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Buddha Purnima 2020: 205 सालों बाद बुद्ध पूर्णिमा पर दुर्लभ संयोग, जानें क्या मिलेगा फल…

Buddha purnima 2020, Date and Time, shubh muhurat, Puja Vidhi, Lord Vishnu: सनातन धर्म में बुद्ध पूर्णिमा का खास महत्व है. वैशाख माह की पूर्णिमा को ही भगवान बुद्ध का धरती पर अवतरण हुआ था. इस बार पूर्णिमा 7 मई को है. इस बार इस दिन खास संयोग बन रहा है. 205 सालों बाद पूर्णिमा पर शनि, राहु-केतु एक सीध में हैं. यह एक दुर्लभ महासंयोग है.

लाइव अपडेट

भगवान बुद्ध के चार सूत्र

गौतम बुद्ध ने चार सूत्र दिए. उन्हें 'चार आर्य सत्य ' के नाम से भी जाना जाता है. पहला दु:ख है दूसरा दु:ख का कारण तीसरा दुःख का निदान और चौथा मार्ग वह है, जिससे दुःख का निवारण होता है. भगवान बुद्ध का अष्टांगिक मार्ग वह माध्यम है जो दुःख के निदान का मार्ग बताता है.

सुपरमून देखने के लिए हो जाइए तैयार

साल 2020 का आखिरी सुपरमून आज शाम 4.15 बजे अपने पूरे प्रभाव में दिखाई देगा. लेकिन भारत में इस समय दिन होने के कारण लोग इस सुपर फ्लॉवर मून को नहीं देख पायेंगे. हालांकि इंटरनेट के जरिए आप जरूर इस सुपरमून को लाइव देख सकते हैं. मई के सुपरमून को सुपर फ्लॉवर मून के साथ साथ कॉर्न प्लांटिंग मून और फूल मिल्क मून के नाम से भी जाना जाता है.

बुद्ध पूर्णिमा आज, भूलकर भी ना करें ये काम

- बुद्ध पूर्णिमा के दिन मांस ना खाएं.

- घर में किसी तरह का कोई कलह ना करें.

- किसी को अपशब्द कहने से बचें.

- आज के दिन झूठ बोलने से बचें.

बुद्ध पूर्णिमा क्या जरूर करना चाहिए-

बुद्ध पूर्णिमा के दिन सबसे पहले सूर्योदय से पूर्व उठकर साफ-सफाई कर लें. इसके बाद स्नान करके खुद को गंगाजल से पवित्र करें. घर के स्थित मंदिर में विष्णु जी की प्रतिमा के सामने दीप जलाकर पूजा करें. प्रवेश द्वार पर हल्दी, रोली या कुमकुम से स्वास्तिक बनाकर उस स्थान को भी गंगाजल से पवित्र करें. पूजा करें और प्रसाद आदि अर्पण करने के बाद कुछ भोजन या वस्त्र गरीबों को दान करें. शाम को उगते चंद्रमा को जल अर्पित करना शुभ माना गया है..

बुद्ध पूर्णिमा: जानिए तिथि और शुभ मुहूर्त

बुद्ध पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 6 मई 2020 को शाम 7 बजकर 44 मिनट से

बुद्ध पूर्णिमा तिथि समाप्‍त: 7 मई 2020 को शाम 04 बजकर 14 मिनट तक

Buddha purnima 2020, Date and Time, shubh muhurat, Puja Vidhi, Lord Vishnu: सनातन धर्म में बुद्ध पूर्णिमा का खास महत्व है. वैशाख माह की पूर्णिमा को ही भगवान बुद्ध का धरती पर अवतरण हुआ था. इस बार पूर्णिमा 7 मई को है. इस बार इस दिन खास संयोग बन रहा है. 205 सालों बाद पूर्णिमा पर शनि, राहु-केतु एक सीध में हैं. यह एक दुर्लभ महासंयोग है.

इस बार लॉकडाउन का प्रभाव

बुद्ध पूर्णिमा पर हर साल कई तरह के आयोजन होते हैं. लाखों श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करके दान-पुण्य करते हैं. इस बार चूंकि कोरोना के संक्रमण के चलते देशभर में लॉकडाउन है. ऐसे में लोग गंगा स्नान करने नहीं जा सकते हैं. ज्योतिषियों के अनुसार अपने घर में ही पवित्र गंगा का मन ही मन स्मरण करते हुए स्वच्छ जल से स्नान करें. बाहर जाने से बचें.

ग्रहों का होगा ऐसा योग

पूर्णिमा के दिन गुरु और शनि मकर राशि में रहेंगे. मंगल कुंभ राशि में, राहु मिथुन राशि में, केतु धनु राशि में रहेगा. गुरु नीच का है और यह मकर राशि में रहेगा. ग्रहों का यह प्रभाव लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है. चंद्रमा और सूर्य एक दूसरे के सामने हैं. इससे लोगों को कई व्याधियों से छुटकारा मिल सकता है. वहीं उथल-पुथल का माहौल भी हो सकता है.

इस मंत्र का करें जाप

सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार, भगवान बुद्ध विष्णु के 9वें अवतार थे. बौद्ध धर्म की मान्यता है कि भगवान बुद्ध के एक मंत्र का जाप करने से शक्ति मिलती है और परेशानियां कम होती हैं.

यह है मंत्र

'ॐ मणि पदमे हूम्‌' मंत्र बौद्ध धर्म में बहुत खास है. बौद्ध धर्म की महायान शाखा में इसका खासतौर से जाप किया जाता है. इससे श्रद्धालुओं को मानसिक शांति के साथ ही शक्ति भी मिलती है.

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