Palamu News: पलामू के सतबरवा में राजकीय मध्य विद्यालय कसियाडीह की अलग पहचान है. यहां पढ़ने वाले विद्यार्थी स्वयं को ऐसा महसूस करते हैं कि वह किसी सरकारी विद्यालय में नहीं, बल्कि कोई बड़े प्राइवेट विद्यालय में पढ़ते हो. इस तरह की ऐसी व्यवस्था यहां बनायी गयी है. पूरे विद्यालय के कमरों को इस तरह से रंग रोगन कराया है कि बाहर से देखने वाले को ऐसी ऐसी मालूम पड़ता है कि कोई ट्रेन रुकी हुई है. वहीं विद्यालय की सजावट भी अलग तरह से की गयी है. विद्यालय की साफ-सफाई तो देखते ही बनती है. और यही कारण है कि यहां विद्यार्थी खींचे चले आते हैं. अभिभावकों के लिए भी यह आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस विद्यालय को झारखंड एजुकेशनल ट्रेन का नाम दिया गया है.
इस पूरी व्यवस्था को करने में सरकारी मदद के अलावा कुछ निजी खर्च भी की गयी है. दरअसल, इस पूरी व्यवस्था को दुरुस्त करने का श्रेय यहां के प्रधानाध्यापक गोविंद प्रसाद को जाता है. उनकी इच्छाशक्ति के बल पर इस विद्यालय का रंग रूप में बदलाव दिख रहा है.गोविंद प्रसाद ने इस विद्यालय में 2016 में पदभार लिया है. तब विद्यालय का अपना ऑफिस भी उपलब्ध नहीं था. लेकिन उन्होंने अभिभावकों के सहयोग, विद्यालय के शिक्षकों की टीम भावना और पदाधिकारियों के सहयोग के बल पर विद्यालय का कायाकल्प कर दिया है. इस विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद, गीत संगीत, नृत्य कला की भी शिक्षा दी जा रही है.
सतबरवा प्रखंड मुख्यालय से महज आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस विद्यालय नामांकित विद्यार्थियों की संख्या 316 है. विद्यालय में विद्यार्थियों के लिए सभी तरह के खेल सामग्री, लाइब्रेरी, स्मार्ट क्लास के लिए कंप्यूटर, दो प्रोजेक्टर, एलईडी, साउंड सिस्टम ,रनिंग वाटर के अलावा बिजली कटने पर इनवर्टर की भी व्यवस्था की गयी है. जिससे विद्यार्थियों में खेल,नृत्य, संगीत के अलावा पढ़ाई का स्तर में भी लगातार वृद्धि हो रही है.
2020 में राज्य स्तरीय क्रॉस रेस प्रतियोगिता में विद्यालय के चार विद्यार्थियों ने भाग लिया था. इस प्रतियोगिता में आठवीं और दसवीं स्थान लाकर पलामू जिले समेत प्रखंड का भी नाम रोशन करने का कार्य किया है .वही विद्यार्थियों ने कई प्रतियोगिता में भी जीत चुके हैं.
Also Read: झारखंड के इस नामी इलाके में आज तक नहीं पहुंची है रेल की सुविधा, नजदीकी रेलवे स्टेशन 45 किमी दूर
विद्यालय के प्रधानाध्यापक गोविंद प्रसाद ने कहा कि जो भी संसाधन उपलब्ध कराया गया है उसका भरपूर सदुपयोग किया जाता है. अभिभावकों का भी इसमें भरपूर सहयोग मिलता है. स्वयं विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का माहौल कायम हो इसका प्रयास कर रहे हैं.शिक्षकों के सहयोग से सबकुछ बेहतर करने में जुटे हैं.सिर्फ खामियां गिनाने से नहीं बल्कि कार्य करने से बदलाव होगा.
रिपोर्ट : रमेश रंजन, सतबरवा