पश्चिम बंगाल में प्राथमिक स्तर पर अवैध रूप से नियुक्त हुए और 140 लोगों की नौकरी कलकत्ता हाईकोर्ट ने खारिज कर दी. गत दिसंबर में न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने 53 ऐसे कर्मचारियों की नौकरी खारिज की थी. बुधवार को जस्टिस गांगुली ने सभी 193 लोगों का वेतन बंद करने का निर्देश दिया. इससे पहले 268 लोगों की नौकरी को न्यायाधीश ने खारिज किया था. वे सभी सुप्रीम कोर्ट चले गये थे. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से पुनर्विचार करके फैसला लेने को कहा था. फिर कोर्ट में पेश किये हलफनामे को देखने के बाद 193 लोगों की नौकरी खारिज करने और उनका वेतन बंद करने का निर्देश दिया गया. गौरतलब है कि शिक्षक नियुक्ति मामले में लगातार जांच जारी है और नियुक्ति को लेकर हंगामा भी जारी है.
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प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में विशेष सुविधा की मांग करते हुए ट्रांसजेंडर्स कलकत्ता हाईकोर्ट पहुंचे. उनका आरोप है कि ट्रांसजेंडर्स के लिए टीइटी परीक्षा में कोई विशेष स्थान नहीं है या नियुक्ति के लिए अलग कोई कोटा नहीं है. संवैधानिक अधिकार रहने पर भी वह कोई प्रतियोगी परीक्षा में हिस्सा नहीं ले पाते, इसलिए वे अदालत पहुंचे हैं. इसे लेकर मामला करने की अनुमति हाईकोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने दी है. याचिकाकर्ता के वकील सब्यसाची चट्टोपाध्याय ने अदालत में आवेदन किया कि किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में ट्रांसजेंडर के लिए जगह नहीं है. प्राथमिक शिक्षा परिषद की ओर से जो फॉर्म दिया जाता है, उसमें तृतीय लिंग के लोगों के लिए अलग से कोई ऑप्शन नहीं है. इसमें उन्होंने हाईकोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की है. वहीं इस मामले में लेकर जल्द ही सुनवाई की मांग की है.
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