंजन से भरपूर कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे. हालांकि, कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण ये इस बार संभव नहीं है. लेकिन उसके जगह हम विभिन्न सोशल मीडिया प्लॉटफार्म या मैसे, वीडियो, ऑडियो कॉल, कोट्स आदि भेजकर उन्हें विश कर सकते हैं.
Posted By : Sumit Kumar Verma