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बिकरू हत्याकांड मामले में खुशी दुबे को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, HC ने खारिज की थी याचिका

बिकरू हत्याकांड में आरोपी अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. न्यायालय ने बुधवार यानी आज खुशी को सशर्त जमानत दे दी है. खुशी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जमानत से इनकार करने वाले आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

Kanpur News: कानपुर के बहुचर्चित बिकरू हत्याकांड में आरोपी अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने बुधवार यानी आज खुशी को सशर्त जमानत दे दी है. खुशी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत से इनकार करने वाले आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है.

ब‍िकरू कांड में जमानत पाने वाली खुशी दुबे पहली आरोपित

दरअसल, बिकरू कांड में मुख्‍य आरोप‍ित विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे की पत्‍नी खुशी दुबे को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. जमानत की सुनवाई से पहले यूपी सरकार ने खुशी दुबे की जमानत का विरोध करते हुए अपना जवाब कोर्ट में दाख‍िल किया था. इसके साथ ही बिकरू कांड में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिजनों ने भी खुशी दुबे को जमानत दिए जाने को लेकर विरोध दर्ज किया गया था. ब‍िकरू कांड में जमानत पाने वाली खुशी दुबे पहली आरोप‍ित हैं.

ब‍िकरू कांड के समय खुशी की उम्र 17 वर्ष से भी कम थी

सुप्रीम कोर्ट में खुशी की जमानत का विरोध करते हुए सरकार ने कहा था कि, आरोपित के बाहर आने से विकास दुबे का गिरोह एक बार फिर से सक्रिय हो सकता है. इस पर कोर्ट ने कहा कि, जिस समय घटना हुई थी उस समय खुशी की उम्र 17 वर्ष से भी कम थी. ऐसे में अब 30 महीने बाद खुशी दुबे के जेल से बाहर आने का रास्‍ता साफ हो गया है. मिली जानकारी के अनुसार, खुशी दुबे को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब इस केस में ट्रायल शुरू हो गया है. लिहाजा उसे अब जेल में रखने की जरूरत नहीं है. इसके साथ ही खुशी को हर हफ्ते संबंधित थाने में हाजिरी लगाने को भी कहा है. फिलहाल, सेशन कोर्ट को खुशी दुबे की जमानत के लिए शर्तें तय करने का निर्देश भी दिया है

बिकरू कांंड में खुशी को बनाया गया था सह आरोपी

बिकरू कांंड में एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की पत्‍नी खुशी दुबे को पुलिस ने सह अभियुक्त बनाया है. पुलिस ने अमर दुबे की पत्नी खुशी पर फर्जी दस्तावेज लगाकर सिम लेने का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया था. बाद में शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के आधार पर दावा किया गया कि वह नाबालिग है. प्रमाण पत्रों के हिसाब से बिकरू कांड के समय खुशी की उम्र करीब 16 साल ही थी. तब उसे बच्‍चा जेल में भेजा गया. कुछ महीने पहले बालिग होने पर खुशी दुबे को माती जेल में स्‍थानांतरित किया गया था. फर्जी सिम कार्ड मामलें की सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड में चल रही है.

दो और तीन जुलाई 2020 को हुआ था बिकरू कांड

बता दें कि, 2-3 जुलाई 2020 की रात को कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बिकरु गांव में गैंगस्टर विकास दुबे के घर पुलिस की टीम दबिश देने पहुंची थी. इस दौरान घात लगाए बैठे विकास दुबे और उसके गुर्गों ने पुलिस टीम पर गोलियों से हमला बोल दिया था. इस कांड में एसीपी समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे.

बिकरू कांड में करीब 4 दर्जन लोग सलाखों के पीछे

 बिकरू कांड में 1 दर्जन पुलिसकर्मी घायल हुए थे. पुलिसकर्मियों की हत्या से गुस्साई पुलिस ने 3 जुलाई से तबतोड़ एनकाउंटर की शुरुआत की थी. घटना के 1 हफ्ते बाद बिकरू कांड के मास्टरमाइंड विकास दुबे को एसटीएफ ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. वहीं इस मामले में करीब 4 दर्जन लोग सलाखों के पीछे हैं.

रिपोर्ट: आयुष तिवारी

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