Jharkhand News: झारखंड हाइकोर्ट ने आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों के कैडर आवंटन मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनाैती देनेवाली अपील याचिकाओं पर सुनवाई की. जस्टिस एस चंद्रशेखर व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दाैरान माैखिक रूप से प्रार्थियों से जानना चाहा कि झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा आवंटित कैडर गलत कैसे है.
प्रार्थी व जेपीएससी का पक्ष सुनने के बाद खंडपीठ ने मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 11 जनवरी की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन मेरिट के आधार पर सामान्य वर्ग में हुआ था.
आयोग द्वारा नियम के तहत उन्हें कैडर आवंटित किया गया है, जिसमें किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं है. वहीं प्रार्थियों ने अपने ही कैटेगरी में कैडर आवंटित करने की मांग की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी चंदन कुमार व अन्य की ओर से अलग-अलग अपील याचिका दायर की गयी है. प्रार्थियों ने एकल पीठ द्वारा जून 2021 में पारित आदेश को चुनाैती दी है. एकल पीठ ने जेपीएससी द्वारा मेरिट के आधार पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को सामान्य वर्ग में कैडर आवंटन को सही ठहराया था.
झारखंड हाइकोर्ट ने जेपीएससी असिस्टेंट इंजीनियर प्रतियोगिता के पीटी में आरक्षण का लाभ देने के मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनौती देनेवाली अपील याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस एस चंद्रशेखर व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दाैरान प्रार्थी के आग्रह को स्वीकार कर लिया. साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 12 जनवरी की तिथि निर्धारित की.
इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से पक्ष रखते हुए खंडपीठ से समय देने का आग्रह किया गया. जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी भाष्कर ने अपील याचिका दायर की है. उन्होंने एकल पीठ के आदेश को चुनाैती दी है. प्रार्थी ने कहा है कि झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने असिस्टेंट इंजीनियर प्रतियोगिता परीक्षा के पीटी में आरक्षण का लाभ देते हुए रिजल्ट का प्रकाशन किया है.
कोटिवार रिजल्ट जारी किया गया है. आरक्षित श्रेणी के सैकड़ों अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ देते हुए सामान्य श्रेणी में रखा गया है. जेपीएससी ने ऐसा तब किया है, जब पीटी में आरक्षण का लाभ देने का कोई प्रावधान नहीं है. पूर्व में कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि कोटि व कोटा में क्या अंतर है.