मनी लाउंड्रिंग और अवैध खनन मामले में गिरफ्तार पंकज मिश्रा को रिम्स में इमरजेंसी से ही पेइंग वार्ड का कमरा आवंटित हो जाता है. वहीं, अन्य मरीजों को पेइंग वार्ड और कॉटेज में कमरा लेने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है. यूनिट इंचार्ज के यहां चक्कर लगाने के बाद बड़ी मुश्किल से कमरा मिलता है. पंकज मिश्रा को इस बार ड्यूटी में तैनात एसओडी ने कमरा आवंटित किया है. हालांकि, पंकज मिश्रा ने अपने आवेदन में लिखा है कि उसको जान का खतरा है, इसलिए अलग कमरा आवंटित किया जाये.
इससे पूर्व भी पंकज मिश्रा करीब पांच महीना रिम्स के पेइंग वार्ड में ही भर्ती रहा. उसका मर्ज बदलता रहा और डॉक्टर बदलते रहे, लेकिन कमरा वीआइपी ही रहा. गौरतलब है कि पंकज मिश्रा को 19 जुलाई को इडी ने गिरफ्तार किया था. उसके कुछ दिन बाद से ही वह बीमार है और रिम्स में भर्ती है. इधर, रिम्स प्रबंधन का कहना है कि पंकज मिश्रा ने जान का खतरा बताते हुए अलग कमरे की मांग की थी, जिसके आधार पर पेइंग वार्ड में कमरा आवंटित किया गया.
एक हजार करोड़ रुपये से अधिक के मनी लाउंड्रिंग मामले में पंकज मिश्रा के खिलाफ चार जून को साहिबगंज के बरहड़वा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. इडी ने 19 जुलाई 2022 को उसे गिरफ्तार कर लिया.
पंकज मिश्रा की सोमवार को अल्ट्रासाउंड जांच की गयी. इस बार भी पहले वाली ही गड़बड़ी मिली है. हालांकि, मंगलवार को रेडियोलॉजी विभाग से रिपोर्ट तैयार कर इलाज कर रहे डॉक्टर को उपलब्ध करा दी जायेगी. वहीं, ब्लड जांच की रिपोर्ट भी मंगलवार को उपलब्ध हो जायेगी. इसके बाद रेडियोलॉजी और ब्लड जांच का रिव्यू किया जायेगा. जरूरत पड़ने पर यूरोलॉजी के डॉक्टर से संपर्क किया जायेगा. अभी ज्यादा समस्या नहीं होने पर पंकज मिश्रा को दवा पर रखा गया है.