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बेगूसराय के आठ गांवों में कुत्ते बन गये आदमखोर, लोगों का दावा दारू पीकर बने हिंसक

बेगूसराय के आठ गांवों में कुत्ते बन आदमखोर गये हैं. बताया जा रहा है कि बछवाड़ा प्रखंड के बहियार के आठ गांवों में हिंसक कुत्तों का आतंक इस कदर है कि महिलाएं बाहर निकलने से डर रही हैं. किसान अकेले खेत में नहीं जा रहे हैं, कुत्तों के काटने से आठ माह में आठ महिलाओं की मौत हो चुकी है.

बेगूसराय के आठ गांवों में कुत्ते बन आदमखोर गये हैं. बताया जा रहा है कि बछवाड़ा प्रखंड के बहियार के आठ गांवों में हिंसक कुत्तों का आतंक इस कदर है कि महिलाएं बाहर निकलने से डर रही हैं. किसान अकेले खेत में नहीं जा रहे हैं, कुत्तों के काटने से आठ माह में आठ महिलाओं की मौत हो चुकी है. करीब दो दर्जन से ज्यादा लोग जख्मी हो गये हैं. कुत्तों को मारने के लिए प्रशासन ने शूटर भी बुलाया, पर उनका आतंक कम नहीं हुआ है.

अवैध शराब की भट्ठियों ने कुत्तों को हिंसक बना हिंसक

स्थानीय लोगों का दावा है कि बलान नदी से सटे बहियार के इलाके में अवैध शराब की भट्ठियों ने बड़ी संख्या में कुत्तों को हिंसक बना दिया है. इन भट्ठियों में बनने वाली शराब के बचे हुए अवशेष को खुले में फेंक दिया जाता है. यह स्वाद में मीठा होता है. कुत्ते इसे चाटते हैं और उन पर नशा चढ़ जाता है. पुलिस और मद्य निषेध विभाग की टीम अक्सर अवैध शराब भट्ठियों के खिलाफ अभियान चलाती है. उन्हें तोड़ कर शराब को नष्ट भी किया जाता है, लेकिन कारोबारी फिर से दूसरी जगह अपना अड्डा जमा लेते हैं. कई बार तो भट्ठियों से जो शराब फेंकी जाती है, उसे भी कुत्ते चाट जाते हैं. बछवाड़ा प्रखंड में बलान नदी से सटे बहियार बाले इलाके अरबा, कादारबाद, रूदौली और गंगा नदी से सटे बहियार वाले इलाके चमथा व विशनपुर में अवैध शराब की भट्ठियों के खिलाफ कई बार अभियान चला है. लेकिन अब तक इनका सफाया नहीं हो पाया है. कुत्तों के हमले से बछवाड़ा प्रखंड के कादबाद, रूदौली, बछवाड़ा, भिखमचक, अरबा, रानी एक, रानी दो, गोधना पंचायत में आठ लोगों की मौत हो चुकी है.

महिलाओं को ज्यादा निशाना बना रहे हैं कुत्ते

हिंसक कुत्तों ने अब तक पुरुषों से ज्यादा महिलाओं पर हमला किया है. बताया जाता है कि खेतों में काम करने जाने वाले ज्यादातर पुरुष लाठी-डंडा लेकर जाते हैं, जबकि महिलाएं खाली हाथ ही खेतों तक पहुंचती हैं. इससे वह अपना बचाव नहीं कर पातीं.

शूटरों ने 12 कुत्तों का किया था शिकार

स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों की मांग पर डीएम के निर्देश पर वन एवं पर्यावरण विभाग की शिकारी टीम 23 दिसंबर को बछवाड़ा गयी थी. एक दिन अभियान चला और तीन पंचायतों के बहियार में 12 कुत्तों को मारा गया. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर टीम दो-तीन दिनों तक रुक कर अभियान चलाती तो हिंसक कुत्तों के आतंक से लोगों को निजात मिल जाती.

शराब से कुत्ते हो सकते हैं हिंसक: डॉक्टर

घटना के बारे में पशु चिकित्सक डॉ शमसे आलम ने बताया कि कूड़े-कचरे के रूप में फेंके गये सामान्य खाद्य पदार्थ के वेस्टेज खाने से भी कुत्तों के शरीर में हिंसक एक्टिविटी होने लगती है. जहां शराब बनायी जाती है, उसके आसपास वेस्टेज सामग्री होती है. उस सामग्री के मीठा होने के कारण कुत्ते उसे खा जाते हैं. इसके नशीला होने से कुत्ते ज्यादा हिंसक हो जाते हैं. ऐसे वेस्टेज को खुले में नहीं फेंकना चाहिए.

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