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गंडक नदी खतरे के निशान से ऊपर, बैकुंठपुर में चारों तरफ मचायी तबाही
गोपालगंज : नेपाल ने तराई क्षेत्रों में अपने यहां से निकलनेवाले नाले और छोटे जलस्रोत को चैनलाइज कर गंडक नदी में गिरा दिया है. नतीजा है कि नेपाल से बारिश होने के साथ ही नदी उफानाने लगती है. वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी का डिस्चार्ज का घटना-बढ़ना अब भी जारी है. गुरुवार को डिस्चार्ज 1.57 लाख तक आने के कारण जहां बरौली तथा सिधवलिया प्रखंड के कुछ इलाकों में बाढ़ का पानी तेजी से नीचे आ रहा है. वहीं, सिधवलिया व बैकुंठपुर में तबाही का मंजर है. सर्वाधिक तबाही बैकुंठपुर के गांवों में दिख रही है. छपरा-सतरघाट रोड, महम्मदपुर-मशरक एसएच पर राजापटी-लखनपुर रोड, पकड़ी सोनवलिया रोड पर पानी का बहाव जारी रहने से स्थिति भयावह बनी है, जबकि महम्मदपुर-सारण 101 पर बाला पुल के नया बनने के बाद पुराना जर्जर पुल को वैसे ही छोड़ देने के कारण पानी का बहाव रुक जाने के कारण हाइवे पिछले 25 दिनों से बंद है. सरफरा-सीवान पथ पर कहला पुल के पास करीब एक किमी में दो से तीन फुट पानी का तेज प्रवाह हो रहा है. सिधवलिया-बलडीहा पथ सकला के पास टूट जाने के कारण जहां जलालपुर, बलडीहा, तेलमापुर, आजबीनगर के लोग सिधवलिया नहीं पहुंच पा रहे हैं. वहीं, घोघारी नदी पर बने पुल के पास दोनों बगल सड़क ध्वस्त हो जाने के कारण गंगवा, बखरौर आदि गांवों के ग्राहक सिधवलिया नहीं पहुंच पा रहे हैं, दोबारा आयी बाढ़ के पानी ने 201 गांवों को पूरी तरह से बर्बाद किया है. यहां जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बरौली व सिधवलिया बाजार से पानी कम होने लगा है. सिधवलिया बाजार में पानी सड़कों पर बहने के कारण बाजार टापू जैसी हालत है. जल संसाधन विभाग के सूत्रों ने बताया कि गंडक नदी खतरे के निशान से जब तक नीचे नहीं जाती, तब तक गांवों में राहत मिलने की संभावना नहीं है. नदी अभी 50 सेमी ऊपर बह रही है.
छपरा : तरैया में बाढ़पीड़ितों के बीच 'राउर आहार' लेकर पहुंचे जदयू नेता शैलेंद्र प्रताप
सारण जिले के तरैया में सामुदायिक किचेन बंद होने के बाद जदयू के प्रदेश सचिव शैलेंद्र प्रताप सिंह बाढ़ पीड़ितों के बीच गुरुवार को 'राउर आहार' लेकर पहुंचे. जदयू नेता ने बताया कि बाढ़पीड़ितों के बीच लगातार अपने सक्रिय कार्यकर्ताओं के माध्यम से नाव व ट्रैक्टर से सूखा राशन चिउरा मीठा, बिस्किट, मोमबती सलाई, तिरपाल उपलब्ध करते आ रहे है. वहीं, गुरुवार से तरैया जदयू कार्यालय के समीप से पका-पकाया भोजन 'राउर आहार' पूरी सब्जी का पैकेट तैयार कर बाढ़पीड़ितों के घर-घर, बांध व सड़कों के किनारे शरण लिए पीड़ितों को उपलब्ध कराने का कार्य प्रारंभ हुआ. जदयू नेता स्वयं भोजन तैयार कर पिकअप वैन पर सवार हो बाढ़ पीड़ितों के बीच बांटने निकल पड़े. तरैया जदयू कार्यालय, मुरलीपुर नहर बांध, देवरिया, तरैया - पोखरेड़ा नहर बांध पर चैनपुर, गलिमापुर, बगही , पोखरेड़ा गांवों के ठहरे बाढ़ पीड़ितों के बीच राउर आहार पूरी सब्जी बांटे गये. जदयू नेता ने कहा कि जबतक बाढ़ की विभीषिका रहेगी. 'राउर आहार' कार्यक्रम चलता रहेगा.
बाढ़ के पानी से घिरे गाँवों में खाद्यान्न का वितरण
समस्तीपुर: जिलाधिकारी के निर्देशानुसार कल्याणपुर प्रखंड के कलौंजर पंचायत में बाढ़ के पानी से घिरे गाँवों में पॉस मशीन और वजन मशीन से लैस नावों के माध्यम से जन वितरण प्रणाली के खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है1
गंडक के जलस्तर में बढोतरी
गोपालगंज : गंडक के जलस्तर में कमी आने के बाद एक बार फिर जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है वाल्मीकि नगर बराज से तीन दिन पहले करीब ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जिसका असर अब गोपालगंज में देखने को मिल रहा है.
अरवल और पटना प्रशासन अलर्ट
पटना : जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने बताया कि वाणसागर डैम से छोड़ा गया पानी बिहार में रोहतास में पहले पहुंचता है. रोहतास के साथ अरवल और पटना जिला प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है. फरक्का बैराज के सभी फाटक खोल दिये गये हैं. इससे गंगा नदी का पानी जल्द निकल जाने की संभावना है.
एप्रोच पथ निर्माण पर भी पड़ सकता है संकट
बाढ का पानी शहरी क्षेत्र तक अपना फैलाव कर चुका है. लालदरवाजा, चौखंडी, करबल्ला सहित अन्य क्षेत्रों के निचले इलाकों में पानी घुस गया है. जिसके कारण खेतों में लगा फसल गलने लगा है. इधर प्रसिद्ध शक्तिपीठ चंडिका स्थान में बाढ़ का पानी घुस गया है. जबकि लाल दरवाजा क्षेत्र में पानी आने से एप्रोच पथ निर्माण कार्य में भी बाधा उत्पन्न कर सकती है. निर्माण एजेंसी के कामगारों ने बताया कि पानी अगर इसी स्पीड से बढ़ा तो पाया निर्माण कार्य रोकना पड़ सकता है.
ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं लोग
बरियारपुर. गंगा का बढ़ता हुआ जलस्तर अब धीरे-धीरे अपना रौद्र रूप धारण करता जा रहा है. जिसके कारण तराई क्षेत्र में बसे गांव में बाढ़ का पानी का प्रवेश आरंभ हो चुका है. बाढ़ से प्रभावित लोग अब धीरे-धीरे ऊंचे स्थलों पर परिवार सहित शरण ले रहे हैं. रेलवे लाइन के नजदीक बसे लालजी टोला गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है. इस गांव में सभी मजदूर व गरीब वर्ग के लोग हैं. इन सभी लोगों का मकान कच्ची है. मकान में बाढ़ पानी का प्रवेश हो चुका है. जिसके कारण इन लोगों को अब रेलवे लाइन के किनारे ऊंचे स्थलों पर अपना शामियाना बनाकर रहना पड़ रहा है.
गंगा से सटे मकान को खाली करने का आदेश
जमालपुर. गंगा का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है. जिसको लेकर अधिकारियों ने मंगलवार को जमालपुर प्रखंड के सिंघिया ग्राम पंचायत के विभिन्न मोहल्लों का दौरा किया और गंगा से सटे मकानों को खाली करने का निर्देश दिया है. बीडीओ राजीव कुमार और अंचल अधिकारी शंभू मंडल ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के बाद यहां बताया कि गंगा का जलस्तर वार्निंग लेवल पार कर 38.54 मीटर पहुंच गया है. ऐसे में सिंघिया ग्राम पंचायत के सर्वोदय टोला सहित कुछ मोहल्ले में ऐसे मकानों को चिह्नित किया गया है जिसकी दीवार गंगा नदी के पानी से प्रभावित होने की संभावना बन गई है. पानी में तेज बहाव है और ऐसे में दीवार के नीचे की मिट्टी का कटाव होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
पानी घटा पर परेशानी में कोई कमी नहीं
पटना : वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी का डिस्चार्ज का घटना-बढ़ना अभी जारी है. नेपाल में अगले तीन दिनों तक भारी बारिश के अलर्ट जारी किये गये है. जिसके कारण एक बार नदी के उफनाने से इन्कार नहीं किया जा सकता है. उधर, बुधवार को डिस्चार्ज 1.87 लाख तक आने के कारण गोपालगंज जिले के बरौली तथा सिधवलिया प्रखंड के कुछ इलाकों में बाढ़ का पानी एक फूट तक नीचे आया है. लेकिन पीड़ितों की परेशानी कम नहीं हुई है.
गंगा में उफान, कई गांवों में घुसा पानी
मुंगेर : मुंगेर में गंगा का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है़ इसके कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है़ दियारे में बसे गांवों में पानी घुस गया है़ सड़कों पर पानी भरने से आवागमन बाधित हो गया है़ वहीं, गंगा और गंडक के संगम स्थल के बाद बसी टीकारामपुर पंचायत में परेशानी अधिक है़ यहां गंगा डेंजर लेवल से मात्र 77 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, प्रति तीन घंटे पर एक सेंटीमीटर पानी बढ़ रहा है. शहर के लालदरवाजा, चौखंडी, करबल्ला सहित अन्य क्षेत्रों के निचले इलाकों में पानी घुस गया है. इधर, प्रसिद्ध शक्तिपीठ चंडिका स्थान में बाढ़ का पानी घुस गया है.
हायाघाट रेल पुल के पास करेह नदी खतरे के निशान से 85 सेमी ऊपर
समस्तीपुर. समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड के हायाघाट के पास पुल संख्या 16 के निकट करेह का जल स्तर अभी भी खतरे के निशान से ऊपर है. यहां नदी का जल स्तर खतरे के निशान 47.10 मीटर से 85 सेंटीमीटर ऊपर है. इधर, समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर लगातार 27 वें दिन भी ट्रेनों का परिचालन बंद रहा है. रेलवे के निर्माण विभाग के अभियंता विजय शंकर सिंह ने बताया कि फिलहाल यहां जल स्तर में धीरे-धीरे कमी हो रही है़ इस रूट पर परिचालन बंद होने के कारण पवन एक्सप्रेस को समस्तीपुर जंक्शन से तो बिहार संपर्क क्रांति को सीतामढ़ी होकर ही रवाना किया जा रहा है.