राजधानी रांची सहित पूरे राज्य के सभी निजी स्कूलों को अपने यहां संचालित बसों का रोड सेफ्टी ऑडिट कराना होगा. मुख्य सचिव के निर्देश पर परिवहन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किया है. इसमें कहा गया है कि भारत सरकार से सूचीबद्ध एजेंसी के माध्यम से निजी स्कूलों को अपने यहां संचालित बसों का निजी खर्च पर सुरक्षा ऑडिट कराना होगा. इसके बाद इससे संबंधित रिपोर्ट स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा परिवहन विभाग को उपलब्ध कराया जायेगा.
वहीं सभी उच्च व तकनीकी शिक्षा संस्थानों में सड़क सुरक्षा से संबंधित नोडल शिक्षक की प्रतिनियुक्ति कर विभाग 31 दिसंबर 2022 तक कार्रवाई रिपोर्ट परिवहन विभाग को देगा. राजधानी रांची में करीब 350 स्कूली बसें चलती हैं. जबकि राज्य में इसकी तादाद पांच हजार के करीब है.
राष्ट्रीय और राजकीय मार्गों पर सड़क सुरक्षा नियमों की अवहेलना वाहनों द्वारा किया जाता है. ऐसे वाहनों पर कार्रवाई के लिए सड़क पर बने टॉल प्लाजा को चेकिंग प्वाइंट बनाने का निर्देश मुख्य सचिव की ओर से दिया गया है. वहां पर परिवहन व पुलिस विभाग के अधिकारी व कर्मियों की प्रतिनियुक्ति कर ई-चालान डिवाइस के माध्यम से कार्रवाई की जायेगी.
सड़क हादसों के बाद सबसे पहले जरूरत फर्स्ट एड बॉक्स व स्ट्रेचर की पड़ती है. इसको ध्यान में रखते हुए परिवहन विभाग ने सभी एंबुलेंसों व पुलिस थानों के पास फर्स्ट एड व स्ट्रेचर 31 मार्च तक उपलब्ध कराने का निर्देश संबंधित विभागों को दिया है.
राज्य स्तर पर सड़क सुरक्षा के लिए गृह विभाग ने एक अलग कोषांग बनाया है. इसका प्रभार जंगल वार फेयर के डीआइजी को दिया गया है. वहीं यातायात के मामलों के लिए सड़क सुरक्षा जिलों में डीएसपी रैंक के अफसर को नामित करने का भी निर्देश दिया गया है.
राजधानी की यातायात व्यवस्था को सुगम करने के लिए पथ निर्माण विभाग, रांची के डीसी, नगर आयुक्त व एसएसपी द्वारा की गयी कार्रवाई के संबंध में नगर विकास विभाग द्वारा परिवहन विभाग के समक्ष प्रेजेंटेशन दिया जायगा.