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सदर अस्पताल: नाराज डॉक्टरों व कर्मचारियों ने तीन घंटे तक ठप रखा कामकाज, बच्ची की मौत, डॉक्टर से हाथापायी

जमशेदपुर: खासमहल स्थित सदर अस्पताल में शुक्रवार की सुबह रुक्मिणी दास (7) की इलाज के दौरान मौत हो गयी. मृतका बागबेड़ा उत्तरी घाघीडीह पंचायत की गुल्टू झोपड़ी निवासी थी. मंगलवार को उसे अस्पताल में भरती किया गया था. डॉक्टर के अनुसार बच्ची डायरिया से पीड़ित थी. शुक्रवार की सुबह हार्ट अटैक से उसकी मौत हो […]

जमशेदपुर: खासमहल स्थित सदर अस्पताल में शुक्रवार की सुबह रुक्मिणी दास (7) की इलाज के दौरान मौत हो गयी. मृतका बागबेड़ा उत्तरी घाघीडीह पंचायत की गुल्टू झोपड़ी निवासी थी. मंगलवार को उसे अस्पताल में भरती किया गया था. डॉक्टर के अनुसार बच्ची डायरिया से पीड़ित थी. शुक्रवार की सुबह हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गयी.मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का अारोप लगाते हुए हंगामा किया. बस्ती के लोगों ने डॉ संदीपन व कर्मचारियों के साथ हाथापायी की.

इससे नाराज डाॅक्टर व कर्मचारियों ने लगभग तीन घंटे तक इलाज बंद रखा. इस वजह से कई मरीजों को बिना इलाज कराये लौटना पड़ा. इस संबंध में दोनों पक्षों से परसुडीह थाना में लिखित शिकायत की गयी है. एक पक्ष से डॉ संदीपन के बयान पर जबकि दूसरे पक्ष से गोल्टुझोपड़ी निवासी राधा देवी ने प्राथमिकी दर्ज करायी है.अस्पताल डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर 48 घंटे में अारोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गयी तो इमरजेंसी सेवा बंद कर दी जायेगी. सिर्फ ओपीडी व प्रसव केंद्र ही चलाया जायेगा.

सिविल सर्जन से मिले बस्तीवासी. बच्ची की मौत के मामले में दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर बस्ती के लोग सिविल सर्जन से मिले. सिविल सर्जन ने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया. हंगामे की सूचना पर पुलिस जब अस्पताल पहुंची तो हंगामा कर रहे लोग भाग गये. मृतका के पिता रमेश दास की पहले ही मौत हो चुकी है. मां राधा देवी दैनिक मजदूरी करती है. सोमाय झोपड़ी के माड़की सोय की मौत के बाद डायरिया से यह दूसरी माैत है.

सदर अस्पताल में डॉक्टर से मारपीट में शामिल लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए. डॉक्टरों की सुरक्षा भी बढ़ायी जाये ताकि वह सहज होकर काम कर सकें.
डॉ साहिर पाल, उपाध्यक्ष, झारखंड स्टेट हेल्थ सर्विसेस एसो.
डॉक्टरों साथ मारपीट गंभीर मामला है. ऐसे में कोई भी डॉक्टर काम नहीं कर सकेगा. अगर आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो शहर के सभी डॉक्टर हड़ताल पर चले जायेंगे.
डॉ मृत्युंजय सिंह, आइएमए सचिव
डॉक्टरों से मारपीट के बाद अस्पताल का हर विभाग को बंद कर दिया था. कर्मचारी सुरक्षा की मांग कर रहे थे. किसी तरह अस्पताल को चालू कराया गया. सुरक्षा बढ़ाने के लिए डीसी व एसएसपी से भी बात की जायेगी.
डॉ एसके झा, सिविल सर्जन
डायरिया पीड़ित बच्ची का इलाज चल रहा था. कल रात सांस लेने में दिक्कत हुई. ऑक्सीजन लगाया गया लेकिन उसे नहीं बचाया जा सका. परिजन शव लेकर जा रहे थे तभी मुंह से झाग निकलता देख लोग उसे इमरजेंसी लेकर आये और बोले कि जिंदा है जबकि उसकी मौत हो गयी थी. इसके बाद लोगों ने मारपीट व हंगामा किया.
डॉ वीणा सिंह, उपाधीक्षक सदर अस्पताल

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