पशुओं से प्यार करने वालों के बारे में आपने सुना ही होगा. पशु प्रेमी अपने घर में कुत्ता, बिल्ली, गाय, मछली, खरगोश जैसे कई जानवर पालते हैं और उन्हें घर के सदस्य की तरह ही रखते हैं, उनकी देखभाल करते हैं. पालतू जानवरों में पाले जानेवाले सबसे प्रिय जानवर कुत्ते होते हैं. वहीं इंसान के डॉक्टरों की तरह जानवरों के डॉक्टर भी अपने मरीज की जान बचाने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं. ऐसा ही कुछ हुआ जब दिल की जानलेवा बीमारी से पीड़ित एक कुत्ते के ऑपरेशन के लिए एक सर्जन जर्मन से मुंबई पहुंचा, और उसकी ओपन हर्ट सर्जरी कर उसकी जान बचाई गई.
वैफल नामक एक कुत्ता जब सिर्फ एक महीने का था तब से ही उसमें कुछ सामान्य नहीं था. वैफल की मालकिन रानी वंकावाल मुंबई के जुहू में रहती हैं. उन्होंने जब उसे पहली बार उसे पकड़ा, तो उन्हें एक असामान्य आवाज और कंपन महसूस हुई. जब डॉक्टरों के पास लेकर पहुंचे तो उन्हें मालूम हुआ कि उसे जन्म से ही दिल की बीमारी है, जिसे पेटेंट डक्टस आर्टेरियोसस भी कहा जाता है .
वेटरनरी कार्डियोलॉजिस्ट और एनेस्थिसियोलॉजिस्ट हैं डॉ. दीप्ति देशपांडे के अनुसार चमत्कारी बात यह थी कि इस गंभीर बीमारी के बाद भी वैफल चार साल से जीवित था. इस उम्र तक वैफल को पालने में परिवार ने बहुत सावधानी बरती गई. जो उसके जीवित रहने का बड़ा कारण था.
डॉ. देशपांडे ने सोचा थी कि इस बीमारी के साथ वैफल एक साल से अधिक जीवित नहीं रहेगा. वह बच गया और जैसा कि हमने देखा कि उसकी हालत बिगड़ती जा रही थी तो उन्होंने सर्जरी कराने का फैसला किया. जर्मनी के कार्डियक सर्जन डॉ. मथियास फ्रैंक से संपर्क किया गया, जिन्होंने विदेश में रहकर पहले इस तरह की सर्जरी की है. इस सर्जरी को पेटेंट आर्टेरियसस का सर्जिकल लिगेशन कहा जाता है और इसे डॉ. चौसालकर के टॉप डॉग पेट्स क्लिनिक में किया गया था.