हमारी अर्थव्यवस्था तथा रोजमर्रा के जीवन के लिए सूचना तकनीक (आइटी) का महत्व बढ़ता जा रहा है. इसी के साथ भारतीय आइटी क्षेत्र का विस्तार भी होता जा रहा है. अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों की तरह इस सेक्टर ने भी 2022 में अच्छा प्रदर्शन किया है. यह कहा जा सकता है कि महामारी के साये से यह क्षेत्र बाहर निकल चुका है. ऐसे में 2023 में इसके विस्तार की संभावना जतायी जा रही है. पिछले वर्ष देश भर में आइटी सेक्टर में 4.50 लाख रोजगार के नये अवसर पैदा हुए हैं.
यद्यपि कुछ कंपनियों में छंटनी भी हुई है, पर वैश्विक स्तर पर इस क्षेत्र में जिस हिसाब से लोगों को निकाला गया है, वैसा हमारे देश में नहीं हुआ है. दुनिया की बड़ी कंपनियों में कामगारों को हटाने का सिलसिला अभी थमा नहीं है और माना जा रहा है कि आर्थिक मंदी या सुस्ती की आशंका को देखते हुए छंटनी जारी रहेगी. लेकिन भारत में 2023 के पहले तीन महीने में ही भर्ती की प्रक्रिया रफ्तार पकड़ लेगी. भारत में कम खर्च होने तथा भौगोलिक, आर्थिक एवं राजनीतिक स्थायित्व जैसे कारकों के चलते निवेशक भी आकर्षित हो रहे हैं.
कई बड़े शहरों में बहुराष्ट्रीय तकनीकी कंपनियां अपने आधार कार्यालय स्थापित कर रही हैं. कोविड महामारी के बाद से भारतीय कंपनियों को मिलने वाली बहुत सी तकनीकी परियोजनाएं छोटी हैं. आशा जतायी जा रही है कि इस वर्ष बड़ी परियोजनाओं की संख्या बढ़ेगी. यह भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि भारतीय तकनीकी उद्योग वैश्विक तकनीकी आपूर्ति शृंखला से गहरे से जुड़ी हुई है. यह आपूर्ति शृंखला भी दबाव में है.
उसमें सुधार का सीधा फायदा हमारे आइटी क्षेत्र को होगा. आर्थिक वृद्धि दर के संतोषजनक होने से भी उम्मीदें बढ़ी हैं. तकनीकी उद्योग के विश्लेषकों का मानना है कि आइटी क्षेत्र में इस वर्ष लगभग दस लाख लोगों को रोजगार मिल सकता है. ऐसा नहीं है कि इस सेक्टर के सामने चुनौतियां नहीं होंगी, पर महामारी और बाद के अनुभवों के आधार पर कंपनियां संभावित समस्याओं का सामना करने में सक्षम हैं. यह भी उल्लेखनीय है कि समय-समय पर उतार-चढ़ाव आते रहे हैं और दुनिया को नयी आर्थिक वास्तविकताओं के साथ सामंजस्य स्थापित करना होता है.
अभी यह कह पाना मुश्किल है कि इस वर्ष अगर वैश्विक अर्थव्यवस्था संकटग्रस्त होती है, तो वह संकट किस स्तर का होगा और उसकी अवधि क्या होगी. पिछले वर्ष टेक सेक्टर कामकाजी संस्कृति को लेकर भी चर्चा में रहा था. वेतन-भत्ते, घर से काम करने, अन्य परियोजनाओं पर काम करने, काम के घंटे आदि को लेकर बहसें हुईं. आशा है कि यह उद्योग अपने मानव संसाधन से जुड़े प्रश्नों को इस वर्ष ठीक से हल करते हुए अग्रसर होगा.