देश और राज्यों की अर्थव्यवस्था अब धीरे-धीरे कोरोना काल के संताप से बाहर निकलने लगी है. यह माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में लगातार हो रही बढ़ोतरी हो रही है. दिसंबर -2021 और दिसंबर 2022 के जीएसटी संग्रह के तुलना करने से यह और भी स्पष्ट हो जाता है. दिसंबर 2021 में बिहार में 963 करोड़ का संग्रह हुआ थो जो दिसंबर-2022 में बढ़कर 1309 करोड़ हो गया. यानी इस अवधि में बिहार के जीएसटी संग्रह में 36 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि राष्ट्रीय संग्रह 18 प्रतिशत ही अधिक हुआ.
बिहार का जीएसटी संग्रह दर देश में सबसे अधिक
बिहार का जीएसटी संग्रह दर देश में सबसे अधिक है. राष्ट्रीय स्तर पर यह लगातार दसवां महीना है जब माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व 1.40 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है. बिहार में नवंबर में भी जीएसटी संग्रह 13 सौ के करीब था.
बिहार में जीएसटी संग्रह बढ़ने के कारण
बिहार में लगातार जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी की मुख्य वजह वाणिज्य कर विभाग द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और बिजनेस एनालासिस जैसे साफ्वेयर का प्रयोग है. इन तकनीक से मिले इंडीकेशन के आधार पर क्षेत्र का चयन करने के बाद विशेष टीम बनाकर की गई कार्रवाई. विभाग ने पहला टारगेट कर नहीं देने वाले कोचिंग संस्थानाओं को और दूसरा टारगेट रियल स्टेट को बनाया. विभाग की छापेमारी शुरु होते ही कोचिंग संस्थानों ने न केवल जीएसटी रिटर्न दाखिल करना शुरु कर दिया बल्कि कर भी जमा करने लगे है.
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जीएसटी संग्रह की तुलना
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राज्य – दिसंबर 2021 – दिसंबर 2022 – वृद्धि %
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बिहार – 963 – 1309 – 36
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उत्तर प्रदेश – 6029 – 7178 – 19
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झारखंड – 2206- 2536 – 15
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पश्चिम बंगाल – 3707 – 4583 – 24
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