बिहार के आठ मुख -बधिर और नेत्रहीन विद्यालयों को अब अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जायेगा. इन स्कूलों में शिक्षक एवं अन्य पदों पर भी अब सामान्य युवकों की बहाली नहीं होगी, बल्कि मुख -बधिर व नेत्रहीन युवा ही बहाल किए जाएंगे. इसके साथ ही स्कूलों में डिजिटल लाइब्रेरी बनायी जायेगी और छात्र-छात्राओं को सुविधा हो इसलिए आटोमेटिक छड़ी भी दी जायेगी.
पांच करोड़ से अधिक का तैयार किया गया प्रस्ताव
समाज कल्याण विभाग ने इस आशय का प्रस्ताव भी तैयार किया है. पिछले दिनों छात्रों की मांग पर विभागीय मंत्री ने एक कार्यक्रम के दौरान दिव्यांग जनों को आश्वासन दिया था कि आप सभी की पढ़ाई नहीं रुके, इसके लिए सरकार अपनी तरफ से काम कर रही है. इसी कड़ी में एक प्रस्ताव तैयार किया गया है, जो लगभग पांच करोड़ से अधिक का है.
नेत्रहीन व मुख-बधिर की होगी नियुक्ति
मुख – बधिर व नेत्रहीन विद्यालयों में काम करने वाले लोग सामान्य व्यक्ति नहीं होंगे. इन विद्यालयों में नेत्रहीन एवं मुख-बधिर लोगों को ही रखा जायेगा, ताकि काम करने में एकरूपता आ सके. इस को लेकर विभाग को दिव्यांग जनों ने ज्ञापन दिया था, जिसके बाद इस दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. दिव्यांग जनों के मुताबिक उनको पढ़ाने में उनके जैसे लोग रहेंगे, तो उनकी समस्याओं का समाधान जल्द हो पाएगा.
बनेगी डिजिटल लाइब्रेरी
छात्रों को पढ़ने में परेशानी नहीं हो, इस कारण से डिजिटल लाइब्रेरी, किताब और कंप्यूटर की व्यवस्था की गयी है. वहीं, नेत्रहीन छात्रों को ऑटोमैटिक छड़ी देने की तैयारी की गयी है. इसके लिए विभाग ने कंपनियों से कोटेशन भी मांगा है. छात्रों को पढ़ने में परेशानी नहीं हो, इसको लेकर नयी किताबों का संग्रह किया जायेगा. इस काम को मार्च से पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.