बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि नये वर्ष में विभाग द्वारा नैनो यूरिया की उपयोगिता तथा उसके लाभ के बारे में किसानों को जागरूक किया जायेगा, ताकि अधिक- से-अधिक किसान नैनो यूरिया का उपयोग करें. इससे यूरिया पर होने वाले व्यय को कम किया जा सकेगा. मंत्री बुधवार को मीठापुर कृषि भवन के आडिटोरियम में बुधवार को कृषि डायरी, 2023 का विमोचन करने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे. उनका कहना था कि कृषि डायरी में कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी दी गयी है. विभागीय पदाधिकारियों की जानकारी दी गयी है. यह डायरी किसानों के लिए काफी उपयोगी साबित होगी. पंचायत स्तर तक के सभी पदाधिकारियों एवं प्रसार कर्मियों को ये उपलब्ध करायी जायेगी.
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को केन्द्र-बिन्दु में रखते हुए कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के विकास के लिए चतुर्थ कृषि रोड मैप के सूत्रीकरण का कार्य किया जा रहा है. बिहार में समावेशी विकास की परिकल्पना साकार करने के लिये चतुर्थ कृषि रोड मैप में महत्वपूर्ण अवयवों को शामिल किया जा रहा है. चतुर्थ कृषि रोड मैप में फसल विविधीकरण, दलहन एवं तेलहन फसल विकास, पोषक अनाज, जूट विकास तथा इन फसलों के बीज के लिए विशेष प्रयास किया जायेगा. साथ ही, जल उपयोग की दक्षता, गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में जोखिम प्रवणता एवं मिट्टी की उर्वरा के क्षरण को रोकने के लिए कार्यक्रमों का सूत्रीकरण किया जायेगा. कृषि सचिव एन सरवण कुमार, विशेष सचिव रवीन्द्र नाथ राय, कृषि निदेशक डा. आदित्य प्रकाश सहित मुख्यालय के पदाधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे.
कुमार सर्वजीत ने कहा कि वर्ष 2022-23 में रबी मौसम में भारत सरकार के द्वारा राज्य को आपूर्ति के लिये यूरिया की आवश्यकता का आकलन 12.70 लाख टन किया गया है. अक्टूबर से दिसम्बर तक जरूरत का 82 प्रतिशत यूरिया की आपूर्ति की गई है.
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माह – आपूर्ति के लिये स्वीकृत मात्रा (टन में)- वास्तविक आपूर्ति (टन में) – प्रतिशत
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अक्टूबर,2022 – 210000 – 134273 – 64
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नवम्बर,2022 – 250000 – 174650 – 70
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दिसम्बर,2022 – 330000 – 339812 – 103
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कुल – 790000 – 648735 – 82
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