1992 से लेकर 1998 तक का काल खंड स्टेडियम का स्वर्णिम दौर रहा. इस समय एक के बाद एक चार राष्ट्रीय स्तर के खेल आयोजन हुए. 1992 में तत्कालीन बिहार के मर्यादापूर्ण मोइनुल हक फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन यहीं किया गया था. उसी समय स्टेडियम का वीआईपी गैलरी बना था. उसके बाद राष्ट्रीय महिला फुटबॉल टूर्नामेंट, राष्ट्रीय सब जूनियर फुटबॉल टूर्नामेंट, प्रेसिडेंट कप राष्ट्रीय फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन किया गया था. इस स्टेडियम में कई बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम भी कराये गए. एक तरफ जहां मनोज तिवारी नाइट यहीं कराया गया था, तो वहीं पलामू चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज द्वारा अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भजन सम्राट अनूप जलोटा और कवि कुमार विश्वास नाइट भी कराया गया था. हाल के दिनों में दो अलग-अलग मीडिया समूह के द्वारा कॉमेडी किंग राजू श्रीवास्तव व भोजपुरी फिल्म के अभिनेत्री अक्षरा सिंह नाइट भी कराया गया था.
1992 से लेकर 1998 तक अपना स्वर्णिम काल जीने वाला पुलिस लाइन स्टेडियम में उस समय ग्रहण लगा जब नक्सली गतिविधि चरम पर थी और पुलिस लाइन की सुरक्षा के कारण इसमें तमाम गतिविधियां बंद कर दी गयी. यहां तक की करीब 15 वर्षों तक इसमें स्थानीय खिलाड़ियों को खेलने या बुजुर्ग नागरिकों को मॉर्निंग वाक करने की भी इजाजत नहीं थी. यह स्टेडियम सिर्फ पुलिस का रूटीन परेड और स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस समारोह के लिए ही खुलता था. इसी वजह से इसका देखरेख भी नहीं हुआ और यह जर्जर होता चला गया.
स्टेडियम के जर्जर हालत पर जब पलामू के आरक्षी अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि निगम के द्वारा इसे भव्य रूप से बनवाने का प्रस्ताव दिया गया था. निगम को इसकी अनुमति भी दी गयी थी, पर अभी तक काम शुरू नहीं किया गया. सामने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम यहीं होना है. ऐसे में किसी अनहोनी नहीं हो जाए इसका पूरा ख्याल रखा जायेगा. जल्द ही इसे अभी फिलहाल के लिए मरम्मत किया जायेगा, उसके बाद निगम से बात कर वस्तुस्थिति की जानकारी ली जाएगी. अगर निगम इसे नहीं बना पाएगी, तो विभाग से इसे बनवा लिया जाएगा.
Also Read: Jharkhand News: पलामू की सड़कों पर उतरे ‘यमराज’, यकीन नहीं होता तो पढ़ लें ये खबरइस मुद्दे पर जब मेयर अरुणा शंकर से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि पुलिस स्टेडियम शहर की शान है. इसे भव्य बनाया जायेगा. उन्होंने कहा कि चूंकि इसे तमाम आधुनिक सुविधायुक्त स्टेडियम बनाया जाना है. इसलिए इसके प्राक्कलन और डिजाइन बनाने में समय लग रहा है. स्टेडियम में फ्लड लाइट लगाने की भी योजना है, जिससे रात्रिकालीन खेल एवं कार्यक्रम भी आयोजित किया जा सके. कहा कि जल्द ही इसपर निर्णय लिया जाना है.
जब 1992 में मोइनुल हक फुटबाल टूर्नामेंट हुआ था, तो स्वर्गीय संतोष मुखर्जी ( केबु दा) इसके सचिव थे. उसी समय स्टेडियम बनने की शुरुआत हुई. इसके बाद जब राष्ट्रीय महिला फुटबॉल टूर्नामेंट हुए तो प्रो सुभाष चंद्र मिश्रा इसके आयोजन समिति के सचिव थे. उस समय भी कई गैलरी बनाये गए. उन्होंने प्रभात खबर से कहा कि स्टेडियम का ये हालत देखकर रोना आता है. किसी भी जगह की पहचान वहां के खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों से होती है. पलामू के इस केंद्र का जर्जर हालत पीड़ादायक है. कभी इसका निर्माण जन सहयोग से किया गया था, इसे ठीक करने के लिए भी पलामू की जनता सहयोग करने को तैयार है.
पलामू जिला फुटबॉल टूर्नामेंट आयोजन समिति के सचिव मनोहर लाली ने भी इस मुद्दे पर चिंता जाहिर किया है. उन्होंने कहा की 26 जनवरी के कार्यक्रम में वीआईपी के अलावा कई स्कूली बच्चे शामिल रहते हैं. काफी भीड़ भी होती है. इसके बाद एक बड़ा फुटबॉल टूर्नामेंट भी इसी ग्राऊंड में होना है. ऐसे में जल्द से जल्द स्टेडियम का जर्जर हिस्सा बना देना चाहिए.
रिपोर्ट : सैकत चटर्जी, पलामू.