Bareilly: नए साल 2023 के आगाज पर बरेली के लोगों ने जमकर धमाल मचाया है. शहर के होटलों के साथ ही मैरिज हॉल और घरों में भी नए साल के जश्न में पार्टियां आयोजित की गई. शाम से लेकर रविवार तक सड़कों पर कार और बाइक दौड़ रही थीं. मगर, इस नए साल के धमाल से बरेली की आबोहवा एक बार फिर जहरीली हो गई है.
बरेली का एक्यूआई खराब स्थिति में है. लोगों का सांस लेना दूभर है. इसमें सबसे अधिक बुजर्ग और बच्चे प्रभावित हैं. शहर के सिविल लाइंस, राजेंद्रनगर और सुभाषनगर का एक्यूआई सबसे अधिक बढ़ा है, जो रात को बढ़कर 229 तक हो गया था.
शहर के होटल, मॉल, मैरिज हॉल, क्लब आदि की रौनक शनिवार शाम से ही बढ़ने लगी थी. यह भीड़ रात बढ़ने के साथ ही काफी बढ़ गई. लोग डीजे की धुन पर जमकर नाचे. इसके साथ ही रात भर लोगों ने सड़कों पर भी कार, बाइक आदि से भी जश्न मनाया, जिसके चलते उड़ती धूल और वाहनों के धुंए ने हवा को जहरीला कर दिया.
बरेली का रविवार दोपहर एक्यूआई बढ़कर खराब स्थिति में आ गया है. बरेली का वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्यूआई (क्वालिटी इंडेक्स) 101 हो गया. शहर के सिविल लाइंस का एक्यूआई 115, राजेंद्रनगर का एक्यूआई 82 और सुभाषनगर का एक्यूआई 105 हो गया है. इसके साथ ही पीएम 2.5 सिविल लाइंस का 41, राजेंद्र नगर का 27 और सुभाषनगर का 37 है, जो काफी बताया जा रहा है.
शहर का पीएम 10 सिविल लाइंस का 73, राजेंद्र नगर का 46, और सुभाषनगर का 63 हो गया है. बरेली शहर की हवा का एक्यूआई बढ़ने से हवा जहरीली हो गई है. शनिवार रात 11 बजे बरेली का एक्यूआई 229 था, जो बेहद खतरनाक है.
शहर का एक्यूआई बढ़ने से बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर काफी असर पड़ रहा है. ऐसे में घरों से निकलने में एहतियात बरतने की जरूरत है. लोगों में स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती है. डॉक्टर मास्क लगाकर घर से निकलने की सलाह दे रहे हैं. क्योंकि, बरेली में सांस के मरीजों की संख्या में काफी इजाफा होने लगा है.
एक्यूआई बढ़ने से सांस की बीमारी और अस्थमा हो सकता है. इसलिए फेफड़ों की मजबूती के लिए भुजंगासन यानी कोबरा योग करें. इस योग के अभ्यास से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं. धनुरासन योग भी अच्छा है. इससे फेफड़े साफ होते हैं. सुखांगसन योग से फेफड़ों के कार्य को बढ़ावा मिलता है. एक्यूआई बढ़ने से बरेली में सांस और अस्थमा के मरीज बढ़ रहे हैं.
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0 से 50 एक्यूआई है, तो यह बहुत अच्छी बात है. इससे सेहत पर कम असर होता है. 51-100 एक्यूआई भी ठीक है. लेकिन, संवेदनशील लोगों को सांस की हल्की दिक्कत हो सकती है. 101 के बाद ठीक नहीं है. 101 से 200 एक्यूआई से फेफड़ा, दिल और अस्थमा मरीजों को सांस में दिक्कत होती है. 201-300 एक्यूआई काफी खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर किसी को भी सांस में दिक्कत होना तय है. 301-400 एक्यूआई बहुत खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर सांस की बीमारी का खतरा होता है. 401-500 एक्यूआई सबसे अधिक खतरनाक है. इंसान की सेहत पर सबसे अधिक खराब होती है.
रिपोर्ट मुहम्मद साजिद, बरेली