झारखंड के पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता रणधीर सिंह ने हेमंत सोरेन सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाये हैं. उन्होंने कहा है कि इस सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया. इस सरकार के कार्यकाल में अपराध चरम पर है. आये दिन विभिन्न जिलों में लोगों की हत्या हो रही है. भ्रष्टाचार पर भी इस सरकार का अंकुश नहीं है. बहू-बेटियां असुरक्षित हैं. लव जेहाद के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. हिंदू व आदिवासी बेटियों की हत्या की जा रही है और सरकार तुष्टिकरण की राजनीति में व्यस्त है. तेजी से गौ तस्करी के मामले बढ़ रहे हैं. जबरन धर्मांतरण कराया जा रहा है.
झारखंड के पूर्व कृषि मंत्री सह सारठ विधायक रणधीर सिंह ने प्रभात खबर से खास बातचीत में कहा कि वर्तमान झारखंड सरकार के तीन साल पूरी तरह से फेल साबित हुए. इस सरकार के कार्यकाल में राज्य के किसान बेहाल और युवा निराश हैं. हेमंत सरकार ने अपनी एक भी चुनावी घोषणा को पूरा नहीं किया. हर साल हेमंत सोरेन ने पांच लाख बेरोजगारों को नौकरी देने की घोषणा की थी, लेकिन पिछले तीन वर्षों में मात्र 357 लोगों को नौकरी दी गयी.
उन्होंने कहा कि राज्य की स्थानीयता व नियोजन नीति में केंद्र सरकार की भूमिका नहीं है, यह राज्य सरकार को लागू करनी है. बिना जाने समझे पूर्व की रघुवर सरकार की नियोजन नीति को रद्द कर हेमंत ने नयी नियोजन नीति बनायी, जिसमें विसंगति के कारण हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया. इससे राज्य के लाखों नौजवानों को निराशा हाथ लगी. किसानों का लोन माफ नहीं हुआ. युवाओं को बेरोजगारी भत्ता भी नहीं मिला.
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उन्होंने कहा कि सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं बढ़ाया. 1932 खतियानी व आरक्षण के नाम पर जनता को सरकार ने सिर्फ भरमाया है. उन्होंने कहा कि खतियानी व आरक्षण मामला भी कोर्ट में नहीं टिकेगा. नियोजन नीति की तरह इसका भी हश्र होगा. उन्होंने कहा कि बाबूलाल जी ने कैबिनेट से 1932 खतियान को लागू करने का प्रयास किया था, उसकी कमियों को दूर कर 1932 की खतियानी सरकार को लागू करना चाहिए था.
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विधायक ने कहा कि पूरे राज्य में यह सरकार किसान व आमजनों के साथ धोखा कर रही है. सुखाड़ राहत के नाम पर आईवाश चल रहा है. यह सरकार सुखाड़ राहत के तहत एक ओर 3500 रुपये लोगों को दे रही है, वहीं दूसरी तरफ बकाया बिजली बिल वसूली में प्रति व्यक्ति आठ से 10 हजार रुपये फाइन वसूल रही है. वर्तमान सरकार लोगों का बिजली बिल अगर माफ नहीं कर सकती तो सुखाड़ को देखते हुए बिजली बिल वसूली पर रोक लगानी चाहिए. वर्तमान सरकार डीएमओ, डीटीओ, बिजली अधिकारियों, थानेदारों के अलावा राजस्व से संबंधित विभागों को अवैध तरीके से टारगेट दे रखी है और जनता का दोहन करा रही है.
सारठ विधायक ने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में संताल परगना से अरबों रुपये का पत्थर व बालू अवैध तरीके से दूसरे राज्यों को भेजा गया. इससे हजारों करोड रॉयल्टी का नुकसान हुआ है. स्थिति यह है कि देवघर जिला समेत संताल परगना में आम जनता को पीएम आवास बनाने के लिए बालू नहीं मिल पा रहा है. चौगुने पैसे देकर स्टोन खरीदने पड़ रहे हैं. मोदी सरकार ने करीब साढ़े छह लाख पीएम आवास यहां के लोगों को दिया है, जिसका काम बालू के अभाव में ठप पड़ा है.
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उन्होंने कहा कि विधानसभा में मामला उठाने के बावजूद संताल परगना समेत पूरे राज्य में कैटेगरी-1 बालू घाट की नीलामी नहीं हो पायी है. कैटेगरी-1 बालू घाट रहने से आम जनता को 100 रुपये में बालू मिलता. वर्तमान में देवघर जिले में सारठ का रानीगंज व जसीडीह का बसंतपुर बालू घाट चल रहा है, जहां 800 रुपये रॉयल्टी तथा 200 रुपये अन्य अवैध खर्च देने पर लोगों को एक ट्रैक्टर बालू नसीब होता है.