Coronavirus Fourth Dose In India : चीन और कई अन्य देशों में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है. भारत इसको लेकर सतर्क हो गया है और एहतियातन कई कदम उठाये जा रहे हैं. इस बीच सबके मन में एक सवाल आ रहा है कि क्या कोरोना वैक्सीन का एक और बूस्टर डोज लगवाने की जरूरत होगी ? इस सवाल को जवाब केंद्र सरकार की ओर से आ गया है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि कोरोना वैक्सीन का एक और बूस्टर डोज यानी दूसरा बूस्टर डोज लगवाने की जरूरत नहीं होगी. सरकार के सूत्रों के हवाले से खबर दी गयी है कि पहले बूस्टर डोज को देश में पूरा किया जाएगा.
इधर भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 134 नये मामले आये जबकि इलाज करा रहे मरीजों की संख्या कम होकर 2,582 हो गयी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार सुबह जो आंकड़े जारी किये, उसके अनुसार, कोविड-19 के कुल मामलों की संख्या 4.46 करोड़ (4,46,78,956) दर्ज की गयी. संक्रमण से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 5,30,707 है.
क्या कोरोना वैक्सीन की चौथी डोज लगवाने की जरूरत है ? तो आइए जानते हैं इसको लेकर विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं. दरअसल कई देश अपने नागरिकों को कोविड रोधी टीके की तीसरी और यहां तक कि चौथी एहतियाती (बूस्टर) खुराक दे रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में अभी चौथे डोज की जरूरत नहीं है. यहां चर्चा कर दें कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ दोनों वैक्सीन लगवा वैक्सीनेशन पूरा करवा चुके कई लोगों ने भी अब तक एक भी प्रिकॉशन डोज नहीं ली है.
No second Covid-19 booster dose required: Govt sources
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विशेषज्ञों का कहना है कि इसके लिए एक ढांचागत और व्यवस्थित प्रतिक्रिया की जरूरत है. चीन में वृद्धि के बाद कोविड एक बार फिर रडार पर है और लोग भारत में संक्रमण की एक और लहर की आशंका को लेकर चिंतित है. ऐसे में क्या सरकार को दो वैक्सीन की सुरक्षा में वृद्धि के लिये दूसरी प्रिकॉशन डोज की अनुमति देनी चाहिए इस पर कुछ वैज्ञानिक जमीनी स्तर पर हालात परखने का आह्वान करते हैं.
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विशेषज्ञों ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन की चौथी खुराक इस समय अनुचित है क्योंकि देश में अधिकांश लोगों को अभी तक तीसरा डोज नहीं मिला है और वर्तमान में उपयोग किये जा रहे वैक्सीन को दूसरे प्रिकॉशन डोज के तौर पर दिये जाने की उपयोगिता पर कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है. इसके अलावा, भारत में बड़ी संख्या में लोग वायरस के संपर्क में आ चुके हैं और उन्हें वैक्सीन भी लगाया गया है, ऐसे में स्थिति काफी अलग है.
भाषा इनपुट के साथ