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पटना के 600 स्कूलों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का था टारगेट, अब तक 151 स्कूलों में ही बन पाया सिस्टम

पटना के वैसे स्कूल, जिनकी छत का एरिया तीन हजार स्क्वायर फुट का था, उन्हें रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार करने का निर्देश दिया गया था. ऐसे 600 स्कूलों में से में से अब तक सिर्फ 151 स्कूलों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार किया गया है और दो स्कूलोंं में निर्माण कार्य जारी है.

अंबर, पटना: जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत जिले के स्कूलोंं में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार करने की शुरुआत की गयी थी, जिसका उद्देश्य स्कूलों में पानी की समस्या को दूर करना और ग्राउंड लेवल वाटर को रिचार्ज करना है. इसके लिए वर्ष 2019-20 में राज्य सरकार ने जिले स्कूलोंं को राशि भी आवंटित की थी. जिले के वैसे स्कूल, जिनकी छत का एरिया तीन हजार स्क्वायर फुट का था, उन्हें रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार करने का निर्देश दिया गया था. जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से कराये गये सर्वे में तीन हजार स्क्वायर फुट छत वाले करीब 600 स्कूलों पाये गये थे. इनमें से अब तक सिर्फ 151 स्कूलों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार किया गया है और दो स्कूलोंं में निर्माण कार्य जारी है.

80 लाख रुपये का दिया गया फंड

पहले चरण में करीब 153 स्कूलोंं में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार करने के लिए राज्य सरकार की ओर से 80 लाख रुपये का फंड दिया गया था. एक स्कल को अधिकतम 72 हजार रुपये खर्च करने थे. करीब 70 लाख रुपये से जिले के 151 स्कूलों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार किया गया है. 2020 के बाद फंड जेनरेट नहीं होने से अधिकतर स्कूलों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार नहीं किया जा सका है.

बिहटा में सबसे अधिक 18 स्कूलों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार

जिले में सबसे अधिक बिहटा प्रखंड में 18 स्कूलों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार किया गया है. इसके बाद मसौढ़ी प्रखंड में 14 और सबसे कम अथमलगोला, बेलछी, दनियावां व फतुहा प्रखंड में दो-दो स्कूलों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार किया गया है.

एक स्कूल से बरसात में 12 लाख लीटर पानी से ग्राउंड वाटर होगा रिचार्ज

एक क्यूबिक फुट में 28 लीटर पानी का संचयन किया जा सकता है. इस तरह तीन हजार स्क्वायर फुट छत वाले स्कूल से 12 लाख लीटर पानी का संचयन कर इससे ग्राउंड लेवल वाटर रिचार्ज किया जा सकता है. यह अनुमान पिछले साल हुई बारिश के अनुसार लगाया है. पिछले वर्ष 69 दिनों में 1213 एमएम बारिश जिले में हुई थी. जिले में कई ऐसे प्रखंड हैं, जहां ग्राउंड लेवल वाटर लेवल औसतन 50 से 60 फुट तक नीचे चला गया है. स्कूलों में तैयार किये गये रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से पानी की समस्या दूर होने के साथ ही ग्राउंड लेवल वाटर को रिचार्ज करना भी आसान हो पायेगा.

साफ पानी से हो सकेगा ग्राउंड लेवल वाटर रिचार्ज

स्कूलों में तीन लेयर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार किया गया है. इसमें सबसे पहले छत की लेवलिंग की गयी है, ताकि ज्यादा-से-ज्यादा पानी का संचयन किया जा सके. इसके साथ ही दूसरे लेयर में कलेक्शन चैंबर और तीसरे लेयर में रिचार्ज पिट तैयार किया गया है. रिचार्ज पिट की मदद से पानी साफ होकर बोरवेल की मदद से ग्राउंड लेवल वाटर को रिचार्ज करेगा.

400 से अधिक स्कूलों में चापाकल फेल

पिछले कुछ सालों में जिले के 1400 से अधिक स्कूलों में पीएचइडी की ओर से नये चापाकल लगाये गये थे. लेकिन, मौजूदा वक्त में 400 से अधिक स्कूलों में भूगर्भीय जल स्तर नीचे चले जाने के कारण चापाकल फेल हो गये हैं.

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क्या कहते हैं अधिकारी 

पटना के डीइओ अमित कुमार ने कहा कि फिलहाल जिले के 151 स्कूलों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार किया गया है. अगले वित्तीय वर्ष में जिले के विभिन्न स्कूलों में यह सिस्टम तैयार करने की योजना है. इसके साथ ही तीन हजार स्क्वायर फुट से कम एरिया वाले स्कूलों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार किया जायेगा.

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