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बिहार राजस्व रिकार्ड की प्रणाली में बड़ा बदलाव: राजस्व गांव का हर टोला अब अलग मौजा, बनेगा स्वतंत्र नक्शा

विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त के वैसे राजस्व ग्रामों में सभी अलग- अलग टोलों में खेसरा नंबर एक तरह से प्रारंभ होने के कारण कठिनाई हो रही थी. इसके समाधान के लिए निदेशक भू अभिलेख एवं परिमाप जय सिंह ने बंदोबस्त पदाधिकारियों के लिए मार्गदर्शन जारी किया है.

बिहार के सरकारी रिकार्ड में जमीन के नक्शा और पैमाइश में तकनीकी खामी को दूर करने के लिए विशेष सर्वेक्षण के तहत तैयार किये जा रहे राजस्व रिकार्ड की प्रणाली में अब एक बड़ा बदलाव किया गया है. अब एक राजस्व ग्राम के विभिन्न टोले को अलग-अलग मौजा माना जायेगा और सभी टोलों का अलग-अलग शीट पर स्वतंत्र नक्शा भी तैयार किया जायेगा.

थाना संख्या और बट्टा संख्या भी अंकित किया जायेगा

तैयार किए जा रहे नए नक्शे में राजस्व ग्राम के नाम के साथ मूल थाना संख्या और बट्टा संख्या भी अंकित किया जायेगा. विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त के वैसे राजस्व ग्रामों में सभी अलग- अलग टोलों में खेसरा नंबर एक तरह से प्रारंभ होने के कारण कठिनाई हो रही थी. इसके समाधान के लिए निदेशक भू अभिलेख एवं परिमाप जय सिंह ने बंदोबस्त पदाधिकारियों के लिए मार्गदर्शन जारी किया है.

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ऐसे तैयार होगा गांव का नक्शा

कैडेस्ट्रल – रिविजनल सर्वे के डिजिटाइज्ड किये गये नक्शा शीट में नक्शा का कोड फिर जिला, अंचल , गांव का कोड होगा. इसके बाद थाना और शीट नंबर अंकित किया होगा. यदि भू सर्वेक्षण साफ्टवेयर में राजस्व ग्राम – टोला का नाम एवं थाना संख्या बट्टा के साथ प्रावधान किया जाता है तब विशेष सर्वेक्षण के नक्शा शीट इंडेक्स में थाना नंबर और शीट नंबर के बीच में बट्टा नंबर भी अंकित करना होगा.

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