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गुमला के 9 हजार से अधिक किसानों का लोन हुआ माफ, जिला प्रशासन ने इतने का रखा है लक्ष्य

गुमला भर में दो लाख से भी अधिक किसान हैं, जिसमें लगभग 80 हजार किसानों ने कृषि कार्यों के लिए विभिन्न बैंकों से ऋण लिया है. इन 80 हजार किसानों में से लगभग 28 हजार किसान ही स्टैंडर्ड लोनी हैं

Gumla News: झारखंड कृषि ऋण माफी योजना के तहत गुमला जिले के वैसे स्टैंडर्ड लोनी किसान, जिन्होंने कृषि कार्यों के लिए ऋण लिया है. उनका ऋण माफ कराने के लिए जिला प्रशासन रणनीति बनाकर कार्य कर रहा है. जिले में अब तक ई-केवाईसी कराने वाले 9686 स्टैंडर्ड लोनी किसानों का ऋण माफी किया जा चुका है, जबकि शेष किसानों का ऋण माफी कराने के लिए कार्य चल रहा है. बताते चले कि जिले भर से लगभग 28 हजार स्टैंडर्ड लोनी किसानों का ऋण माफ करने का लक्ष्य है.

ऐसे तो जिले भर में दो लाख से भी अधिक किसान हैं, जिसमें लगभग 80 हजार किसानों ने कृषि कार्यों के लिए विभिन्न बैंकों से ऋण लिया है. इन 80 हजार किसानों में से लगभग 28 हजार किसान ही स्टैंडर्ड लोनी हैं. झारखंड कृषि ऋण माफी योजना के तहत सिर्फ स्टैंडर्ड लोनी किसानों का ऋण माफ किया जा रहा है. इधर, दो जनवरी 2023 तक 28 हजार किसानों में से 15,023 स्टैंडर्ड लोनी किसानों को जिले में संचालित विभिन्न बैंकों द्वारा चिह्नित किया गया है.

इनमें से 9686 स्टैंडर्ड लोनी किसानों का ऋण माफ किया जा चुका है, जबकि शेष चिह्नित 5337 किसानों का ऋण माफी ई-केवाइसी नहीं कराने के कारण अब तक नहीं हो सका है. इन 5337 किसानों में भी 4058 किसानों का ई-केवाइसी नहीं हो सकता है. जब इ-केवाइसी नहीं हो सकता है, तो ये किसान योजना से लाभान्वित भी नहीं हो सकते हैं. ई-केवाईसी नहीं होने के कई कारण है. ऐसा इसलिए कि किसान या तो पलायन कर गये हैं या तो मर चुके हैं.

काफी संख्या में ऐसे किसान भी हैं, जिनके पास न तो राशन कार्ड है और न ही आधार कार्ड. कई किसानों ने तो डुप्लीकेट राशन व सफेद राशन कार्ड के माध्यम से ऋण लिया है, जिससे ऐसे किसानों का न तो ई-केवाइसी हो सकता है और न ही ये योजना से ही हो सकते हैं.

ऋण लेने वाले 245 किसानों की हो चुकी है मौत: कृषि कार्यों के लिए ऋण लेने के बाद मृत किसानों की संख्या 245 है. इसमें बिशुनपुर प्रखंड से एक, जारी से 22, पालकोट से 25, सिसई से 26, गुमला से 32, चैनपुर से 17, कामडारा से तीन, डुमरी से तीन, घाघरा से 16, बसिया से 25, रायडीह से 35 व भरनो प्रखंड से 40 किसान मृत हो चुके हैं. इसके साथ जिले भर से 1459 किसानों के पास राशन कार्ड और 87 किसानों के पास आधार कार्ड नहीं है. वहीं बैंकों में ई-केवाईसी का बाकी होने के मामले में 276 किसानों, सफेद कार्ड से ऋण लेने वाले 129 मामले तथा अन्य कारणों के 179 मामले हैं.

ऋण लेने के बाद रोजी-रोजगार की तलाश में पलायन कर चुके हैं 1455 किसान: कृषि कार्यों के लिए ऋण लेने के बाद जिले से रोजी-रोजगार की तलाश में पलायन करने वाले किसानों की संख्या 1455 हैं. इसमें बिशुनपुर प्रखंड से 57, जारी से 47, पालकोट से 73, सिसई से 169, गुमला से 212, चैनपुर से 67, कामडारा से 18, डुमरी से 46, घाघरा से 348, बसिया से 77, रायडीह से 78 व भरनो प्रखंड से 263 किसान हैं.

228 किसानों ने डुप्लीकेट राशन कार्ड के माध्यम से ऋण लिया है: कृषि कार्यों के लिए ऋण लेने वाले किसानों में से अब तक 228 ऐसे किसानों को चिह्नित किया गया है, जिन्होंने डुप्लीकेट राशन कार्ड के माध्यम से ऋण लिया है. इसमें जारी प्रखंड से तीन किसान, पालकोट से 44, सिसई से 21, गुमला से 30, चैनपुर से 11, डुमरी से चार, घाघरा से 18, बसिया से तीन, रायडीह से 13 व भरनो प्रखंड से 81 किसानों ने डुप्लीकेट राशन कार्ड के माध्यम से ऋण लिया है.

जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा:

जिला कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार सिन्हा ने बताया कि झारखंड कृषि ऋण माफी योजना के तहत कृषि कार्यों के लिए ऋण लेने वाले स्टैंडर्ड लोनी किसानों का ऋण माफी किया जा रहा है. अब तक चिह्नित किसानों में से लगभग 10 किसानों का ऋण माफ किया जा चुका है. श्री सिन्हा ने बताया कि ऋण लेनेवाले लगभग 28 हजार किसानों का ऋण माफी योजना से लाभान्वित करने का लक्ष्य है. स्टैंडर्ड लोनी किसानों को चिह्नित करने के बाद सत्यापन का कार्य चल रहा है. हमारा प्रयास है कि योजना के तहत लक्षित समूह के शत-प्रतिशत किसान योजना से लाभान्वित हो.

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