पटना हाइकोर्ट ने बिहार सरकार पर दस लाख रुपए का अर्थदंड लगाया है. यह दंड स्टेट एंप्लॉयमेंट कमेटी और मैनेजिंग कमेटी मनीसाना वेज बोर्ड पटना के अध्यक्ष का वेतन निर्धारण के मामले में राज्य सरकार द्वारा स्पष्ट जवाब नहीं दिये जाने के कारण लगाया गया है. हाई कोर्ट ने न्यायाधीश पीभी बजंत्री की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने विजय कुमार सिंह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह यह जुर्माना लगाया है.
मुख्य सचिव के समान सुविधा देने का दिया गया था निर्देश
याचिकाकर्ता स्टेट एंप्लॉयमेंट कमेटी के साथ-साथ मैनेजिंग कमेटी मनीसाना वेज बोर्ड बिहार के अध्यक्ष के पद पर कार्यरत थे. इन्होंने हाइकोर्ट में स्टेट एंप्लॉयमेंट कमेटी के चेयरमैन के वेतन और भत्ते के लिए पहले एक याचिका दायर की थी . इनकी याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव के सामान इन्हें वेतन और भत्ता देने का निर्देश दिया था.
कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को किया था तलब
कोर्ट द्वारा सरकार को निर्देश दिए जाने के बाद भी याचिककर्ता को मुख्य सचिव के वेतन और भत्ता के समान कोई सुविधा नहीं मिली. जब यह उस पद से हटे तो मैनेजिंग कमेटी मनीसाना वेज बोर्ड के चेयरमैन के पद पर कार्य करने की अवधि के दौरान के वेतन के लिए फिर से याचिका दायर किया. इसी मामले पर राज्य सरकार का पक्ष जानने के लिए कोर्ट ने 20 दिसंबर, 2022 को संबंधित अधिकारियों को कोर्ट में तलब किया था.
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कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए लगाया दस लाख रुपये का अर्थदंड
मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान जो अधिकारी कोर्ट में उपस्थित हुए थे. उनके द्वारा कोर्ट द्वारा पूछे गये प्रश्नों का जब जवाब नहीं दिया गया तो हाई कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए राज्य सरकार पर दस लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है.