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नए साल पर महंगाई की नई मार : फ्रिज के दामों में जल्द हो सकती है बढ़ोतरी, जानें कितनी बढ़ेंगी कीमतें

गोदरेज अप्लाइंसेस के व्यापार प्रमुख एवं कार्यकारी उपाध्यक्ष कमल नंदी ने कहा कि स्टार रेटिंग के तहत अब हमें दोनों के लिए लैबलिंग घोषित करनी होगी. यह एक नया बदलाव है. मूल्य वृद्धि के बारे में उन्होंने कहा कि ऊर्जा दक्षता को सख्त करने पर लागत कुछ तो बढ़ती ही है. दाम दो से तीन फीसदी तक बढ़ सकते हैं.

नई दिल्ली : अगर आप अपनी जरूरतों के अनुरूप अपने घर में नया रेफ्रिजरेटर यानी फ्रिज खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो इससे पहले उसके दामों को लेकर जानकारी जरूर जुटा लें. खबर है कि भारत में फ्रिज बनाने और बेचने वाली कंपनियां दामों में करीब दो से पांच फीसदी तक बढ़ोतरी करने की फिराक में जुटी हुई हैं. समाचार एजेंसी भाषा की खबर के अनुसार, बिजली मंत्रालय के अधीन आने वाले ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) की तरफ से उपकरणों को दिये जाने ‘स्टार रेटिंग’ के संशोधित नियम एक जनवरी से लागू होने से रेफ्रिजरेटर के दाम पांच फीसदी तक बढ़ सकते हैं.

स्टार रेटिंग नियम में संशोधन के बाद बढ़ेंगी कीमतें

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, फ्रिज निर्माता कंपनी गोदरेज अप्लाइंसेस, हायर और पैनासॉनिक मुताबिक बीईई के स्टार रेटिंग के नए नियमों को लागू करने पर अलग-अलग मॉडल के आधार पर उपभोक्ताओं पर दो से पांच फीसदी तक का अतिरिक्त भार पड़ सकता है. बीईई उपकरणों की दक्षता के आधार पर स्टार रेटिंग देता है. उपरकणों पर एक से पांच तक लगने वाले ये सितारे बताते हैं कि संबंधित उत्पाद बिजली खपत के लिहाज से कितना दक्ष है. इसके साथ ही, लेबलिंग प्रक्रिया को भी सख्त किया गया है. नए नियमों के तहत फ्रॉस्ट फ्री मॉडल में फ्रीजर और रेफ्रिजरेटर प्रॉविजनिंग यूनिट्स (भंडारण वाले हिस्से) के लिए अलग से ‘स्टार लैबलिंग’ करना अनिवार्य किया गया है.

दाम में दो से तीन फीसदी तक बढ़ोतरी संभव

गोदरेज अप्लाइंसेस के व्यापार प्रमुख एवं कार्यकारी उपाध्यक्ष कमल नंदी ने कहा कि स्टार रेटिंग के तहत अब हमें दोनों के लिए लैबलिंग घोषित करनी होगी. यह एक नया बदलाव है. मूल्य वृद्धि के बारे में उन्होंने कहा कि ऊर्जा दक्षता को सख्त करने पर लागत कुछ तो बढ़ती ही है. दाम दो से तीन फीसदी तक बढ़ सकते हैं और यह अलग-अलग मॉडल तथा स्टार रेटिंग पर निर्भर करता है.

फ्रिज खरीदते वक्त सही फैसला लेने में मिलेगी मदद

हाल की स्टार लेबलिंग में जो एक और बदलाव है वह है रेफ्रिजरेट इकाई की सकल क्षमता के बजाए शुद्ध क्षमता की घोषणा करना. शुद्ध क्षमता उपयोग में आने वाली क्षमता को कहते हैं, जबकि सकल क्षमता का मतलब होता है कि रेफ्रिजरेटर में कितना तरल भरा जा सकता है. कमल नंदी ने कहा कि उदारहण के तौर पर दरवाजे और शेल्फ के बीच में जो जगह होती है, उसका उपयोग नहीं किया जा सकता इसलिए इसे नहीं गिना जाना चाहिए. इससे ग्राहक को रेफ्रिजरेटर खरीदते वक्त सही फैसला लेने में मदद मिलेगी, क्योंकि उन्हें पता चल पाएगा कि सामान रखने के लिए वास्तव में उन्हें कितनी जगह मिलेगी.

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ग्राहकों पर पड़ेगा अतिरिक्त भारत

वहीं, हायर अप्लाइंसेस इंडिया के प्रेसिडेंट सतीश एनएस ने कहा कि बीईई के संशोधित नियमों के बाद कुछ के कंप्रेसर फिर से लगाने या बदलने पड़ेंगे. निश्चित ही दाम दो से चार फीसदी बढ़ सकते हैं और इसका भार ग्राहकों पर आएगा. पैनासॉनिक मार्केटिंग इंडिया के प्रबंध निदेशक फुमियासू फुजीमोरी ने कहा कि बीईई के संशोधित नियमों के प्रभाव में आने पर रेफ्रिजरेटर के दाम पांच फीसदी तक बढ़ सकते हैं. लागत का अधिकतम भार हम स्वयं लेने की कोशिश करेंगे.

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